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बॉस के आगे नंबर बनाने के चक्कर में उल्टा पड़ गया दाव

नया बॉस पहले दिन दफ्तर में आए तो कर्मचारियों व मातहत अफसरों में उनके सामने नंबर बनाने की प्रथा लंबे समय से चलती आ रही है।

By Edited By: Published: Wed, 17 Jun 2020 02:12 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2020 02:12 AM (IST)
बॉस के आगे नंबर बनाने के चक्कर में उल्टा पड़ गया दाव

राजेश भट्ट, लुधियाना नया बॉस पहले दिन दफ्तर में आए तो कर्मचारियों व मातहत अफसरों में उनके सामने नंबर बनाने की प्रथा लंबे समय से चलती आ रही है। उनमें होड़ सी रहती है कि सबसे पहले कौन बॉस को गुलदस्ता भेंट करके खुश करेगा। ऐसा ही कुछ हुआ नगर निगम जोन डी में। जब नए निगम कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल ने चार्ज संभाला तो बिल्डिंग ब्राच की हेड एमटीपी मोनिका आनंद अपने आठ से दस अफसर और कर्मचारियों के साथ गुलदस्ता लेकर निगम कमिश्नर के दफ्तर में पहुंच गई। जैसे ही वे प्रदीप सभ्रवाल को गुलदस्ता देने आगे जा रहे थे तो उन्होंने अफसरों को वहीं रोक दिया। उनसे सवाल किया कि यह क्या है? फिजिकल डिस्टेंस कहा है? इस पर सभी पीछे होकर शारीरिक दूरी बनाते हुए खड़े हो गए। गुलदस्ता पकड़े एमटीपी भी वहीं पर रुक गई। फिर कमिश्नर सभ्रवाल ने एमटीपी मोनिका आनंद को आगे बुलाया और उनसे गुलदस्ता लिया। लेने के देने न पड़ जाएं क‌र्फ्यू हटने के बाद से कोरोना तेजी से फैल रहा है। आए दिन शहर में नया कंटेनमेंट जोन घोषित हो रहा है। इसके बावजूद लोग नहीं सुधर रहे। कोई खुलेआम कंटेनमेंट जोन में घूम रहा है तो कोई मुनाफे के लिए दुकानें खोलकर बैठा है। हबीबगंज को जिला प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन घोषित किया और गलियों के बाहर बास लगाकर सील कर दिया। मगर गली के बाहर ही एक किरयाना वाला दुकान खोलकर रखता है। वहा कंटेनमेंट जोन से ही लोग सामान लेने आ रहे हैं। मगर उन्हें रोकने के लिए कोई पुलिस कर्मचारी तैनात नहीं है। अब दुकानदार तो कमाई के लालच में सामान बेचने में लगा है। हालाकि वह भूल गया है कि अगर कंटेनमेंट जोन से सामान लेने वालों में कोई भी व्यक्ति संक्रमित निकला तो उसे लेने के देने पड़ जाएंगे। फिर 14 दिनों के लिए वह घर में रहेगा, दुकान भी बंद हो जाएगी। जिम्मेदार बनें, लापरवाह नहीं नगर निगम के कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों को कूड़ा सेग्रीगेशन के तरीके बता रहे हैं। मगर कुछ लोग पैसे बचाने के चक्कर में निगम के किए कराए पर पानी फेर रहे हैं। मोहल्लों में लोगों से कूड़ा कलेक्टर 20 से 30 रुपये लेते हैं। मगर लोग इतनी सी राशि देने को भी तैयार नहीं हैं। करनैल सिंह नगर में रेलवे लाइन के साथ-साथ काफी खाली जगह है। अब कुछ लापरवाह लोगों की हिमाकत तो देखो, वे कूड़े वाले को कचरा देने की बजाय खाली जगह पर फेंक रहे हैं। इलाके के लोग या नगर निगम के कर्मचारी उन्हें देख न लें, इसलिए वह रात होने का इंतजार करते हैं और फिर वहा कूड़े का ढेर लगा देते हैं। करनैल सिंह नगर के डॉ. चमकौर बताते हैं कि कई बार इलाकावासियों ने ऐसे लापरवाह लोगों को देखकर उन्हें ऐसा नहीं करने से रोका भी है लेकिन वह हट ही नहीं रहे। वॉलंटियर्स का पुलिस वाला मोह कोरोना काल में वॉलंटियर्स ने पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर फील्ड में काम किया। क‌र्फ्यू का पालन करवाने में काफी सहयोग दिया। अफसर जो कहते रहे, वह ड्यूटी करते रहे। करीब 70 दिनों में उनमें भी अब पुलिस कíमयों जैसे गुण विकसित हो गए। कुछ दिन पहले पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने सभी वॉलंटियर्स की सराहना करते हुए उन्हें इस ड्यूटी से मुक्त कर घरों को भेज दिया। मगर वॉलंटियर्स का पुलिस वाला मोह कहा खत्म हो रहा। कुछ थानों में वॉलंटियर्स अब भी आ रहे हैं और वे पुलिस के साथ काम भी कर रहे हैं। यहा तक कि वे थाने की गाड़ी चलाकर घूम रहे हैं। इन दिनों वॉलंटियर्स को थाना डिवीजन नंबर चार की बोलेरो गाड़ी चलाते हुए देखा जा रहा है। यही नहीं, इस दौरान गाड़ी की स्पीड भी देखने लायक होती है। दरअसल वह अपने आप को किसी एसएचओ से कम नहीं समझ रहे।

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