आदर्श स्कूल नहीं बन सका आदर्श
निहाल¨सह वाला : निहालसिंह वाला के रंसींह कलां में बने आदर्श सीनियर सेकेंडरी स्कूल इलाके के लोगों की आशाओं पर खरा न उतरने कारण गांववासी खफा हैं। स्कूल में बच्चों के मुताबिक 50 अध्यापकों की जरूरत है, लेकिन इस वक्त स्कूल में महज 20 अध्यापक ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं, जिस कारण ग्रामीणों ने स्कूल के लिए दी जमीन वापस करने की मांग की है।
संवाद सूत्र, निहाल¨सह वाला :
निहालसिंह वाला के रंसींह कलां में बने आदर्श सीनियर सेकेंडरी स्कूल इलाके के लोगों की आशाओं पर खरा न उतरने कारण गांववासी खफा हैं। स्कूल में बच्चों के मुताबिक 50 अध्यापकों की जरूरत है, लेकिन इस वक्त स्कूल में महज 20 अध्यापक ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं, जिस कारण ग्रामीणों ने स्कूल के लिए दी जमीन वापस करने की मांग की है।
इस स्कूल को पिछली अकाली सरकार ने स्थापित किया था। गांव वासियों ने राज्य सरकार के भरोसे पर स्कूल के लिए करोड़ों रुपये की जमीन सरकार के सुपुर्द कर दी। सरकार की नीति मुताबिक यह स्कूल सरकार की तरफ से जारी की अनुदान के साथ ट्रस्ट की तरफ से चलाया जाना था, परन्तु स्थापना से लेकर ही यह स्कूल विवादों में घिरा हुआ आ रहा है।
बता दें कि विद्यार्थियों की बड़ी तादाद के कारण स्कूल में करीब 50 से अधिक अध्यापकों की जरूरत है, लेनिक स्कूल में 20 अध्यापक ही सेवाएं दे रहे हैं परन्तु इस वक्त सिर्फ 20 टीचर ही सेवा निभा रहे हैं। रंसींह कलां की ग्राम पंचायत के मुताबिक इन अध्यापकों को भी पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिला। इस से स्पष्ट जाहिर है कि अगर कम अध्यापक भी जब वेतन से वंचित रहेंगे तो वह विद्यार्थियों के साथ इंसाफ कैसे करेंगे। गांव निवासियों का कहना है कि उन्होंने अपनी करोड़ों रुपये की जमीन इस मंतव्य के साथ सरकार को दी थी कि हमारे बच्चे अंतरराष्ट्रीय स्तर की उच्चस्तरीय शिक्षा हासिल कर सके। परन्तु स्कूल प्रबंधक इस उद्देश्य में पूरी तरह नाकाम रहे हैं। जैसे हालात बने हुए हैं, उससे लगता है कि हमारे बच्चों का भविष्य यहाँ सुरक्षित नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चों को न वर्दियां, न किताबें और न ही खेल का सामान मिल रहा है। प्राइमरी सहूलियतों से वंचित विद्यार्थी बड़े स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का मुकाबला किसी तरह भी नहीं कर सकेंगे। इस दौरान गांव वासियों ने बताया कि हमें कहा गया था कि स्कूल की शानदार इमारत के निर्माण के लिए 7 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, परन्तु वास्तविकता में इतनी बड़ी राशि कहीं भी लगी नजर नहीं आ रही। गांव वासी अपनी जमीन वापस लेने के लिए कहने लगे हैं। अगले सेशन से पंजाब बोर्ड का पाठ्यक्रम होगा लागू
राज्य सरकार की ओर से यह स्कूल सीबीएसई नई दिल्ली के साथ जोड़ा था, परन्तु वर्तमान कैप्टन सरकार ने नए शैक्षिक वर्ष से यहां पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड का पाठ्यक्रम लागू करने की व्यवस्था की है। सरकार के बेकार प्रबंधों कारण लोग इस संस्था से पूरी तरह परेशान हो चुके हैं। उच्च स्तरीय जांच की करेंगे मांग : सरपंच
गांव रंसीह कलां के सरपंच प्रीत इंदरपाल ¨सह ¨मटू ने अपने फेसबुक अकाउंट पर आदर्श सीनियर सेकेंडरी स्कूल रंसीह कलां की दयनीय हालत बयान करती पोस्ट के द्वारा स्कूल प्रबंधों और अकाऊंटस की उच्च स्तरीय जांच किसी निरपक्ष एजेंसी से करवाए जाने की मांग की है। उनका तर्क है कि ऐसा करने के साथ कोई बड़ी कमी व घोटाले से पर्दा उठेगा। सुख सागर संस्था अपने स्तर पर चला रही है स्कूल: चेयरमैन रंधावा
आदर्श सीनियर सेकेंडरी स्कूल रंसीह कलां को चला रही प्राइवेट संस्था सुख सागर संस्था के चेयरमैन न¨रदर ¨सह रंधावा ने कहा कि हमारी संस्था ने 1 अक्तूबर 2016 में कार्यभार संभाला था। उस समय इस स्कूल मे विद्यार्थी भी बहुत कम थे और चारदीवारी, टीचरों और विद्यार्थियों के लिए बाथरूम का न होना भी समस्या था। हमारी संस्था की तरफ से उस समय से लेकर अब तक 12 से 13 लाख रुपए लगवाकर चारदीवारी करवाई गई, शौचालय बनाने के अलावा बच्चों के खेलने के लिए ग्राउंड भी बनवाया गया। उन्होंने कहा कि हमें सरकार की तरफ से कोई भी सुविधा नहीं दी जा रही और न ही फंड जारी किया जा रहा है।