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'बारिश का पानी बचाओ' मुहिम के तहत गांवों में होंगे जागरूकता कार्यक्रम

नेहरू युवा केन्द्र की ओर से राष्ट्रीय जल मिशन के सहयोग एवं जिला प्रशासन की हिदायतों पर जिले के 50 गांवों में चलाए जा रहे प्रोजेक्ट बारिश का पानी बचाओ के तहत कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 10:38 PM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 10:38 PM (IST)
'बारिश का पानी बचाओ' मुहिम के तहत गांवों में होंगे जागरूकता कार्यक्रम
'बारिश का पानी बचाओ' मुहिम के तहत गांवों में होंगे जागरूकता कार्यक्रम

संवाद सहयोगी,मोगा

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नेहरू युवा केन्द्र की ओर से राष्ट्रीय जल मिशन के सहयोग एवं जिला प्रशासन की हिदायतों पर जिले के 50 गांवों में चलाए जा रहे प्रोजेक्ट 'बारिश का पानी बचाओ' के तहत कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

जिला यूथ अफसर मोगा गुरविदर सिंह ने कहा कि इस मुहिम के तहत विभिन्न जागृति प्रोग्राम विभिन्न गांवों में करवाए जा चुके हैं। इनमें नौजवानों के लेखन, पेंटिग, लेख रचना, पोस्टर और क्विज मुकाबलों का आयोजन किया गया। इसके अलावा कई तरह के कार्यक्रम आने वाले आने वाले दिनों में विभिन्न गांवों में करवाए जाएंगे।

इस दौरान गांव धल्लेके में नौजवानों को ट्राफी व सर्टिफिकेट वितरित किए गए। गुरविदर सिंह ने बताया कि विभिन्न गांवों में वालंटियर जागृति सामग्री वितरण के साथ-साथ वाहनों पर स्टिकर भी लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के नियमों का पालन किया जा रहा है। इस मौके पर जिला नोडल अफसर प्रो. गुरप्रीत घाली, मेजर प्रदीप कुमार, बलजीत सिंह, युवा नेता प्रदीप राय, तीर्थ सिंह ने विभिन्न गांवों से जुड़े नौजवानों को पानी की महत्ता, जल संरक्षण, बारिश के पानी को कैसे बचाया जा सकता है तथा नई सिचाई तकनीक की जानकारी दी। इस मौके पर कई ब्लाकों के राष्ट्रीय युवा वालंटियरों के अलावा विभिन्न गांवों के यूथ क्लबों के पदाधिकारी मौजूद थे। गोपाल गोशाला में पूजन कर उतारी गोमाता की आरती गोपाल गोशाला में गोमाता की पूजा कर श्रद्धालुओं ने आरती उतारी। पंडित पवन कौशिक ने बताया कि गोमाता की परिक्रमा आरती पूजा गोदान का शास्त्रों में विशेष महत्व है।

गो परिक्रमा के बारे में वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि गोमाता की परिक्रमा करने से जन्म जन्मांतर में जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। इतना ही नहीं अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। एक-एक कदम जब हम गौशाला की परिक्रमा में चलते हैं तब हम अकेली गाय की ही नहीं बल्कि सभी 33 करोड़ देवी-देवताओं की परिक्रमा कर रहे होते हैं। अकेले गो परिक्रमा से ही हम सभी देवताओं को प्रसन्न करके आशीर्वाद प्राप्त कर लेते हैं। गोमाता सभी इच्छाओं को पूर्ण करती है। इसलिए हमें गाय के महत्व को समझते हुए गोसेवा गौ परिक्रमा, गोदान, गोपूजा आदि जीवन में अवश्य ही अपनाने चाहिए। गोसेवा कम है या ज्यादा अपने साम‌र्थ्य के अनुसार अवश्य करनी चाहिए। इस मौके पर गोशाला के प्रधान चमन लाल गोयल, एसके बंसल, मदन लाल अरोड़ा, वेदव्यास कांसल, सुरेश शर्मा, ऋषभ शर्मा, भावना शर्मा, पंडित कपिल कपिल भारद्वाज, दीपक मित्तल आदि ने भाग लिया।


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