यू-ट्यूब पर सतसंग सुना रहे सुनील कुमार
ेवी दास केवल कृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट में हो रहे मांगलिक महा सत्संग को यूट्यूब पर सुनाते हुए सुनील कुमार शास्त्री ने महामारी के चलते प्रभु भक्ति की जीवन में महत्ता बताते कहा कि हमें भक्ति किस प्रकार से करनी चाहिए और क्यों करनी चाहिए इसके लाभ क्या है।
संवाद सहयोगी, मोगा : देवी दास केवल कृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट में हो रहे मांगलिक महा सत्संग को यूट्यूब पर सुनाते हुए सुनील कुमार शास्त्री ने महामारी के चलते प्रभु भक्ति की जीवन में महत्ता बताते कहा कि हमें भक्ति किस प्रकार से करनी चाहिए और क्यों करनी चाहिए इसके लाभ क्या है। उन्होंने बताया कि जिन साधनों से ईश्वर का साक्षात्कार होता है उसे भक्ति कहते हैं। उस भक्ति के तीन भाग हैं। स्तुति, प्रार्थना, उपासना। स्तुति का अर्थ है ईश्वर का गुणगान करना, उसके गुणों का चितन करना और उन्हें अपने जीवन में धारण करना। जीवन में उन गुणों को धारण कर उनसे लाभ उठाना। मनुष्य का यह स्वाभाविक गुण है कि वह प्रत्येक वस्तु के गुणों को जानना चाहता है। छोटा बच्चा भी जब किसी वस्तु को देखता है तो पूछता है कि यह क्या है, ऐसा क्यों है, इसका नाम क्या है इत्यादि। प्रार्थना का अर्थ है किसी वस्तु के गुण जानने के पश्चात उस वस्तु को पाने की प्रबल इच्छा का उत्पन्न हो जाना। यह स्वाभाविक ही है। प्रार्थना का सीधा अर्थ है किसी से कुछ मांगना अर्थात ईश्वर से कुछ मांगने का नाम प्रार्थना है।