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शिरोमणि साहित्य पुरस्कारों के लिए योग्य शख्सियतों का दोबारा चयन हो: मित्र सैन मीत

। पंजाब सरकार की ओर से इस वर्ष शिरोमणि साहित्य पुरस्कारों के लिए छह करोड़ रुपये की राशि रखी गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 09:49 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 09:49 PM (IST)
शिरोमणि साहित्य पुरस्कारों के लिए योग्य शख्सियतों का दोबारा चयन हो: मित्र सैन मीत
शिरोमणि साहित्य पुरस्कारों के लिए योग्य शख्सियतों का दोबारा चयन हो: मित्र सैन मीत

संवाद सहयोगी,मोगा

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पंजाब सरकार की ओर से इस वर्ष शिरोमणि साहित्य पुरस्कारों के लिए छह करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। लेकिन पुरस्कारों का चयन को लेकर कोई नीति न होने कारण यह पुरस्कार विवादों में घिर गए हैं। पुरस्कारों के वितरण में भाई-भतीजा वाद व राजनीतिक दखल के आरोप लगने कारण एक बार यह प्रक्रिया अदालती दांव में फंसकर रह गई है।

ये विचार आज मोगा के कामरेड नछत्तर सिंह भवन मोगा में राष्ट्रीय सेमिनार के दौरान साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों ने संयुक्त तौर पर प्रकट किए। इस सेमिनार में जिले के प्रमुख लेखकों, रागियों, ढाडियों, कवीशरों, नाटककारों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर प्रमुख प्रवक्ता नावलकार मित्र सैन मीत ने विभिन्न प्रवक्ताओं द्वारा उठाए गए सवालों के जबाव देते कहा कि पंजाब सरकार द्वारा हर वर्ष करीब एक करोड़ रुपये शिरोमणि पुरस्कारों पर खर्च किए जाते हैं। हाई कोर्ट में एक हलफिया बयान देने के बावजूद भी पंजाब सरकार द्वारा अभी तक कोई पुरस्कार नीति नहीं बना सकी। जिस कारण स्क्रीनिग कमेटी के सदस्यों को मनमर्जी करने व राजनीतिक लोगों को दखल अंदाजी करने का मौका मिल रहा है। इन कारणों से पुरस्कारों के सम्मान को भारी ठेस भी पहुंच रही है। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि यह चयन रद किया जाए तथा पहले की तरह नियम बनाकर पुरस्कारों के लिए योग्य शख्सियतों का दोबारा चयन किया जाए।

इस मौके पर साहित्यकार अमर सूफी, सुरजीत सिंह काऊके, बेअंत कौर दिल, सुरजीत सिंह दोधर, प्रो. कर्म सिंह, पूर्व डीपीआरओ ज्ञान सिंह, साधू सिंह धम्मू, डा. जसविदर सिंह सराभा, गायक हरमिलाप सिंह, अवतार सिंह जगराओं, राजविदर रौंता, चरणा पत्तों, सुखदेव सिंह बराड़, महेन्द्रपाल लूंबा, चरणदास, गुरसेवक सिंह सन्यासी, आदेश सहगल, सर्बजीत कौर माहला ने मित्र सैन द्वारा उठाए गए सवालों पर गंभीर चिता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार व भाषा विभाग को तुरंत इन सवालों के जबाव में कोर्ट में पेश करके एक निष्पक्ष बोर्ड का गठन करके पुरस्कारों के लिए दोबारा नाम की मांग करनी चाहिए। इस अवसर पर कहानीकार गुरमीत कड़ियालवी, जसवंत सिंह पुराने वाला, रंजीत सिंह धालीवाल, प्रेम कुमार, दविदरजीत सिंह गिल, नरजीत कौर, जसवीर कौर, प्रवीण कुमारी आदि के अलावा भारी संख्या में भ् ाषा प्रेमी व कलाकार उपस्थित थे।

राजू


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