अब न मोदी न बरगाड़ी, अंतिम दो दिन निगाहें फ्लर्टिंग वोटों पर
मोगा फरीदकोट लोकसभा चुनाव में अभी तक हर पार्टी के केंद्र बिन्दू में मोदी ही किसी के निशाने पर रहे तो किसी की तारीफों में रहे लेकिन प्रचार के अंतिम दिन सियासी जंग में न मोदी दिखेंगे न बरगाड़ी मुद्दा होगा।
-कांग्रेस व अकाली-भाजपा गठबंधन के स्तर पर मतदाताओं को साधने की हर संभव तैयारी
-मतदातओं की नब्ज टटोलने के बाद अब अंतिम दिन मनाने व पाले में खींचने में गुजरेंगे पार्टियों के सत्येन ओझा, मोगा : फरीदकोट लोकसभा चुनाव में अभी तक हर पार्टी के केंद्र बिन्दू में 'मोदी' ही किसी के निशाने पर रहे तो किसी की तारीफों में रहे, लेकिन प्रचार के अंतिम दिन सियासी जंग में न मोदी दिखेंगे न बरगाड़ी मुद्दा होगा। निशाना सिर्फ फ्लर्टिंग वोट होंगे, उन्हें फ्लर्ट करने की सभी सियासी दलों ने तैयारी कर ली है। चुनाव आयोग की तमाम सख्ती के बावजूद चाहे कांग्रेस पार्टी हो या फिर अकाली भाजपा गठबंधन मतदाताओं की नब्ज टटोल चुके हैं। उन्हें जिस स्तर पर भी जिस तरह भी अपनी ओर खींचने का प्रयास हो सकता है, करेंगे।
गौरतलब है कि अब तक के 11 लोकसभा चुनावों की तरह इस बार भी फरीदकोट में कोई स्थानीय मुद्दा हावी नहीं दिखा, जहां कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद सदीक की चुनावी सभाओं में सदीक से लेकर कांग्रेस के विधायक हों या संगठन के पदाधिकारी हर नेता के निशाने पर सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही रहे, हर नेता का भाषण मोदी पर प्रहार करने पर ही सिमटा रहता था, जिसमें उन्होंने जीएसटी व नोटबंदी को खूब भुनाने का प्रयास किया।
वहीं अकाली दल प्रत्याशी गुलजार सिंह रणीके की चुनावी सभाएं मोदी के गुणगान से शुरू होती थीं। हालांकि यहां गुलजार रणीके के चुनाव प्रचार दो स्तर पर चलता रहा, हलका प्रभारी अपने स्तर पर स्वयं मतदाताओं की नब्ज टटोलने व किसी भी स्तर पर उनकी नाराजगी को भांपकर उन्हें दूर करने का प्रयास करते रहे, वहीं रणीके सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मुद्दों को उभारकर लोगों में अपने लिए जोश पैदा करने की कोशिश करते रहे। अब कांग्रेस की तरह आने वाले दो दिन अकाली भाजपा की नजर भी फ्लर्टिंग वोट पर ही है। पार्टी फिलहाल कोई रिस्क लेने की स्थिति में नहीं है, यही वजह है कि बुधवार को मोगा में होने वाली नगर निगम के पार्षदों का रोड शो पार्टी ने फिलहाल स्थगित कर पूरा फोकस फिसलने वाले वोटर को साधने में जुट गए हैं।
हालांकि आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी प्रो.साधुसिंह मोदी के साथ कांग्रेस की कैप्टन सरकार को भी कोस रहे हैं, लेकिन फ्लर्टिंग वोट की रणनीति में संगठन में कार्यकर्ताओं की कमी आड़े आ रही है। ऐसे में वे अपने पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों को ही भुनाने में लगे हैं।
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