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बगुलामुखी मंदिर में करवाया संकीर्तन

स्थानीय कोटकपूरा रोड़ स्थित माता बगलामुखी मंदिर मे आचार्य नंदलाल शर्मा के नेतृत्व में संकीर्तन का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 03:41 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 09:28 PM (IST)
बगुलामुखी मंदिर में करवाया संकीर्तन
बगुलामुखी मंदिर में करवाया संकीर्तन

संवाद सहयोगी, मोगा : स्थानीय कोटकपूरा रोड़ स्थित माता बगलामुखी मंदिर मे आचार्य नंदलाल शर्मा के नेतृत्व में संकीर्तन का आयोजन किया गया। इस मौके पर पंडित नंद लाल शर्मा द्वारा विशेष पूजा की गई।

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नंद लाल शर्मा ने कहा कि मां भगवती की आराधना ब्रह्मा जी ने की थी। उन्होंने बगला साधना का उपदेश मुनियों को दिया था। कुमारों से प्रेरित हो देव ऋषि नारद ने भी देवी की साधना की। देवी के दूसरे उपासक स्वयं जगत पालन कर्ता भगवान विष्णु हुए व तीसरे भगवान परशुराम। इनकी साधना सप्त ऋषियों ने वैदिक काल में समय की है। मां बगलामुखी की उपासना या साधना रात्रि काल में करने से विशेष सिद्धि की प्राप्ति होती है। इनके भैरव महाकाल हैं। मां बगलामुखी का एक नाम पीताम्बरा भी है। इन्हें पीला रंग अति प्रिय है। इसलिए इनके पूजन में पीले रंग की सामग्री का उपयोग सबसे ज्यादा होता है। देवी बगलामुखी का रंग स्वर्ण के समान पीला होता है अत: साधक को माता बगलामुखी की आराधना करते समय पीले वस्त्र ही धारण करना चाहिए। पीले फूल और नारियल चढ़ाने से देवी प्रसन्न होतीं हैं। इस मौके पर गायक सूफी, गायक संजीव सूफी, सजन शास्त्री, धीरा लाल पंडित, ईश्वर दत्त शर्मा आदि उपस्थित थे।


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