रस्सी कूदने से घटता है मोटापा
द लर्निग फील्ड ए ग्लोबल स्कूल (टीएलएफ) में बच्चों को खेल-खेल में स्वस्थ रहने के गुर सिखाए गए।
जागरण संवाददाता, मोगा : द लर्निग फील्ड ए ग्लोबल स्कूल (टीएलएफ) में बच्चों को खेल-खेल में स्वस्थ रहने के गुर सिखाए गए। हेल्थ इज वेल्थ इवेंट में बच्चों को स्किपिग (रस्सी कूद) व सेक रेस प्रतियोगिता कराई गई। इसके साथ ही बच्चों को बताया कि इन दोनों ही खेलों से शरीर को किस प्रकार के फायदे होते हैं। वहीं चेयरमैन इंजीनियर जनेश गर्ग व प्रिसिपल स्मृति भल्ला ने भी बच्चों से उनके अनुभव पूछे व उन्हें प्रेरित किया कि खुद को स्वस्थ रखने के लिए मोबाइल गेम की बजाय शरीर के लिए लाभदायक खेल खेलने चाहिए। इससे पहले स्कूल की एकेडमिक डीन अमिता मित्तल ने बताया कि 10 मिनट तक रस्सी कूदना आठ मिनट तक दौड़ने के बराबर होता है। एक मिनट तक रस्सी कूदने से 10 से 16 कैलोरी ऊर्जा बर्न होती है। पुराने समय से ये खेल चला आ रहा है, पहले लड़कियां इसी खेल से खुद को ऊर्जावान व स्वस्थ रखती थीं। उन्होंने बताया कि रस्सी कूदने में शरीर के लगभग सभी अंगों का प्रयोग हो जाता है। इसमें पैर, पेट की मसल्स, कंधे और कलाइयां, हार्ट और अंदर के सभी अंगों का भी व्यायाम होता है। रस्सी कूदने से हड्डियां मजबूत बनती हैं। यह दिमाग के लिए भी एक बढि़या एक्सरसाइज है। रस्सी कूदने से वजन कम करने में भी मदद मिलती है। हर रोज अगर आधे घंटे तक रस्सी कूदी जाए तो एक हफ्ते तक 500 ग्राम तक वजन कम किया जा सकता है। रस्सीकूद से रीढ़ की हड्डी, पीठ, पैर की मसल्स स्ट्रेच होती हैं और कुछ नई मसल्स भी बनती है, जिससे लंबाई भी बढ़ती है, फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है, चेहरे पर चमक आती है क्योंकि रक्त संचार बढ़ता है। जिससे त्वचा को न्यूट्रीशन मिलता है और शरीर के विषैले तत्व पसीने से बाहर निकल जाते हैं। अगर लड़के रस्सीकूद नहीं करना चाहते हैं तो यही फायदे सेक रेस से ले सकते हैं।