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रेल अधिकारियों की लापरवाही बढ़ा रही लोगों की परेशानी

मोगा : गांधी रोड पर स्थित रेलवे फाटक के पास लगी ट्रैफिक लाइट्स के जलने और बंद होने का सिलसिला समझ में नही आता है। कई बार तो लाइट कोई सिग्नल ही नही देती, तो कई बार रेलवे फाटक खुले होने पर भी लाल सिग्नल देने लगती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Sep 2018 04:39 PM (IST)Updated: Fri, 28 Sep 2018 04:39 PM (IST)
रेल अधिकारियों की लापरवाही बढ़ा रही लोगों की परेशानी

रोहित शर्मा, मोगा : गांधी रोड पर स्थित रेलवे फाटक के पास लगी ट्रैफिक लाइट्स के जलने और बंद होने का सिलसिला समझ में नही आता है। कई बार तो लाइट कोई सिग्नल ही नही देती, तो कई बार रेलवे फाटक खुले होने पर भी लाल सिग्नल देने लगती है।

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इन दिनों रेलवे स्टेशन पर चल रही स्पेशल लो¨डग के कारण दिन में करीब 15 बार गांधी रोड पर स्थित रेलवे फाटक को बंद किया जाता है, ऐसे में ट्रैफिक लाइट्स के सही सिग्नल न देने से लोग भ्रमित हो रहें हैं। जानकारी के अनुसार रेलवे फाटक के पास लगे इस सिग्नल की देखरेख करना रेल के इलेक्ट्रिश्न विभाग की जिम्मेदारी होती है, लेकिन बीते करीब दस दिन से सिग्नल खराब होने के बावजूद रेल अधिकारियों मे इसे दुरुस्त करना जरूरी नही समझा है। फोटो-24

300 मीटर की दूरी से दिख जाता है सिग्नल : विक्की

शहरवासी विक्की का कहना है कि मेन लुधियाना फिरोजपुर जीटी रोड से गांधी रोड के रेलवे फाटक पर लगा सिग्नल साफ दिख जाता है, इसकी दूरी 300 मीटर से अधिक है। मेन रोड से ही वाहन चालक सिग्नल देख लेते हैं कि फाटक खुला है या बंद है। फाटक खुला होने पर ही दो पहिया व चार पहिया वाहन गांधी रोड के रास्ते से शहर में आते हैं। लेकिन इन दिनों खराब सिग्नल के कारण लोगों को 300 मीटर आने और तीन सौ मीटर वापस जाने का सफर तय करना पड़ रहा है, क्योंकि स्पेशल लो¨डग के कारण रेलवे फाटक कई बार 30 से 40 मिनट तक भी बंद रखना पड़ता है। अगर सिग्नल दुरुस्त हो तो शहर वासी मेन रोड से शहर की ओर चले जाएंगे। फोटो-25

लापरवाही के कारण उड़ रही धज्जियां : प्रितपाल ¨सह

शहर निवासी प्रितपाल ¨सह का कहना है कि शाम ढलते ही मेन जीटी रोड से रेलवे फाटक दिखना बंद हो जाता है तो दो पहिया व चार पहिया वाहन सिग्नल देखकर ही गांधी रोड के रास्ते से आते हैं। लेकिन ऐसे में सिग्नल पीला होने के बावजूद जब रेलवे फाटक बंद होता है तो दो पहिया वाहन बंद रेलवे फाटक के नीचे से गुजरने लगते हैं, जबकि चार पहिया वाहनों को मजबूरी में या तो इंतजार करना पड़ता है या फिर वापस लौटना पड़ता है। लेकिन इससे यह साफ है कि कहीं न कहीं रेल अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही रेल नियमों की धज्जियां उड़ रही है। गलत सिग्नल की गुंजाइश नही : एसएसई

रेल विभाग के एसएसई सिग्नल पियुश भारगव का कहना है कि रेलवे फाटक पर लगा सिग्नल गलत हो, ऐसी कोई गुजांइश नहीं है, लेकिन फिर भी वह एक बार गांधी रोड पर लगे रेलवे फाटक के सिग्नल को चैक करवाएंगे।


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