मोगा-कोटकपूरा रेलवे मार्ग में ब्रिज का काम करेंगे मंत्री सोमप्रकाश
मालवा में तरक्की के नए रास्ते खोलने के लिए 624.0632 करोड़ की लागत की रेलवे की प्रस्तावित मोगा-कोटकपूरा रेल लाइन के लिए अब केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोमप्रकाश मालवा के लोगों व रेल मंत्रालय के बीच ब्रिज का काम करेंगे।
जासं, मोगा : मालवा में तरक्की के नए रास्ते खोलने के लिए 624.0632 करोड़ की लागत की रेलवे की प्रस्तावित मोगा-कोटकपूरा रेल लाइन के लिए अब केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोमप्रकाश मालवा के लोगों व रेल मंत्रालय के बीच ब्रिज का काम करेंगे।
मोगा में शहीदी समागम के दौरान भाजपा नेता राकेश भल्ला ने केंद्रीय राज्य मंत्री सोमप्रकाश को प्रोजेक्ट की पूरी सर्वे रिपोर्ट सौंपते हुए उन्हें जनभावनाओं से अवगत कराया। केंद्रीय राज्य मंत्री ने भरोसा दिया है कि ये प्रोजेक्ट पूरा होने पर उद्योग क्षेत्र को भी नई राह मिलेगी, इसे देखते हुए वे रेल मंत्री से पुरजोर पैरवी करेंगे, ताकि प्रोजेक्ट जल्द से जल्द पूरा हो सके।
लगभग 30 साल से चली आ रही इस क्षेत्र की इस मांग को देखते हुए केंद्र सरकार की पहल पर मार्च-2017 में रेलवे मार्ग का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया था। देश को पहला आइएसआइ मार्का थ्रेसर देने वाला मोगा शहर का रेलवे स्टेशन पंजाब का सबसे ज्यादा कमाई करने वाला रेलवे स्टेशन है। मोगा रेलवे स्टेशन की हर महीने की औसतन नौ करोड़ रुपये की आमदनी है, इसकी कमाई का बड़ा जरिया नेस्ले इंडिया फैक्ट्री, अडानी गेहूं स्टोरेज प्लांट व एफसीआइ के बड़े गोदाम हैं। इसके बावजूद मोगा रेलवे स्टेशन आजादी के बाद से लेकर अब तक रेलवे की दृष्टि से उपेक्षित रहा है। अभी तक ये स्टेशन देश की राजधानी तक से नहीं जुड़ सका है। अगर ये प्रोजेक्ट जमीन पर उतरता है तो शहर देश की राजधानी दिल्ली से ही नहीं बल्कि माया नगरी मुंबई से सीधा जुड़ेगा। क्योंकि फिरोजपुर से मुंबई जाने वाली पंजाब मेल को मोगा रेलवे स्टेशन से रवाना किया जा सकेगा।
51.5 किलोमीटर लंबी इस परियोजना की बड़ी बात ये होगी ये रेलमार्ग पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पैतृक गांव संधवा से छूते हुए निकलेगा। परियोजना पर 13.6931 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर का खर्चा आएगा। भाजपा जिलाध्यक्ष विनय शर्मा एवं भाजपा नेता राकेश भल्ला का कहना है केंद्रीय राज्य मंत्री सोमप्रकाश ने भरोसा दिया है कि उनकी हर संभव कोशिश रहेगी कि वे इस योजना को आगामी जुलाई माह में पेश होने वाले बजट में शामिल करा दें, ताकि तीन दशक की इस मांग पर जल्द से जल्द अमल हो सके।
रेलवे की ओर से किए गए सर्वेक्षण के अनुसार प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहला स्टेशन ज्ञानी जैल सिंह की जन्मस्थली गांव संधवा में बनेगा। यहां से 13.8 किलोमीटर की दूरी पर औलख रेलवे स्टेशन बनेगा। 20.72 किलोमीटर की दूरी पर लांडा रेलवे स्टेशन बनेगा। 29.920 किलोमीटर पर बाघापुराना रेलवे स्टेशन बनेगा। 38.42 किलोमीटर पर सिघावाला रेलवे स्टेशन बनेगा जो 47.42 किलोमीटर पर जाकर मोगा रेलवे स्टेशन से जुड़ेगा। नया रेलमार्ग बनने पर मोगा रेलवे स्टेशन की भी कायापलट होगी।
रिपोर्ट तैयार : जगतार सिंह
रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर जगतार सिंह के अनुसार पूरे प्रोजेक्ट की ड्राइंग के साथ 330 पेज की पूरी सर्वे रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है। रेलवे मुख्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद इस पर आगे का काम शुरू कर दिया जाएगा।
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