डेंगू बरपा रहा कहर, अस्पताल में एमडी डॉक्टर न होने से मरीज किए जा रहे रेफर
मोगा : तापमान में गिरावट के बाद भी जहां जिले में डेंगू कहर बरपा रहा है, वहीं एमडी डॉक्टर न होने के कारण सिविल अस्पताल में डेंगू के पीड़ित मरीजों का इलाज भी नहीं हो रहा।
राज कुमार राजू, मोगा : तापमान में गिरावट के बाद भी जहां जिले में डेंगू कहर बरपा रहा है, वहीं एमडी डॉक्टर न होने के कारण सिविल अस्पताल में डेंगू के पीड़ित मरीजों का इलाज भी नहीं हो रहा।
बता दें कि सिविल अस्पताल में पिछले तीन महीनों से एमडी डॉक्टर की कमी अस्पताल में आने वाले अन्य मरीजों के लिए जहां परेशानी का सबब बनी हुई है। वहीं अस्पताल में आने वाले डेंगू के मरीजों को भी रेफर किया जा रहा है। ऐसे में मरीजों को निजी अस्पतालों में महंगा दाम पर सेहत सेवाएं लेनी पड़ रही है। लेकिन सिविल अस्पताल प्रशासन व सेहत विभाग द्वारा मोगा के सिविल अस्पताल में एमडी डॉक्टर की पक्के तौर पर तैनाती नहीं की जा सकी है । सेहत विभाग के अधिकारियों से मिले आंकड़ों के आधार पर जहां 15 दिन पहले डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 98 था वहीं अब तक पूरे जिले में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 140 के करीब हो चुका है जिनमें 48 लोग गांव से संबंधित हैं। लेकिन अगर दूसरी ओर निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों का आंकड़ा जोड़ा जाए तो मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। करवा रहे हैं प्रभावित इलाकों में स्प्रे व फा¨गग :
सेहत विभाग के कर्मचारी महेंद्र पाल लूंबा ने बताया कि डेंगू प्रभावित घरों व अन्य स्थानों पर नगर निगम के सहयोग से सप्रे करवाई जा रही। वहीं लोगों को डेंगू से बचाव के प्रति भी जागरूक किया जाता है। उन्होंने बताया कि फिर भी लोगों द्वारा अपने आप समेत दूसरों को डेंगू की चपेट में भेजने का कार्य किया जा रहा है। क्योंकि उनके सर्वे के दौरान बहुत से ऐसे इलाके पाए जाते है जहां खाली प्लाटों में पड़े कूडा कर्कट में पडे डिस्पोजेबल समान में पानी भरा हुआ होने से डेंगू का लारवा पैदा हो जाता है।
अस्पताल में आए मरीजों को किया जा रहा है रेफर
सिविल अस्पताल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक ओर सिविल अस्पताल में एमडी डॉक्टर की कमी संबंधित मरीजों के लिए बहुत ही परेशानी का कारण बनी हुई है । ऐसे में खांसी तेज बुखार से संबंधित मरीजों को जहां निजी अस्पतालों में सेहत सेवाएं लेनी पड़ रही हैं । वहीं डेंगू के संदिग्ध मरीजों को इमरजेंसी में आने के दौरान मात्र उपचार देकर ही रेफर कर दिया जाता है। जिसके कारण लोगों को निजी डॉक्टरों की लूट का शिकार होना पड़ने समेत महंगे दाम पर प्लेटलेट सैल लेने पड़ रहे है। कोट्स
सीएमओ डॉक्टर सुशील जैन के अनुसार मोगा के सिविल अस्पताल में एमडी डॉक्टर की कमी के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया हुआ है।