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नीरजा सूद ने छात्राओं को सिखाया चित्रों में जान डालना

चित्रकार नीरजा सूद ने शिविर में भाग ले रहीं छात्राओं को बताया कि किस प्रकार से अपने चित्रों में जान डालकर अपनी अभिव्यक्ति को सशक्त ढंग से प्रदर्शित किया जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 07:01 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 07:01 AM (IST)
नीरजा सूद ने छात्राओं को सिखाया चित्रों में जान डालना
नीरजा सूद ने छात्राओं को सिखाया चित्रों में जान डालना

संवाद सूत्र.मोगा

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देवीदास केवल कृष्ण चेरिटेबल ट्रस्ट के राज नंदिनी हाल में चल रहे चरित्र निर्माण शिविर में शहर की प्रमुख चित्रकार नीरजा सूद ने शिविर में भाग ले रहीं छात्राओं को बताया कि किस प्रकार से अपने चित्रों में जान डालकर अपनी अभिव्यक्ति को सशक्त ढंग से प्रदर्शित किया जा सकता है।

कैंप के संस्थापक एवं आर्य समाजी केवल कृष्ण पुरी द्वारा शुरू किए गए शिविर को उनके निधन के बाद जिदा रखने वाली ट्रस्ट की संचालिका एवं अर्थशास्त्री इंदु पुरी ने बच्चियों को बताया कि संस्कार ही जीवन है। कोरोना जैसे वैश्विक संकट के दिनों पूरी दुनिया ने माना है कि असल जीवन प्रकृति में है, सादगी में है। जिन लोगों ने नियम-संयम का पालन किया, बाजार के खाने के बजाय घर के सादा व पौष्टिक भोजन पर विश्वास किया वे कोरोना को हराने में सफल रहे, जो बाजारों पर रहे, वे तमाम स्वच्छ माहौल व सुरक्षा के कड़े घेरे में होने क बावजूद कोरोना से हार गए।

अर्थशास्त्री इंदु पुरी ने कहा कि जीवन का अर्थशास्त्र तीन सूत्रों पर काम करता संयम, सादगी व अनुशासन। जीवन में जिसने भी इन तीन सूत्रों को अपना लिया वह हर परिस्थिति, हर चुनौती से विजेता होकर निकला है। उन्होंने कहा कि भौतिकवादी युग तो सुविधाओं के नाम पर लोगों को कर्जाई कर रहा है, उन्हें कमजोर बना रहा है। उन्होंने बच्चियों को अपनी पुरातन संस्कृति, सभ्यता व संस्कारों का पालन करने के लिए बड़े प्रभावशाली ढंग से प्रेरित किया। बेकार वस्तुओं को उपयोगी बना सकते हैं

चित्रकार नीरजा सूद ने कैंप के दौरान छात्राओं को टिप्स दिए कि जिन वस्तुओं को हम बेकार समझकर कचरे में फेंक देते हैं, स्पष्ट सोच तो उन्हीं बेकार वस्तुओं को आकर्षक व उपयोगी बनाया जा सकता है। उन्होंने बेकार वस्तुओं से घर का सजावटी सामान बनाने के कई टिप्स दिए। वेस्ट मैटेरियल से रूम डेकोर, गणपति, फोटो फ्रेम, वाल हैंगिग आदि बनाना सिखाया। उन्होंने कहा कि क्रिएटिविटी को उभारने के लिए आर्ट एंड क्राफ्ट से बेहतर कुछ भी नहीं। वेस्ट समाचार पत्रों से पेंटिग बनाना भी उन्होंने सिखाया। क्ले से गणपति एवं अन्य मूर्तियां गढ़ने की कला भी उन्होंने सिखाई। कला के इस हुनर के बीच उन्होंने पशुओं को जीवन देने की कला भी सिखाई। नीरजा सूद ने बताया कि किस प्रकार से बर्ड हाउस बनाया जा सकता है। पक्षियों के इस छोटे से घर में उनके लिए पानी और दाना रखने के पाट भी बनाए। प्लास्टिक की बोतलों को हैंगिग गमला आदि बनाना सिखाया। करियर का बेहतर माध्यम है कला

नीरजा सूद ने बताया कि आ‌र्ट्स में ऐसे कई विषय हैं, जो बेहतरीन करियर बना सकते हैं। विजुअल आ‌र्ट्स जैसे चित्रकला, मूर्तिकला, ड्राइंग आदि, परफार्मिंग आ‌र्ट्स संगीत, नृत्य, नाटक आदि करियर के तमाम विकल्प प्रदान करते हैं।


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