गीता भवन में स्वामी सहज प्रकाश के निमित किए शांति पाठ
गीता भवन गीता भवन स्कूल मोगा पावन धाम हरिद्वार के अध्यक्ष ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश के निमित शांति पाठ एवं श्रद्धांजलि समागम का आयोजन किया गया
संस, मोगा : गीता भवन, गीता भवन स्कूल मोगा, पावन धाम हरिद्वार के अध्यक्ष ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश के निमित शांति पाठ एवं श्रद्धांजलि समागम का आयोजन किया गया। इस दौरान संतों, कथावाचकों व स्वामी सहज प्रकाश के सेवकों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
दिल्ली से पधारे महानिर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी चन्द्रशेखरानन्द ने कहा कि जब संयास दिया जाता है तब वह ब्रह्म स्वरूप बन जाता है। संतों का कभी मरण नहीं होता वह सदैव जीवित रहते हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी वेदांतानंद जी द्वारा बनाए दीप में जो दीपक स्वामी सहज प्रकाश जगाकर गए है उसमे थोड़ा घी डालते रहे। आपका जीवन सदा खुशहाल रहेगा। संतों में कभी मोह अहंकार नहीं होना चाहिए, जिसमे यह गुण है वह ही सच्चा संत है। इस दौरान पवन गौतम ने कहा कि स्वामी वेदांतानंद के दर्शाए रास्ते पर ही आगे बढ़ते जो गीता भवन का पौधा लगाया व रास्ता दिया उन्हें आगे बढ़ाने का कार्य सहज सहज प्रकाश ने किया।हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही है की इस पौधे को मोगा वासी चलते रहे। एडवोकेट सुनील गर्ग ने कहा आज भक्तों व ट्रस्ट के सदस्यों व स्कूल स्टाफ द्वारा स्वामी सहज प्रकाश को श्रद्धांजलि दी। जैसे वेदांतानंद की कृपा बनी है उसी तरह सहज प्रकाश की कृपा भी बनी रहे। इस तरह के संत आते वह अपनी कृपा करते है। स्वामी सहज प्रकाश ने अपने संघर्ष के चलते गीता भवन पर कोई आंच नहीं आने दी। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट का अर्थ विश्वास है जो स्वामी जी ने कुछ भक्तो ंको दिया है।मैनेज करने के लिए है। आज संकल्प ले की सभी भक्त इस संस्थान का ट्रस्टी समझें। और संस्थान को स्वामी जी की सोच मुताबिक आगे लेकर जाएंगे। इस अवसर पर विजय सिगला, महिदर जिदल, आर के पुरी, ़खुशवंत जोशी, सुनील गर्ग, सुरिदर गोयल, पवन अग्रवाल, तरसेम सिगला, आर के सूद, वीनू गुप्ता, राधेश सिगला, नरेश किट्टू,रमेश कुक्कू, वरिदर कौड़ा, पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर अनिल बांसल के अलावा भक्त जन, स्कूल स्टाफ आदि मौजूद रहे।