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एकादशी के उपलक्ष्य में गोपाल गोशाला मंदिर में करवाया संकीर्तन

निर्जला एकादशी के उपलक्ष्य में गोपाल गोशाला मंदिर में जय मां चितपूर्णी संकीर्तन मंडल के सदस्यों प्रधान चमनलाल गोयल एसके बांसल और रमन गोयल ने ज्योति प्रचंड की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 10:35 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 10:35 PM (IST)
एकादशी के उपलक्ष्य में गोपाल गोशाला  मंदिर में करवाया संकीर्तन
एकादशी के उपलक्ष्य में गोपाल गोशाला मंदिर में करवाया संकीर्तन

संवाद सहयोगी, मोगा

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निर्जला एकादशी के उपलक्ष्य में गोपाल गोशाला मंदिर में जय मां चितपूर्णी संकीर्तन मंडल के सदस्यों, प्रधान चमनलाल गोयल, एसके बांसल और रमन गोयल ने ज्योति प्रचंड की।

राधिका, मीनू और शकुंतला देवी ने हरे कृष्णा हरे कृष्णा. कृष्णा हरे हरे, कुछ ते मुख विचो बोल वे तेनु मिलने नू आया, जय गोमाता जय गोपाल जय जय श्री वृन्दावन लाल, गंगा मैया तारण हार कर दो कर दो बेड़ा पार, मेरे मन मंदिर में आओ सांवरे गिरधारी, प्रभु इतनी कृपा करना तेरा ध्यान रहे हर पल, राधे राधे श्याम मिला दे, सतगुरु मैं तेरी पतंग हवा विच उड़ दी जावांगी, डोर हत्थो छड्डी ता मै कट्टी जावांगी .आदि भजनों से सभी भक्तों को भक्तिरस से सरोबार किया। कीर्तन के पश्चात मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित पवन कौशिक ने निर्जला एकादशी के महत्व का वर्णन करते हुए बताया कि एकादशी का दिन भगवान विष्णु को अति प्रिय है। इस दिन व्रत करने से अनेकों मनोकामनाएं पूर्ण होती है। व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस मौके पर आई हुई संगत ने कीर्तन का आनंद लेते हुए भगवान की स्तुति श्रवण की। श्री रामायण का पाठ करने के बाद भक्तों ने किया संकीर्तन स्थानीय अमृतसर रोड स्थित अनंतेश्वर महादेव शिव मंदिर में रामायण के पाठ के दौरान भक्तों ने गणपति पूजन और नव ग्रह पूजन करके ज्योति प्रचंड की। नव दुर्गा के दरबार में कोरोना महामारी को खत्म करने की प्रार्थना की।

महिला संकीर्तन मंडल द्वारा गणपति आराधना करके सामूहिक रूप में श्री हनुमान चालीसा व श्री सुंदरकांड का पाठ किए। मीनू शर्मा,मंजू बांसल, कांता शर्मा, कीर्ति शर्मा, सुमन अरोड़ा ने मुझे अपने ही रंग मे रंगदे मेरे यार सांवरे, रंग बरसे दरबार तेरे रंग बरसे, राम मेरे घर आएंगे आएंगे प्रभु आएंगे. आदि भजनों से भक्ति रस बिखेरा। कथा करते पंडित राजेश गौड़ ने बताया कि प्रभु के दिव्य स्वरूप का ध्यान हमारे भीतर की कोमल वृतियों से परिचय कराता है। हमें परम सुख की अनुभूति होने लगती है। प्रभु श्री राम की महिमा का वर्णन करते उन्होंने कहा कि हमें श्री राम की लीलाओं का अनुसरण करना चाहिए। उनके विचारों को अपने हृदय में बसाकर सबसे परस्पर प्रेम की भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए। इस अवसर पर रोहित बंसल, दीक्षा शर्मा, रोहित बंसल, धनिष्ठा शर्मा, हरगोविद गौड़, सुदेश अरोड़ा, सुमन अरोड़ा, कमलेश बांसल हाजिर थे।


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