Moga News: हादसे में गंभीर रूप से घायल आधा घंटे सड़क पर तड़पते रहे, कुछ ही दूरी पर नारे लगते रहे किसान संगठन
हाइवे पर आए दिन किसान संगठनों का जाम अब जानलेवा बनता जा रहा है। बरनाला-जालंधर हाईवे पर किसान संगठनों के लगे जाम के चलते वापस लौट रहे स्कूटी सवार की दूसरी दिशा से आ रहे मोटरसाइकिल सवार से टक्कर हो गई हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
मोगा, जागरण संवाददाता: हाइवे पर आए दिन किसान संगठनों का जाम अब जानलेवा बनता जा रहा है। शुक्रवार को बरनाला-जालंधर हाईवे पर किसान संगठनों के लगे जाम के चलते वापस लौट रहे स्कूटी सवार की दूसरी दिशा से आ रहे मोटरसाइकिल सवार से टक्कर हो गई, हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों घायल करीब आधा घंटे तक हाइवे पर पड़े सहायता के लिए कराहते रहे, लेकिन प्रदर्शनकारियों का दिल उनके लिए नहीं पसीजा, आखिरकार सुरक्षा ड्यूटी पर मौजूद एएसआइ पुष्पिंदर सिंह की संवेदना जागी, उन्होंने किसी तरह स्कूटी सवार घायल को अपनी निजी गाड़ी में बैठाकर मोगा मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराया, जबकि दूसरे घायल को उसके परिवार के लोग किसी अन्य अस्पताल में ले गए।
हादसे में दो घायल
मोगा में बरनाला बाईपास पर शुक्रवार को दोपहर स्कूटी और मोटरसाइकिल की हुई टक्कर में दो लोग घायल हो गए जिनको इलाज के लिए मौके पर मौजूद एएसआइ पुष्पेंद्र सिंह पप्पी द्वारा अपने निजी गाड़ी में उठाकर मोगा के निजी अस्पताल में पहुंचाया है। हादसा उस समय हुआ जब बरनाला बायपास पर किसान यूनियन द्वारा मांगों को लेकर धरना लगाने के दौरान सड़क जाम की हुई थी। इस दौरान किसान यूनियन के नेताओं को हादसे में घायल दोनों लोगों पर बिल्कुल ही तरस नहीं आया।
हाइवे पर हादसे में घायलों पर नहीं आया तरस
फोकल प्वाइंट के उद्यमी गुरचरण सिंह ने बताया कि गुरप्रीत सिंह निवासी पुराना मोगा उसकी गाड़ी का चालक है। वह स्कूटी पर सवार होकर उन्हें फैक्ट्री से लेने आ रहा था। बरनाला बाईपास पर लगे धरने को देखकर वह वापस मुड़ने लगा तो दूसरी तरफ से आ रही मोटरसाइकिल से स्कूटी टकरा गई। हादसा जाम लगाकर बैठे किसानों से महज कुछ कदम की दूरी पर हुआ था। हादसे में दोनों सवार गंभीर रूप से घायल हो गए। वे आधा घंटे तक सड़क पर लहूलुहान हालत में पड़े तड़पते रहे, किसी ने उन्हें सहायता नहीं दी। प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते रहे और रास्ता नहीं खोला। जैसे ही इस बात की जानकारी ड्यूटी पर मौजूद एएसआइ पुष्पिंदर सिंह पप्पी को हुई वे अपनी निजी गाड़ी से मौके पर पहुंचे, एक घायल गुरप्रीत को उन्होंने अपनी गाड़ी में बैठाया, तब तक दूसरे घायल के परिजन पहुंच गए थे वे उसे अपने साथ ले गए। घायल गुरप्रीत को एएसआइ ने मोगा मेडिसिटी हास्पिटल में भर्ती कराया। घायल गुरप्रीत सिंह की करीब दो वर्ष पहले शादी हुई है। वह परिवार का इकलौता बेटा है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
घंटों सड़कों पर खड़े रहे स्कूली बच्चे
मामला हादसे में घायलों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि हाइवे के सभी रास्ते जाम कर दिए जाने के कारण मिनी बसें व बसें कई रास्तों पर नहीं चल सकीं जिस कारण बस स्टैंड के निकट डीएसपी सिटी आफिस के बाहर इमीग्रेशन सेंटरों से पढ़कर वापस लौट रहे युवक युवतियां घंटों तक या तो सड़क पर खड़े रहे, या फिर वैकल्पिक मार्गों से चलीं मिनी बसों की छतों पर बैठकर जाना पड़ा। जाम के कारण हर वर्ग परेशान रहा, जबकि जिन मांगों को लेकर किसानों ने जाम लगाया, वे पंजाब सरकार से संबंधित थीं, सरकार के प्रतिनिधि किसी विधायक या मंत्री पर इस जाम का असर नहीं हुआ, सिर्फ जनता दिन भर पिसी।
सात घंटे रखा हाईवे जाम
भारतीय किसान यूनियन पंजाब खोसा ने जिले में बरनाला-जालंधर हाईवे सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक जाम रखा। प्रदर्शनकारी किसान जहां हाइवे ब्रिज के नीचे लोहारा चौक पर जाम लगाकर बैठे रहे, वहीं ब्रिज के ऊपर भी ट्रैक्टर आदि लगाकर हाइवे जाम कर दिया। जिससे मोगा, जालंधर, बरनाला से जालंधर, मोगा से अमृतसर, अमृतसर से मोगा आने वाले लोगों के साथ ही मोगा से धर्मकोट, कोट ईसे खां व आसपास के गांवों में जाने वाली बसें पूरे दिन नहीं चल सकीं, जबकि इन क्षेत्रों से दिन भर मोगा में पढ़ने आने वाले हजारों विद्यार्थी परेशान रहे।
धरना प्रदर्शन में ये रहे मौजूद
धरना यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुखजिंदर सिंह खोसा ने किया। इसके अलावा सीनियर उपाध्यक्ष पंजाब गुरदर्शन सिंह कालेके, जिलाध्यक्ष सुखमन्द्र सिंह उगोके, प्रदेश उपाध्यक्ष अमर सिंह सलीना, प्रदेश उपाध्यक्ष जगजीत सिंह रनियां, प्रदेश उपाध्यक्ष राजवीर सिंह भलूरिया, ब्लाक अध्यक्ष निहाल सिंह वाला बलवीर सिंह धूड़कोट, ब्लाक निहाल सिंह वाला-2 के अध्यक्ष जसवीर सिंह सैदोके आदि मौजूद थे।
ये थी मांगें
लंपी स्किन से मरे पशुओं के मालिकों को मुआवजा दिया जाय। लंबी स्किन के समय बढ़िया देने वाले वैटनेरी इंस्पेक्टरों व सेवादारों को रेगूलर किया जाय। पैदावार से कम धान की खरीद करने का फैसला वापस लिया जाए। गेहूं का उत्पादन कम निकलने कारण किसानों को हुए नुकसान की पूर्ति के लिए 500 रुपए प्रति क्विंटल बोनस दिया जाय। किसानी संघर्ष में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को नौकरी दे सरकार। पराली जलाने संबंधी किसानों पर डाले पुराने पर्चे रद्द किए जाएं। 2022 के दौरान सफेद मक्खी, मच्छर कारण नरमे के हुए नुकसान व दरियाओं के नजदीक एरिया में बाढ़ कारण हुए नकसान का मुआवजा दिया जाए।