Moga News: अध्यापिका मिन्नी ने सपना मरने नहीं दिया, दूसरों की बेटियों में उसे रखा जिंदा
लुधियाना के आयकर अधिकारी की बेटी मिन्नी ने एक नई मिसाल कायम की है। बचपन का सपना भी पुलिस अधिकारी बनने का था पिता आयकर विभाग में अधिकारी होने के बावजूद परिवार की सोच में कहीं न कहीं रूढ़िवादी थी।
जागरण संवाददाता, मोगा। सपने को पूरा करने का जज्बा अगर मन में हो तो सपने कभी मरते नहीं है। लुधियाना के आयकर अधिकारी की बेटी मिन्नी का बचपन का सपना भी पुलिस अधिकारी बनने का था, पिता आयकर विभाग में अधिकारी होने के बावजूद परिवार की सोच में कहीं न कहीं रूढ़िवादी थी, परिवार को लगता था कि बेटी अगर पुलिस में भर्ती हो गई तो पुलिस की ट्रेनिंग के लिए उसे घर से दूर भेजना पड़ेगा, इस कारण परिवार ने उन्हें कभी पुलिस की नौकरी के लिए आगे नहीं आने दिया।
पुलिस अधिकारी बनने का था ख्वाब
महज आठवीं कक्षा की छात्रा के रूप में मिन्नी के आंखों में बसे इस सपने को उन्होंने मरने नहीं दिया, भले ही परिवार का सहयोग न मिलने के कारण वे खुद पुलिस अधिकारी नहीं बनीं, लेकिन उन्होंने ठान लिया कि कभी फिर किसी परिवार की ऐसी रुढ़िवादी सोच के कारण किसी और बेटी का सपना मरने न पाए, इसलिए उन्होंने राष्ट्र निर्माण करने वाले अध्यापन को अपना लिया। शादी से पहले मिन्नी ने बीएससी (आइ) की ग्रेजुशन की डिग्री हासिल की। अध्यापक बनने के लिए उन्हें उच्च शिक्षा ग्रहण करनी थी, ऐसे में उन्होंने ससुराल आकर बीएड की।
ससुराल में चुनाैतियाें से किया मुकाबला
हालांकि ससुराल में भी चुनौतियां कम नहीं थी, लेकिन मिन्नी ने परिवार में बेहतर ढंग से खुद को एडजस्ट किया। पहले बीएड करने के बाद अध्यापक बनीं, लेकिन शिक्षा फिर भी नहीं छोड़ी, अब आरकेएस पब्लिक सीनियर सैकेंडरी स्कूल में अध्यापक बनकर भी एमए की पढ़ाई जारी रखी है। स्कूल जीवन में मिनी न सिर्फ पढ़ाई में अव्वल दर्जे की छात्रा थीं, बल्कि वह खेल खासकर जूडो कराटे में भी अव्वल थी, क्योंकि सपना तो पुलिस में जाने का था तो वे उसी दिशा में आगे बढ़ रही थीं, बाद में उन्होंने स्कूल में आकर छात्राओं को भी जूडो-कराटे सिखाकर उनमें आत्मविश्वास भरने का काम किया।
भरोसा भी जीता, आत्मविश्वास भी भर रहीं
मिन्नी जानती थीं कि बच्चा सबसे ज्यादा भरोसा अध्यापक पर करता है, ऐसे में वे अध्यापक के रूप में बच्चों के साथ भरोसे का रिश्ता तो बनाती हैं, लेकिन बच्चे के अंदर पल रहा सपना भी पूरा हो, इसके लिए वे कराटे कोच के साथ ही उन्होंने डांस कोरियोग्राफी में भी महारत हासिल किया। डांस के माध्यम से उन्होंने बच्चों की प्रतिभा को उभारने का काम किया, साथ ही पुराने जमाने में दादा, दादी, नाना नानी की बच्चों को कहानियों के माध्यम से उन्हें संस्कारित करने, उनमें देशभक्ति, पर्यावरण सरंक्षण का जज्बा भरने के लिए स्टोरी टैलर भी बनीं, वे बच्चों को प्रेरक स्थानों पर उन्हे अच्छे कामों को प्रेरित करने वाली कहानियां उन्होंने संस्कार वान बनाने की दिशा में भी काम कर रही हैं।
इंटनेट मीडिया पर बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय
उनकी कहानियां इंटनेट मीडिया पर बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही हैं। बच्चे बड़े ही रुचिकर ढंग से न सिर्फ उनकी कहानियों को सुनते हैं, बल्कि उनकी बात भी मानते हैं। मिन्नी का कहना है कि जब पुलिस में जाने का उनका खुद का सपना पूरा नहीं हुआ तभी उन्होंने तय तक लिया था कि सपने को टूटने नहीं दिया है, राष्ट्र निर्माण करने वाले अध्यापक के रूप तमाम बेटियों में ये सपना पूरा होते देखना है। ये प्रयास लगातार जारी है।