युवाओं को सस्ती शिक्षा, व्यापारियों को बुनियादी ढांचे की बेहतरी की आस
जागरण संवाददाता, मोगा : विधानसभा के बजट सत्र में सियासी दल दंगल में मस्त हैं, जिससे सरकार पर उम्म
जागरण संवाददाता, मोगा : विधानसभा के बजट सत्र में सियासी दल दंगल में मस्त हैं, जिससे सरकार पर उम्मीद लगाए बैठी जनता को बजट आने से पहले ही निराशा हासिल होने लगी है, व्यापारी चाहते हैं कि बुनियादी सुविधा मिले, व्यापारियों को सुरक्षा मिले, युवा वर्ग सस्ती शिक्षा की आस लगाए बैठा है।
बैचलर स्टूडेंट सौरव का कहना है कि हर सरकार व राजनेता ं, हर बच्चे को शिक्षा ग्रहण करने पर जोर देते हैं। ये सलाह देने वाले कम से कम एक स्टूडेंट के रूप में खड़े होकर सोचें, आज शिक्षा कितनी महंगी हो गई है। छोटी कक्षाओं में एडमीशन दिलाना मतलब अपनी जेब पर डाका डलवाना है, यहां वर्दी से लेकर पुस्तकें तक सब बिकती हैं। ईमान बेचने वाले बच्चों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाते हैं। बजट में सरकार कुछ प्रावधान करे, ताकि शिक्षा सस्ती हो, हर व्यक्ति की पहुंच में हो।
कपड़ा कारोबारी सोनू का कहना है जीएसटी आने के बाद व्यापार करना महंगा हो गया है, तमाम छूटों के बावजूद कहीं न कहीं व्यापार में जीएसटी काफी मुश्किलें करता है, राज्य सरकार को व्यापारी की मदद करनी चाहिए, व्यापार की मुश्किलों को दूर करने के लिए बजट में कोई प्रावधान जरूर किया जाना चाहिए।
जनरल स्टोर के मालिक अमित कुमार का कहना है कि व्यापार के ज्यादातर मसले जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार के साथ जुड़ गए हैं, लेकिन राज्य सरकार को शहरों में कम के कम इन्फ्रास्ट्रक्चर पर तो ध्यान देना चाहिए, बाजारों में लगने वाले जाम, टूटी सड़कें कहीं न कहीं व्यापार को प्रभावित करते हैं, बजट में कभी भी इन बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता है, न ही व्यापारी इन मामलों को लेकर कभी गंभीर होता है, लेकिन सच्चाई ये है कि ये बुनियादी मसले व्यापार को नुकसान पहुंचाते हैं, बजट में इस पर गंभीरता से विचार होना चाहिए।
रेडीमेड कपड़ा कारोबारी हरप्रीत ¨सह मिक्की का कहना है कि व्यापारियों के लिए सुरक्षा सबसे बड़ी बात है, सरकार कुछ न करे व्यापारियों को सुरक्षित माहौल दे इससे भी व्यापार पर बड़ा असर पड़ सकता है।