पोल खुली तो 44 डिग्री पारे में छुट्टी के दिन भी राशन पहुंचाने पहुंचे मुलाजिम
गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों के गेहूं व दालों पर कुंडली मारकर बैठे जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के दावों की मंगलवार को दैनिक जागरण ने पोल खोली तो विभागीय अधिकारियों की पसीने छूटते दिखाई दिए छुट्टी वाले दिन भी मंगलवार को गेहूं व दाल उन्हीं राशन डिपो होल्डर पर पहुंचाते
सत्येन ओझा, मोगा
गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों के गेहूं व दालों पर कुंडली मारकर बैठे जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के दावों की मंगलवार को दैनिक जागरण ने पोल खोली तो विभागीय अधिकारियों के पसीने छूटते दिखाई दिए। छुट्टी वाले दिन भी मंगलवार को गेहूं व दाल उन्हीं राशन डिपो होल्डर पर पहुंचाते दिखे, जिनका नाम एक दिन पहले दैनिक जागरण ने छाप दिया था, ताकि पूरे मामले की लीपापोती की जा सके।
दैनिक जागरण ने जिले में पड़ताल की तो पता चला कि बाघापुराना, धर्मकोट कस्बे के किसी भी डिपो होल्डर पर अभी गरीब कल्याण योजना के तहत गेहूं व दाल नहीं पहुंची। कोटईसे खां के डिपो के प्रितपाल सिंह ने आधिकारिक रूप से अपने ही विभाग के आंकड़ों को गलत साबित कर दिया। इंस्पेक्टर प्रितपाल सिंह के अनुसार कोटईसे खां ब्लॉक के 71 में से 36 राशन डिपो पर राशन भेज दिया है, बाकी पर जल्द भेज देंगे। कोट ईसे खां कस्बे के 8 में से छह को ही राशन पहुंचा है।
क्या है खेल : दैनिक जागरण ने 25 मई के अंक में केन्द्र सरकार की गरीब कल्याण योजना के नाम पर जिला खाद्य आपूर्ति विभाग में चल रहे खेल का पर्दाफाश करते हुए कहीं गरीबों की रोटी लॉक तो कहीं गलेगी सियासी दाल, चहेते मालामाल शीर्षक से प्रमुखता से खबर छापी थी। मामले का पर्दाफाश होने पर विभागीय अधिकारियों ने डिप्टी कमिश्नर के समक्ष गलत तथ्य पेश करते हुए दावा कर डाला कि जिले के सभी 504 डिपो पर प्रति व्यक्ति 15 किलो गेहूं व तीन किलो दाल तीन महीने के लिए उपलब्ध करा दी है। जिले के एक लाख 26 हजार 203 नीले कार्ड धारक अपने-अपने डिपो से गेहूं व दाल हासिल कर सकते हैं।
दैनिक जागरण ने खाद्य आपूर्ति विभाग के इस दावे की सच्चाई की पोल 27 मई के अंक में खोल दी तो गजटेड छुट्टी वाले दिन भी जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के मुलाजिम 44 डिग्री पारे में भी डिपो पर दोपहर में राशन पहुंचाते दिखे जिनके नाम पर दैनिक जागरण ने छापे थे, इनमें दोपहर में सबसे पहले मेन बाजार में मथुरादास सिविल अस्पताल के निकट गोगी के राशन डिपो पर ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से राशन सामग्री पहुंचाई। उसके बाद पुराना मोगा में गुरुद्वारा मल्लसिंह के निकट काले के राशन डिपो काले दी हट्टी पर राशन सामग्री पहुंची। शाम को पांच बजे के बाद रामगंज में गेहूं पहुंचाया गया, वहां पिछले सप्ताह सिर्फ दाल पहुंचाकर राशन डिपो को ये कह दिया गया था कि मंडी में जब गेहूं का सीजन खत्म होगा इसके बाद गेहूं पहुंचेगा।
क्या है जमीनी हकीकत : कोटईसे खां के इंस्पेक्टर प्रितपाल सिंह ने खुद मान लिया कि 71 में से सिर्फ 36 को राशन पहुंचा है। बाघापुराना में 11 डिपो में से किसी भी राशन डिपो पर अभी तक राशन नहीं पहुंचा है। यही स्थिति धर्मकोट कस्बे की है। वहां भी कुल सात डिपो में से किसी भी डिपो पर राशन नहीं पहुंचा है। बधनीकलां क्षेत्र में 30 राशन डिपो में से किसी राशन सामग्री नहीं पहुंची है। हालांकि गांव राऊके कलां में राशन वितरित कर दिया गया है, जबकि ब्लॉक के गांव रनियां में राशन इस समय वितरित किया जा रहा है। डिपो होल्डर जसवीर सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
खेल ये भी है : सूत्रों का कहना है कि राशन वितरण के नाम पर कथित रूप से कमीशन का खेल भी हावी है। शहर में चेंबर रोड पर एक भाजपा नेता व एक ग्रामीण क्षेत्र की महिला का राशन डिपो रद कर दिया गया है। उनके राशन डिपो दूसरे चहेते डिपो होल्डर से अटैच कर दिए हैं, लेकिन लाभार्थियों को नहीं पता है कि राशन कहां से मिलना है। ऐसे में उनके हिस्से के राशन का बंटरबांट होता है। यह दो-एक उदाहरण हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जिनकी जानकारी विभाग के पास ही होती है, बड़ी संख्या में ऐसे लोगों के राशन कार्ड काम कर रहे हैं जो हैं ही नहीं या विदेश में जा चुके हैं, लेकिन रिकार्ड में उनका राशन जा रहा है।