एससी-बीसी शिक्षक कल करेंगे डीईओ का घेराव
। हरजिदर पुराने वाला ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि मोगा जिले में अनुसूचित जाति अध्यापकों के साथ धक्केशाही की जा रही है।
संवाद सहयोगी,मोगा
एससी-बीसी अध्यापक यूनियन जिला इकाई मोगा के अध्यक्ष सुरिदर सिंह, महासचिव वीर सिंह, आरटीआइ इंचार्ज अजीतपाल सिंह दौधर, वित्त सचिव कुलदीप सिंह दातेवाल विशेष सहयोगी, बलजिदर धालीवाल, सिकंदर सिंह, उपाध्यक्ष हरविदर मार्शल, स्टेट प्रेस सचिव हरजिदर पुराने वाला ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि मोगा जिले में अनुसूचित जाति अध्यापकों के साथ धक्केशाही की जा रही है। पिछले कई वर्षो से पदोन्नति नहीं हुई। डीईओ दफ्तर से कई बार अपील करने के बावजूद भी उनकी बात नहीं सुनी गई। हर बार टाल-मटोल कर दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि अब इसके विरोध में वे डीईओ एलिमेंट्री का 21 जनवरी को घेराव करने जा रहे है। उनकी मुख्य मांगें ईटीटी से एचटी की पदोन्नति जल्द करना, अनुसूचित जाति के अध्यापकों का बैकलाग पूरा करने, अनुसूचित जाति के अध्यापकों को बैक डेट से सारे लाभ देना और पदोन्नति में रिजर्वेशन व रोस्टर प्वाइंट को नियमानुसार लागू करना आदि शामिल है। नेताओ ने यह भी चेतावनी दी कि अगर डीईओ दफ्तर का अनुसूचित जाति के अध्यापकों के प्रति यह गैर संवैधानिक नजरिया न बदला तो वह पक्का मोर्चा लगाने से गुरेज नही करेंगे। मरणव्रत पर बैठे साथियों के समर्थन में पटियाला जाएंगे मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर पटियाला में मरणव्रत पर बैठे प्रोबेशंसर्स मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों का समर्थन करने के लिए मोगा से भी हेल्थ वर्कर वहां जाएंगे।
एक्शन कमेटी की ओर से 20 जनवरी को पटियाला में किए जाने वाले प्रदेश स्तरीय संघर्ष में जिला मोगा के समूह हेल्थ वर्कर शामिल होंगे। इस संबंध में बलराज सिंह, पलविदर सिंह, गुरनाम सिंह, कर्मजीत सिंह घोलियां, गगनप्रीत सिंह, जगजीत सिंह सलीना, रिपा, परमिदर सिंह, बसंत सिंह, सुखविदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, निर्मल सिह, जगमीत सिंह व राजेश ने कहा कि 22 दिसंबर को डायरेक्टर सेहत सेवाएं कार्यालय के समक्ष रखे मरणव्रत को आश्वासन देकर खत्म कर दिया गया था। 23 दिसंबर को सेहत मंत्री से पैनल बैठक हुई तथा भरोसा मिला कि 15 दिन में पंजाब सरकार द्वारा परख काल समय दो वर्ष करने की मांग पूरी कर दी जाएगी। लेकिन 15 दिन पूरे होने पर सेहत मंत्री ने मांग पूरी करने में असमर्थता जाहिर करते हुए सब मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि एक्शन कमेटी द्वारा पत्र लिखने के बावजूद मुख्यमंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद पटियाला कमेटी की ओर से संघर्ष शुरू किया गया है। अब मांगों को मनवाने तक संघर्ष को तेज किया जाएगा।