शहर की सुरक्षा पंचवटी करेगी, त्रिवेणी देगी ऑक्सीजन
मोगा शहर की सुरक्षा अब पंचवटी के पौधे करेंगे। वहीं जिले में नीम बोहड़ पीपल की त्रवेणी नई ऑक्सीजन देगी। त्रिवेणी लगाने का उद्घाटन डीसी संदीप हंस बुधवार को करेंगे। वहीं राइस ब्रान डीलर्स एसोसिएशन ने शहर के चारों ओर पंटवटी के पेड़ों का सुरक्षा घेरा खड़ा करने का फैसला लिया है। जल्द ही एसोसिएशन के सदस्य इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए डीसी संदीप हंस व निगम कमिश्नर अनीता दर्शी से मुलाकात करेंगे।
जागरण संवाददाता, मोगा
शहर की सुरक्षा अब 'पंचवटी' के पौधे करेंगे। वहीं जिले में नीम, बोहड़, पीपल की 'त्रवेणी' नई ऑक्सीजन देगी। त्रिवेणी लगाने का उद्घाटन डीसी संदीप हंस बुधवार को करेंगे। वहीं राइस ब्रान डीलर्स एसोसिएशन ने शहर के चारों ओर पंटवटी के पेड़ों का सुरक्षा घेरा खड़ा करने का फैसला लिया है। जल्द ही एसोसिएशन के सदस्य इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए डीसी संदीप हंस व निगम कमिश्नर अनीता दर्शी से मुलाकात करेंगे।
इस बारे में वन रेंज अधिकारी बलजीत सिंह ने बताया कि त्रिवेणी योजना का शुभारंभ डीसी बुधवार सुबह 9.20 बजे नशा उन्मूलन केंद्र जनेर से करेंगे। इस दौरान एक ही दिन में दो घंटे में 100 त्रिवेणी लगाने का लक्ष्य है। इसके लिए जिले भर में तैनात वन विभाग के 19 गार्डो को तीन-तीन त्रिवेणी लगाने का लक्ष्य दिया गया है। इसके अतिरिक्त गांव के सरपंचों व पंचों को भी योजना में शामिल किया गया है। इसके बाद जो भी पंचायत त्रिवेणी लगाएगी, वन विभाग उन्हें नि:शुल्क पौधे सौपेंगा।
बलजीत सिंह ने बताया त्रिवेणी का जहां आध्यात्मिक महत्व है। वहीं वैज्ञानिक दृष्टि से त्रिवेणी वातावरण को स्वस्थ रखने के साथ ही लोगों को ऑक्सीजन प्रदान करती है।
इसके साथ ही राइस ब्रान डीलर्स एसोसिएशन ने इस बार के मानसून में शहर को पंचवटी का तोहफा देने का फैसला लिया है। एसोसिएशन के प्रोजेक्ट चेयरमैन नवीन सिगला ने बताया कि आइएसएफ कॉलेज के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई पंचवटी से प्रभावित होकर अब उन्होंने पंचवटी का घेरा शहर के चारों तरफ लगाने का फैसला लिया है, जिनमें बरगद, नीम, पीपल, बोहड़, आंवला व बेल के पेड़ लगाए जाएंगे। प्राचीन ग्रंथों में भी दर्ज है कि जहां पंचवटी के वृक्ष लगते हैं वहां रहने वाले लोग निरोगी रहते हैं। आज वैज्ञानिकों ने इस सच्चाई को मान लिया है। इस योजना को अंजाम देने के लिए संस्था एक विशेष एप के साथ 'नेचर लवर' तैयार करेगी। ये 'नेचर लवर' रोपित किए गए पौधों की एक साल तक देखभाल करेंगे। उन पौधों की प्रोग्रेस (वृद्धि) हर महीने एप पर डालेंगे और संदेश भी देंगे कि पौधे को बढ़ते देख क्या महसूस कर रहे हैं। इस एप को कोई भी व्यक्ति देखकर पता कर सकेगा कि कहां पर कितने पेड़ किस तरह बढ़कर रामायण काल के त्रेता युग की पंचवटी की तरह कलयुग में अपने ही शहर में साकार हो रहे हैं।