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प्रतिबंध के दौरान पांच हजार से ज्यादा रजिस्ट्रियां अवैध कालोनियों में हुईं

। पंजाब सरकार की ओर से अवैध कालोनियों में प्लाट की रजिस्ट्रियों पर एक बार फिर रोक लगाए जाने के बाद अगर उस पर अमल हुआ तो शहर में कम से कम 90 प्रतिशत हिस्से में रजिस्ट्रियां ही नही हो सकेंगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 10:26 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 10:26 PM (IST)
प्रतिबंध के दौरान पांच हजार से ज्यादा 
रजिस्ट्रियां अवैध कालोनियों में हुईं
प्रतिबंध के दौरान पांच हजार से ज्यादा रजिस्ट्रियां अवैध कालोनियों में हुईं

सत्येन ओझा.मोगा

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पंजाब सरकार की ओर से अवैध कालोनियों में प्लाट की रजिस्ट्रियों पर एक बार फिर रोक लगाए जाने के बाद अगर उस पर अमल हुआ तो शहर में कम से कम 90 प्रतिशत हिस्से में रजिस्ट्रियां ही नही हो सकेंगी। एक साल पहले आधिकारिक रूप से घोषित 84 कालोनियों की सूची में सिर्फ पांच ही कालोनी वैध थीं, 79 अवैध थीं। वा‌र्ल्टन गंज (न्यू टाउन, पुरानी मंडी) का मामला अदालत में होने के कारण पहले ही वहां रजिस्ट्रियों पर रोक लगी हुई है। हालांकि जिस समय नगर निगम क्षेत्र की कालोनियों की सूची जारी हुई थी, उस समय भी अवैध कालोनियों में रजिस्ट्रियों पर रोक लगी थी, इसके बावजूद पिछले 10 महीने में नगर निगम क्षेत्र में हुईं 6784 रजिस्ट्रियों में से करीब पांच हजार से ज्यादा रजिस्ट्रियां शहर की अवैध कालोनियों के प्लाटों की ही हुई हैं। ये हैं नए नियम

पंजाब सरकार के राजस्व पुर्नवास एवं आपदा प्रबंधन विभाग की स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन ब्रांच के अंडर सेक्रेटरी के हस्ताक्षर से 24 मई को जारी नए आदेशों में अवैध कालोनियों में रजिस्ट्रियों पर पूरी तरह रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को इस पर पूरी तरह नजर रखने के लिए कहा गया है। ताकि इस पर सख्ती से कार्रवाई की जा सके।

ये है जमीनी हकीकत

निगम के पास एक साल पहले बनी 84 कालोनियों की सूची ही उपलब्ध है, जिसमें 79 अवैध हैं। न्यू टाउन व पुरानी दाना मंडी, क्षेत्र में पहले ही रजिस्ट्रियों पर रोक लग चुकी है। एक साल में शहर में 11 अवैध कालोनियां और विकसित हुई हैं, लेकिन नगर निगम ने अभी तक एक साल के बाद शहर में विकसित कुल कालोनियों की अपडेट सूची जारी नहीं की है, जिसके चलते नई विकसित 11 कालोनियों को अभी तक वैध या अवैध किसी में भी शामिल नहीं किया गया है। जिस समय 84 कालोनियों की सूची जारी हुई थी, उस समय भी अवैध कालोनियों में रजिस्ट्रियों पर रोक के आदेश थे, इसके बावजूद शहर में 10 महीने में जिन 6784 रजिस्ट्रियां हुई हैं, उनमें 5000 हजार से ज्यादा रजिस्ट्रियां अवैध कालोनियों में ही हुई हैं। डीसी की रोक के बावजूद वा‌र्ल्टन गंज क्षेत्र में भी रजिस्ट्रियां हुई हैं सिर्फ रजिस्ट्री के लिए तरीका निकालने के लिए रिश्वत की राशि बढ़ गई, लेकिन रजिस्ट्रियों पर रोक नहीं लग सकी। अब क्या होगा

ताजा मामलों में सरकार ने सख्ती की तो शहर में 90 प्रतिशत से ज्यादा रजिस्ट्रियां बंद हो जाएंगी, क्योंकि अभी तक जिन पांच कालोनियों को मंजूरी दी गई हैं वे पहले ही विकसित हो चुकी हैं, उनमें पहले ही रजिस्ट्रियां हो चुकी हैं, मंजूर पांच कालोनियों में पिछले 10 महीने में सबसे कम रजिस्ट्रियां हुई हैं, ज्यादातर रजिस्ट्रियां उन्हीं कालोनियों में हुई हैं, जिन्हें राजस्व विभाग की सूची में अवैध माना गया है।

प्लाट खरीदारों के कई करोड़ रुपये फंसे

दैनिक जागरण की ओर से हाल ही में बहोना रोड पर नई विकसित की गई कालोनी के मामले में अब तक 16 से ज्यादा प्लाट बिक चुके हैं, जिसमें खरीदारों के कई करोड़ रुपये की राशि फंस चुकी है। दैनिक जागरण में खुलासे के बाद निगम की ओर से तीन दिन का नोटिस जारी होने के बाद परमिदर सिंह नामक व्यक्ति की ओर से लिखित में ये वादा किया है कि वह कालोनी विकसित नहीं करेगा। सूत्रों की मानें तो इस लिखित पत्र की लिखावत व हस्ताक्षर परमिदर सिंह के न होकर किसी और के बताए जा रहे हैं। तीन दिन के नोटिस की अवधि भी शुक्रवार को समाप्त हो जाएगी, ऐसे में देखना है कि क्या निगम सरकार के ताजा आदेशों का पालन करते हुए कालोनी को ध्वस्त कर कालोनी विकसित करने वाले के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराती है या नहीं। क्योंकि पहले कालोनी मंजूर बताकर खरीदारों के साथ धोखा हुआ है, बाद में परमिदर सिंह के हस्ताक्षर से जो पत्र निगम को दिया है, उसमें हस्ताक्षर भी परमिदर के नहीं है, लिखावट भी परमिदर की नहीं है।


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