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चुनावी फंड पर फंसा पेंच, प्रचार में पिछड़े आप व पीडीए प्रत्याशी

मोगा बदलते राजनीति दौर में फरीदकोट लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार की रेस में फिलहाल अकाली दल प्रत्याशी गुलजार सिंह रणीके व काग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद सद्दीक ही मुख्य रेस में दिखाई दे रहे हैं। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी प्रो. साधुसिंह अकेले दम पर ही जनसंपर्क में लगे हैं पार्टी संगठन के स्तर पर अभी तक चुनाव प्रचार का कोई शैड्यूल ही तैयार नहीं हो सका है यही स्थिति यहां पीडीए की भी है। पीडीए के उम्मीदवार तो अभी तक जैतो विधानसभा क्षेत्र से ही बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 10:11 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 06:30 AM (IST)
चुनावी फंड पर फंसा पेंच, प्रचार में पिछड़े आप  व पीडीए प्रत्याशी
चुनावी फंड पर फंसा पेंच, प्रचार में पिछड़े आप व पीडीए प्रत्याशी

सत्येन ओझा, मोगा : बदलते राजनीति दौर में फरीदकोट लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार की रेस में फिलहाल अकाली दल प्रत्याशी गुलजार सिंह रणीके व काग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद सद्दीक ही मुख्य रेस में दिखाई दे रहे हैं। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी प्रो. साधुसिंह अकेले दम पर ही जनसंपर्क में लगे हैं, पार्टी संगठन के स्तर पर अभी तक चुनाव प्रचार का कोई शैड्यूल ही तैयार नहीं हो सका है, यही स्थिति यहां पीडीए की भी है। पीडीए के उम्मीदवार तो अभी तक जैतो विधानसभा क्षेत्र से ही बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। उनका सहयोगी दलों बसपा, कम्युनिस्ट पार्टियों के साथ भी अभी तक तालमेल नहीं हो सका है।

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पिछले कुछ सालों में चुनाव प्रचार धनवर्षा का खेल बनकर रह गया है। साल-2014 के चुनाव में पंजाब के लोग एक नई पार्टी की तलाश में थे। इसके विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी पर लोगों ने भरोसा किया था, खूब वोटों की बरसात की थी। आम आदमी पार्टी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने वाले व प्रत्याशी प्रो. साधू सिंह के चुनाव प्रबंधन की भूमिका में शामिल एक नेता ने बताया कि पिछली बार तो जहां पार्टी के बूथ नहीं लगे थे, वहां भी पार्टी प्रत्याशी को वोट मिले थे। इस बार हर जगह बूथ लगाने की रणनीति बनाई है। लेकिन चुनाव फंड फिलहाल इस काम के लिए इजाजत नहीं दे रहा है। एनआरआइ ने इस बार चुनाव फंड के नाम पर पूरी तरह कदम पीछे खींच लिए हैं, चुनाव प्रचार की अवधि लंबी होने के कारण अभी से ऑफिस खोलते हैं तो खर्चा उसी दिन से शुरू हो जाएगा, इसलिए फिलहाल प्रचार जनसंपर्क तक सीमित है।

इस बीच अकाली दल ने प्रत्याशी की घोषणा से पहले ही लोकसभा क्षेत्र के सभी नौ विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारी नियुक्त करने के साथ ही उन्हें चुनाव फंड जुटाने की जिम्मेदारी भी सौंप दी थी। साथ ही ये भी पार्टी की ओर से संकेत दिया गया है कि चुनाव में उनकी परफोर्मेंस को ही प्रत्याशी चयन का आधार माना जाएगा, यही वजह है कि अकाली दल के हलका इंचार्जों ने अपने-अपने क्षेत्रों में चुनाव प्रचार का पूरा शैड्यूल तय कर लिया है, उसी के अनुसार पार्टी प्रत्याशी गुलजार सिंह रणीके चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। वे एक-एक दिन में 12-14 जनसभाएं व कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं।

वहीं कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद सद्दीक ने भी हलकावार चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। हालांकि फंड को लेकर पेंच कांग्रेस में भी फंसा है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रत्याशी के रूप में मोहम्मद सद्दीक की पैरवी के लिए जो नेता सबसे आगे थे, फिलहाल वही ज्यादा सक्रियता नहीं दिखा पा रहे हैं, क्योंकि अभी तक चुनावी फंड नहीं पहुंचा है। हालांकि कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि पार्टी की ओर से हर बार की तरह इस बार भी प्रत्याशी को पार्टी फंड मिलेगा,लेकिन चुनाव में कोई भी कार्यकर्ता उधार में विश्वास करने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि मोहम्मद सद्दीक का चुनाव प्रचार तो तेज हो गया है, वे लगातार जनसंपर्क में जुट गए हैं, लेकिन जो तेजी आनी चाहिए उसमें अभी भी अभाव दिख रहा है।

पीडीए का नहीं शैड्यूल तैयार

आम आदमी पार्टी से भी ज्यादा बुरा हाल पीडीए प्रत्याशी मास्टर बलदेव सिंह का है। मास्टर बलदेव सिंह के बेहद करीबी ने बताया कि अभी तक चुनाव प्रचार का शैड्यूल तैयार नहीं हो सका है, शैड्यूल तैयार होने के साथ ही वे मीडिया को भी पूरे कार्यक्रम की जानकारी देंगे, चुनाव प्रचार अभियान में तेजी आएगी।


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