रेवेन्यू विभाग की गलती का खमियाज भुगत रहे दुकानदार
रेवेन्यू विभाग ने 42 साल बाद अपने ही रिकॉर्ड को गलत बताते हुए दोषी दुकानदारों को ठहरा दिया।
जागरण संवाददाता, मोगा : रेवेन्यू विभाग ने 42 साल बाद अपने ही रिकॉर्ड को गलत बताते हुए दोषी दुकानदारों को ठहरा दिया। शहर के जोगिदर सिंह चौक में स्थित गोयल मार्केट में 11 दुकानें हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण कर जब जमीन का मुआवजा देने का मामला आया तो अब उसी रेवेन्यू विभाग के अधिकारियों ने दुकानदारों पर दोष मढ़ते हुए करोड़ों रुपये कीमत वाली उनकी जमीनों की मूल कीमत देने के बजाय सिर्फ मलबे के दो से तीन लाख के चेक तैयार कर लिए हैं। रेवेन्यू विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनकी रजिस्ट्री खसरा संख्या-412 में हुई है, जबकि वे खसरा संख्या-411 में बैठे हैं।
हैरानी की बात है कि रेवेन्यू विभाग के अधिकारी इन्हीं दुकानदारों की अब तक 42 सालों में पांच-पांच बार रजिस्ट्रियां कर चुके हैं, हर बार लिखे गए वसीका में दुकानों की दिशाएं व जगह का जिस प्रकार से उल्लेख किया गया है वह वर्तमान में दुकानों वाली जगह का ही है, लेकिन अब अपने ही रिकॉर्ड को रेवेन्यू विभाग गलत बता रहा है, लेकिन दोषी दुकानदारों को ठहरा रहा है।
शहर के जोगिदर सिंह चौक में गोयल मार्केट के दुकानदारों के साथ पिछले 50 से 60 साल से प्रशासन का रेवेन्यू विभाग खसरा संख्या 411 में रजिस्ट्री करते आ रहे हैं। रजिस्ट्री किसी और खसरा नंबर की कर दी गई हैं। रिकॉर्ड में मालिक कहीं और दिखा दिया है। रेवेन्यू विभाग की इस हेराफेरी का खामियाजा अब गोयल मार्केट के 31 में से 11 दुकानदारों को भुगतना पड़ेगा। हाईवे के निर्माण के लिए मार्केट की 11 दुकानें ध्वस्त की जानी है। इसके लिए रेवेन्यू विभाग के पटवारी से लेकर नायब तहसीलदार तक दुकानदारों को मलबे की राशि लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। हैरानी की बात है कि जिन दुकानदारों की दुकानें ध्वस्त की की जानी है उनके पास 50 से 60 साल पुरानी रजिस्ट्री हैं। उनकी दुकानों की वैल्यूएशन बैंकों ने करोड़ों रुपए में की है और उसी के आधार पर उनको लोन दिए गए हैं। इसको लेकर दुकानदारों में भारी आक्रोश का माहौल है।
इन दुकानों का अधिग्रहणा हाईवे लुधियाना तलवंडी हाईवे के तहत अमृतसर रोड की बस हाईवे बनाने के लिए किया गया है। दुकानदारों का कहना है अगर उन्हें जिला प्रशासन से इंसाफ नहीं मिला तो हाईकोर्ट की शरण लेंगे। ये होंगे प्रभावित
संजीव गुप्ता पुत्र राम प्रताप गुप्ता, संदीप मदान पुत्र हरबंस मदान, आत्मा सिंह पुत्र होशियार सिंह, गुरमीत सिंह पुत्र गुरभजन सिंह, गुरजिदर बजाज पुत्र अजीत सिंह बजाज, मनोज धीर पुत्र बैज मोहन, पंकज गुप्ता पुत्र श्यामलाल, ममता गुप्ता पत्नी संजीव गुप्ता आदि। कमेटी करेगी रिकॉर्ड की जांच
एसडीएम सतवंत सिंह का कहना है कि एक कमेटी का गठन कर दिया गया है, अगर रिकॉर्ड में किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई गई तो रिकॉर्ड दुरुस्त किया जाएगा।