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लापरवाही की इंतहा... अस्पताल में 4 डिग्री तापमान में फर्श पर तड़पती रही गर्भवती, नहीं आया स्टाफ

मथुरादास सिविल अस्पताल में फिर लापरवाही सामने आई है। गर्भवती महिला दर्द से तड़पती रही लेकिन स्टाफ ने उसकी तरफ ध्यान तक नहीं दिया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 02:10 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 02:10 PM (IST)
लापरवाही की इंतहा... अस्पताल में 4 डिग्री तापमान में फर्श पर तड़पती रही गर्भवती, नहीं आया स्टाफ
लापरवाही की इंतहा... अस्पताल में 4 डिग्री तापमान में फर्श पर तड़पती रही गर्भवती, नहीं आया स्टाफ

मोगा [सत्येन ओझा/राजकुमार राजू]। रात को दो बजे प्रसव पीड़ा होने पर डिलीवरी के लिए मथुरादास सिविल अस्पताल मेें पति के साथ पहुंची महिला दो घंटे अस्पताल में बैठी रही। सुबह चार बजे तक वहां मौजूद स्टाफ कहता रहा कि अभी समय है। दर्द ज्यादा हुआ तो वह सुबह साढ़े चार बजे लेबर रूम में पहुंची तो देखा कि स्टाफ हीटर के पास बैठा था। वहां अस्पताल स्टाफ ने कहा, दिन में आना फिर चेक कराएंगे। महिला निराश होकर लेबर रूम के बाहर पहुंची। वह चीखी और गिर गई। चार डिग्री सेल्सियस तापमान में उसने फर्श पर बच्चे को जन्म दिया।

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चीख सुनकर आसपास मौजूद तीमारदार महिलाएं उसके पास गईं, वह जमीन पर गिर चुकी थी, कपड़ों में फंसे उसके बेटे को बाहर निकाला। अगर नवजात सिर के बल गिर जाता तो कुछ भी हो सकता था। पूरा मामला लेबर रूम के सामने लगे CCTV में कैद हो गया। अस्पताल प्रशासन ने इस लापरवाही की सफाई तो दी, लेकिन CCTV की फुटेज छुपाता रहा। डिलीवरी होने पर शोर शराबा हुआ तब जाकर स्टाफ बाहर निकलकर आया और महिला को अंदर लेकर गया। इससे पहले तक वह दर्द से कराहती रही, लेकिन किसी ने उसकी सुनवाई नहीं की।

मथुरादास सिविल अस्पताल के महिला व जच्चा-बच्चा वार्ड में गंभीर लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है। धर्मकोट के गांव बाजेके निवासी अमनदीप कौर पत्नी गुरदेव सिंह ने बताया कि वह पति के साथ रात को लगभग डेढ़ दो बजे के करीब मथुरादास सिविल अस्पताल में पहुंची, लेकिन दर्द के कराहने के बावजूद किसी ने उसकी सुनवाई नहीं की। दो बेटियों के साथ वीरवार तड़के उसने लेबर रूम के बाहर फर्श पर बच्चे को जन्म दिया, लेकिन हीटर की तपिश ले रहा अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ पर उसकी चीखों का भी कोई असर नहीं हो रहा था।

एसएमओ बोले, नहीं हुई लापरवाही, महिला ने दिया लिखकर

एसएमओ डॉ. राजेश अत्री ने कहा कि महिला अमनदीप कौर रात को लगभग साढ़े 12 बजे अस्पताल पहुंची थी। उसे बेड अलॉट कर दिया था। सुबह लगभग साढ़े चार बजे महिला जब पेशाब के लिए बाहर आ रही थी, तब अचानक डिलीवरी हो गई थी। उसे तत्काल स्टाफ के लोग अंदर ले गए, बिस्तर पर लिटाकर नाड़ काटी। किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं हुई है। महिला ने उन्हें लिखकर दे दिया है कि उसकी अस्पताल में कोई अनदेखी नहीं हुई। उसकी ठीक से जांच हुई है। महिला के अलावा वहां मौजूद तीसरा व्यक्ति महिला की सहायता करने के बजाय उसका वीडियो बना रहा था।

मैंंने किसी को नहीं दिया कुछ लिखकर

अमनदीप कौर के पति गुरदेव सिंह ने बताया कि उन्होंने या उनकी पत्नी ने किसी को कुछ लिखकर नहीं दिया है। वह मजदूर हैं। उसके पास पैसे नहीं थे, इसलिए सरकारी अस्पताल में आया, लेकिन यहां पर उसकी पत्नी दर्द से छटपटाती रही, लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की।

नहीं मिली कोई शिकायत : पुलिस

इस मामले में थाना साउथ सिटी के मुंशी नछत्तर सिंह ने बताया कि सिविल अस्पताल की ओर से उनके पास किसी भी प्रकार की कोई शिकायत इस मामले में नहीं आई है।

मामले की करवाएंगे जांच : स्वास्थ्य मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने का कहना है कि यह गंभीर मामला है, हालांकि उनकी जानकारी में नहीं है। लगातार अस्पताल में ऐसी लापरवाही हो रही है तो वे इसकी जांच कराएंगे। अगर कोई भी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

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