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शिअद व कांग्रेस पार्षदों पर डाला जा रहा दबाव कर रहा 'आप' को कमजोर

। निगम की सत्ता के समीकरणों पर राज्य की सत्ता की दाल फिलहाल गलती दिखाई नहीं दे रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 10:39 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 10:39 PM (IST)
शिअद व कांग्रेस पार्षदों पर डाला जा  
रहा दबाव कर रहा 'आप' को कमजोर
शिअद व कांग्रेस पार्षदों पर डाला जा रहा दबाव कर रहा 'आप' को कमजोर

सत्येन ओझा.मोगा

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निगम की सत्ता के समीकरणों पर राज्य की सत्ता की दाल फिलहाल गलती दिखाई नहीं दे रही है। हालांकि पार्षदों को तोड़ने के लिए सत्ताधारी दल के नेता लगातार दूसरे शिरोमणि अकाली दल (शिअद) व कांग्रेस के पार्षदों को फोन करके उन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

पार्टी के पार्षदों पर दबाव बढ़ने के बाद शिअद (शहरी) के जिलाध्यक्ष प्रेमचक्की वालों ने कहना है कि आम आदमी पार्टी की ओर से ये कहकर परेशान किया जा रहा है कि मेयर नीतिका भल्ला को हटाना है, वे उनका साथ दें। उन्हें दो टूक कह दिया गया है कि पहले मेयर को हटाने के लिए आम आदमी पार्टी अपने हिस्से के 18 पार्षद एकजुट होकर दिखा दें, उसके बाद शिअद फैसला लेगा। प्रेम चक्की वालों ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि वे दूसरे दलों में जोड़तोड़ नहीं चाहते हैं, लेकिन आप ने अगर शिअद के पार्षदों को धमकाना बंद नहीं किया तो कहीं ऐसा न हो कि शिअद को भी जोड़फोड़ के लिए मजबूर होना पड़े, तब स्थिति आम आदमी पार्टी के लिए ज्यादा खराब होगी क्योंकि अभी वे जितने पार्षदों का अपने साथ होने का दावा कर रहे हैं, वे भी उनके साथ नहीं।

शिअद मौजूदा स्थिति से सहमत

शिअद पहले ही ये फैसला ले चुका है कि वर्तमान परिस्थितियों में निगम की जो स्थिति है, उसी के साथ रहना है। इस संबंध में शिअद के पार्षदों को भी लगातार कहा जा रहा है कि मेयर नीतिका भल्ला के समय में पार्षदों की कम से कम सुनी जा रही है, उनके काम भी हो रहे हैं। आम आदमी पार्टी के हावी होने पर उनके काम भी नहीं होंगे। आम आदमी पार्टी पार्षदों को तोड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन निगम को फंड के नाम पर फूटी कौड़ी भी नहीं दे सके हैं। मंजूर प्रोजेक्ट रोकने वाली सरकार शहर को क्या देगी

प्रेमचंद चक्कीवालों का कहना है कि एनजीटी के आदेश के बाद फोकल प्वाइंट के लिए तीन करोड़ रुपये की लागत से मंजूर सीवरेट ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए राशि रोक ली, इससे ज्यादा गंभीर बात क्या हो सकती है, आम आदमी पार्टी को शहर के प्रदूषण की भी चिता नहीं है। एनजीटी के निर्देशों की भी परवाह नहीं है, ऐसे में निगम को ये सरकार क्या फंड देगी? उन्होंने साफ कहा है कि शिअद के पार्षद किसी सत्ता से न डरे हैं न डरेंगे। कांग्रेस पार्षद एकजुट

कांग्रेस पार्टी की विधानसभा क्षेत्र मोगा की प्रभारी मालविका सूद ने कहना है कि कांग्रेस के पार्षदों पर लगातार डोरे डाले जा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस पार्षद एकजुट हैं। मेयर के रूप में नीतिका भल्ला सबसे योग्य हैं, वे किसी भी राजनीतिक भेदभाव से दूर रहकर सभी के काम कर रही हैं। वे शहर के बारे में सोच रही हैं। आम आदमी पार्टी की ये चाल कामयाब नहीं होगी। कांग्रेस पार्टी निगम की सत्ता में है, सत्ता में रहेगी। जब भी राज्य में सरकारें बदलती हैं तो इस तरह की कोशिशें होती हैं लेकिन इसका कोई फायदा आम आदमी पार्टी को नहीं होने वाला। आम आदमी पार्टी से तो लोगों को मोह भंग पहले ही हो चुका है। 33 पार्षदों का समर्थन चाहिए

निगम के चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर 20 पार्षद जीते थे, 15 अकाली दल के पार्षद जीते थे, एक भाजपा, 10 आजाद प्रत्याशी, चार पार्षद आम आदमी पार्टी के जीते थे। चार महीने पहले राज्य में आम आदमी पार्टी की सत्ता बनने के बाद आम आदमी पार्टी इस समय तमाम कोशिशों के बाद सिर्फ 12 पार्षदों का आंकड़ा जुटा सकी है, उसमें से भी कई पार्षद हिलते नजर आ रहे हैं। मेयर नीतिका भल्ला को हटाने के लिए 50 वार्ड वाले नगर निगम में 33 पार्षदों का समर्थन चाहिए जो आम आदमी पार्टी से काफी दूर है। ऐसे में निगम के समीकरणों पर सत्ता का समीकरण हावी हो पाएगा कहना मुश्किल है। सत्येन ओझा


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