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प्रॉपर्टी डीलर पर तहसील में घुस रजिस्ट्री क्लर्क से मारपीट का आरोप

बाघापुराना का पटवारी विजिलेंस ब्यूरो द्वारा पकड़े जाने के दूसरे दिन ही तहसील में एक नया ड्रामा हो गया। पटवारी को पकड़वाने वाले एक व्यक्ति के करीबी प्रॉपर्टी डीलर पर आरोप लगा है कि उसने रजिस्ट्री क्लर्क पर पटवारी को पकड़वाने की धौंस दिखाते हुए रजिस्ट्री क्लर्क के साथ मारपीट की

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 10:16 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 10:16 PM (IST)
प्रॉपर्टी डीलर पर तहसील में घुस रजिस्ट्री क्लर्क से मारपीट का आरोप
प्रॉपर्टी डीलर पर तहसील में घुस रजिस्ट्री क्लर्क से मारपीट का आरोप

संवाद सूत्र, बाघापुराना : बाघापुराना का पटवारी विजिलेंस ब्यूरो द्वारा पकड़े जाने के दूसरे दिन ही तहसील में एक नया ड्रामा हो गया। पटवारी को पकड़वाने वाले एक व्यक्ति के करीबी प्रॉपर्टी डीलर पर आरोप लगा है कि उसने रजिस्ट्री क्लर्क पर पटवारी को पकड़वाने की धौंस दिखाते हुए रजिस्ट्री क्लर्क के साथ मारपीट की, जिससे रजिस्ट्री क्लर्क की पगड़ी खुल गई, साथ ही वहां रजिस्ट्रेशन के लिए आए डॉक्यूमेंट भी प्रॉपर्टी डीलर ने फाड़ दिए। डीएसपी सिटी केसर सिंह का कहना है कि नायब तहसीलदार की ओर से प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ शिकायत मिली है, उस पर कार्रवाई की जा रही है।

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थाना बाघापुराना को दी शिकायत में नायब तहसीलदार सुखचरण सिंह चन्नी ने कहा है कि रजिस्ट्री क्लर्क जसविदर सिंह ने उन्हें बताया कि शुक्रवार को वह अपने कार्यालय में बैठकर काम कर रहा था, इसी दौरान एक प्रॉपर्टी डीलर जसप्रीत सिंह जस्सा निवासी गांव राजेयाना वहां पहुंचा। प्रॉपर्टी डीलर उनसे कहने लगा कि पटवारी को उसी ने पकड़वाया है, वह धौंस जमाने लगा। कहा सुनी होने पर उसने रजिस्ट्री क्लर्क के साथ मारपीट की साथ ही वहां पर रखे रजिस्ट्री से संबंधित डॉक्यूमेंट फाड़ दिए। हंगामा सुनकर दूसरे दफ्तर के मुलाजिम आए, कुछ देर बाद सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस प्रॉपर्टी डीलर को थाने ले गई। नायब तहसीलदार ने कहा है कि वे भी कुछ देर बाद मौके पर पहुंच गए थे।

उधर विजिलेंस सूत्रों का कहना है कि जिस रजिस्ट्री क्लर्क के साथ मारपीट का आरोप लगा है, उस रजिस्ट्री क्लर्क की एक साल पहले रजिस्ट्री कराने के लिए पैसे मांगते हुए वीडियो वायरल हुई थी। इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो ने वीडियो के आधार पर केस दर्ज कर लिया था, ये केस अभी भी चल रहा है। नियमानुसार जिन मुलाजिमों पर जिस सीट पर बैठकर रिश्वत मांगने के आरोप लगते हैं, केस दर्ज होने के बाद उसे उस सीट पर नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन रजिस्ट्री क्लर्क अभी भी उसी सीट पर काम कर रहा है।


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