बेटे के सिर पर सजा सेहरा, पिता की उठी अर्थी
गांव घल्लकलां में रजवाहे में गिरी कार एक की मौत दो गंभीर रात को हुआ हादसा सुबह बेटे से छुपाई पिता की मौत की बात शादी के बाद बेटे ने निभाई पिता के अंतिम संस्कार की रस्में फोटो- 1010ए10बी10सी10डी
राज कुमार राजू, मोगा : गांव घल्लकलां में रविवार को एक घर में बेटे का सेहरा सजा तो कुछ देर बाद ही पिता की अर्थी उठी । पिता की मौत के बाद बेटा पहले शादी की रस्में अदा कर दुल्हन को घर लाया, जिस रास्ते से दुल्हन ने घर में प्रवेश किया, कुछ घंटे बाद उसी रास्ते से पिता की अर्थी शमशान घाट ले जाई गई।
गांव घल्लकलां के रहने वाले मृतक दर्शन सिंह के बेटे की रविवार को शादी थी। शनिवार रात दर्शन सिंह के घर पर शगुन पार्टी हुई थी। पार्टी के बाद आधी रात को दर्शन सिंह बिचौलिए सुखमंदर सिंह को उसकी गाड़ी पर छोड़ने के लिए गांव मोठा वाली जा रहा था। जैन कार को बिचौलिया सुखमंदर सिंह खुद चला रहा था। दर्शन सिंह, उसकी पत्नी चरणजीत कौर, सुखमंदर सिंह की भाभी दलजीत कौर व एक अन्य रिश्तेदार जसप्रीत सिंह भी कार में सवार थे। कार गांव घल्लकलां से बुक्कनवाला के रास्ते पर बने रजवाहे के पास पहुंची तो कार का संतुलन बिगड़ गया और कार रजवाहे में जा गिरी। इस हादसे में कार में सवार जसप्रीत सिंह, सुखमंदर सिंह को हल्की चोट आई। दर्शन सिंह, चरणजीत कौर व दलजीत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें उपचार के लिए मोगा के सिविल अस्पताल में लाया गया। जहां डाक्टरों ने दर्शन सिंह को मृत घोषित कर दिया। दलजीत कौर व चरणजीत कौर की हालत को गंभीर देखते हुए उन्हें लुधियाना रेफर किया गया है।
शादी तक बेटे से छुपाई पिता की मौत की बात
रविवार की दोपहर में गांव जैमल वाला में तरसेम सिंह के आनंद कारज होने वाले थे। शादी की सभी तैयारियां हो चुकी थीं, बारात भी घर से रवाना हो गई। तरसेम सिंह को उसके रिश्तेदारों ने पिता की मौत की जानकारी नहीं दी, सिर्फ इतना बताया था कि हादसे में वह घायल हो गए हैं, अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। आनंद कारज के बाद जब दुल्हन घर आ गई, उसके बाद शाम के समय तरसेम सिंह के पिता की अर्थी शमशान घाट ले जाई गई। ..तो टल जाता हादसा
हादसे के प्रत्यक्षदर्शी व सुखमंदर सिंह की कार के पीछे अपनी कार लेकर जा रहे मृतक दर्शन सिंह के बेटे चमकौर सिंह का कहना था कि उसने अपने पिता को कहा कि वह खुद अंकल सुखमंदर सिंह को छोड़ आएगा। लेकिन पिता जिस पर अड़ गए कि वे खुद छोड़ने जाएंगे। वहीं से तैयार होकर बारात में आ जाएंगे। चमकौर सिंह ने कहा कि अगर उसकी बात मान ली होती तो हादसा न होता। डोली से उतर श्मशान पहुंची नवविवाहिता
रविवार को जब गांव के शमशान घाट में दर्शन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए उनका शव ले जाया जा रहा था, तो उसी समय महिलाओं के साथ विलाप करते हुए दर्शन सिंह की पुत्रवधू भी दुल्हन के लिबास में महिलाओं के साथ चल रही थी, जिसे गांव की महिलाएं व रिश्तेदार दिलासा दे रही थीं। शादी के बाद ही ससुर की मौत से नवविवाहिता की खुशियां भी गम में बदल गई। मातम में बदली शादी की खुशियां
दर्शन सिंह के तीन बेटे हैं जिनमें तरसेम सिंह अपनी शादी के लिए विदेश से लौटा था व दो बेटे विदेश में रह रहे हैं। दर्शन सिंह जहां मिलनसार था वही गांव में एक आहाता बनाने के साथ दूध का सेंटर चलाता था। पिता की मौत के बाद तरसेम की शादी की खुशियां भी मातम में बदल गई।