स्मॉग से हवा की गुणवत्ता हुई कम, आंखों मे जलन व घुटने लगा दम
पिछले दो दिनों से शहर में छाई स्मॉग ने रविवार दोपहर बाद अपना असर दिखाते हुए पूरे शहर को धुएं की चादर से ढक लिया जिससे सड़कों पर वाहन चालकों को जहां लाइटें जलाकर चलना पड़ा वहीं सांस के मरीजों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ा। यही नहीं स्मॉग से अस्पतालों में आंखों में जलन व गले की खारिश के मरीज भी बढ़ने लगे हैं।
संवाद सहयोगी, मोगा : पिछले दो दिनों से शहर में छाई स्मॉग ने रविवार दोपहर बाद अपना असर दिखाते हुए पूरे शहर को धुएं की चादर से ढक लिया, जिससे सड़कों पर वाहन चालकों को जहां लाइटें जलाकर चलना पड़ा, वहीं सांस के मरीजों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ा। यही नहीं स्मॉग से अस्पतालों में आंखों में जलन व गले की खारिश के मरीज भी बढ़ने लगे हैं।
बता दें कि प्रशासन की ओर से सख्ती करते हुए पराली जलाने वाले करीब सौ से ज्यादा किसानों पर मामले दर्ज किए गए है। लेकिन इसके बावजूद भी किसान पराली को आग लगा रहे है। जिससे पूरे जिले में वातावरण दूषित हो रहा है।
पराली जलाने से आसमान में छाए धुएं से अस्पतालों में फेफड़ों में शिकायत, आंखों में जलन, एलर्जी सहित अन्य बीमारियों के 25 प्रतिशत मरीज बढ़ गए हैं। श्याम नर्सिंग होम के डॉ. सीमांत गर्ग के अनुसार स्मॉग से अस्थमा आदि के मरीज विशेष ख्याल रखें। जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें और बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें। इन दिनों श्वास रोग, आंखों में जलन एवं एलर्जी के मरीजों की संख्या में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। दूसरी तरफ लोगों में आंखों में भी काफी जलन होने के केस सामने आ रहे हैं। इस वजह से निजी डॉक्टरों समेत उनके अस्पताल में इस तरह के मरीजों की रोजाना की ओपीडी में 25 प्रतिशत की तक बढ़ोतरी हुई है।
डॉक्टर सीमांत गर्ग ने कहा कि उक्त मौसम जहां बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए समस्या भरा है। वही आम लोगों के लिए भी बहुत बुरे प्रभाव डाल सकता है। उन्होंने बताया कि स्मॉग से बचाव के मास्क पहनना चाहिए, जंक फूड से परहेज करना चाहिए। खाना खाने के बाद सैर या टहलना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे दिल पर काफी असर पड़ता है।