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मिनरल वाटर पीने वाले अधिकारी दो साल से क्लोरीन मंगाना ही भूल गए

फोटो-50 51 52 54 -जनता बोली-जब तक अधिकारियों को सप्लाई का पानी पीने को मजबूर नहीं करेंगे तब तक नहीं सुधरेंगे हालात 03 साल पहले भी दूषित पानी से हुई थी महिला की मौत 37 लोग हुए थे काला पीलिया के शिकार 22 लाख रुपये का दो साल पहले पास किया था प्रस्ताव फिर नहीं दिया ध्यान 29 दिन बाद अहाता बदन सिंह में करवाई डेड प्वाइंट की सफाई सत्येन ओझा/राजकुमार राजू मोगा सरकारी कार्यालयों में मिनरल बोतल का पानी पीने वाले अधिकारी साल 2018 के बाद वाटर सप्लाई में डालने के लिए क्लोरिन मंगाना ही भूल गए। वह भी उस स्थिति में जब शहर में दूषित पानी की सप्लाई से संतरो देवी नामक महिला की 2017 के अंत में मौत हो गई और 37 लोगों के कालिया पीलिया के शिकार होने की आधिकारिक पुष्टि सिविल अस्पाल के चिकित्सकों ने की थी। वहीं शहरवासियों का कहना है कि जब तक अधिकारियों को वाटर सप्लाई का पानी नहीं पिलाया जाता तब तक शहर के हालात नहीं सुधर सकते।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 10:32 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 10:32 PM (IST)
मिनरल वाटर पीने वाले अधिकारी दो साल से क्लोरीन मंगाना ही भूल गए
मिनरल वाटर पीने वाले अधिकारी दो साल से क्लोरीन मंगाना ही भूल गए

दूषित पानी की सप्लाई से शहर के हालात अब पहले से भी ज्यादा गंभीर हो चुके हैं। 29 दिन बाद मंगलवार को अहाता बदन सिंह के एक पेयजल सप्लाई के डेड प्वाइंट को खोलकर पेयजल लाइन की सफाई की गई तो पानी में कीचड़ व गंदगी इस तरह बाहर निकली, मानो नाले की सफाई की गई हो।

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नगर निगम के रिकॉर्ड की पड़ताल की तो शहर में पानी के नाम पर हो रहे जहर की सप्लाई का काला सच सामने आ गया। निगम ने अंतिम बार पेयजल सप्लाई के लिए साल 2016-17 में क्लोरिन खरीदी थी। साल 2017 में जब सादां वाली बस्ती में दूषित पानी के कारण सैकड़ों लोग बीमार पड़े तब निगम अधिकारियों की नींद खुली, उन्होंने 2016-17 के टैंडर के आधार पर ही 10 प्रतिशत अतिरिक्त क्लोरिन मंगाकर केवल उन इलाकों के ट्यूबवेल में मिलाना शुरू कर दिया जहां दूषित पानी की समस्या आ रही थी, बाकी शहर में बिना क्लोरिन पानी सप्लाई होता रहा। इसकी पुष्टि निगम के ऑपरेशन एंड मेंटीनेंस विभाग के प्रभारी एक्सइएन नछत्तर सिंह ने की है।

शहर में बिना क्लोरीन सप्लाई हो रहे पानी का मामला जब साल 2018 की शुरूआत में सदन में गूंजा तब जाकर अधिकारियों ने 22 लाख रुपये की क्लोरिन खरीदने का प्रस्ताव सदन में पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। डायरेक्टर लोकल बॉडी ने नहीं दी प्रस्ताव को मंजूरी : एक्सईएन

एक्सईएन नछत्तर सिंह का कहना है कि क्लोरिन खरीदने के प्रस्ताव पर अभी तक पंजाब सरकार के डायरेक्टर लॉकल बॉडी ने मंजूरी नहीं दी है, जिस कारण क्लोरिन की खरीद नहीं हो सकी है, अब दोबारा उन्हें रिमाइंड किया जा रहा है, ताकि क्लोरीन खरीदी जा सके। अहाता बदन सिंह में पाइपलाइन से निकला कीचड़

अहाता बदन सिंह की गली नं. छह दूषित पानी से सबसे ज्यादा प्रभावित थी, यहां पिछले 29 दिनों के बाद निगम ने डेड प्वाइंट से पाइप लाइन की सफाई की तो बस्ती के लोग देखकर हैरान रह गए क्योंकि पानी में कीचड़ जैसी गंदगी बाहर निकलकर आई। इसी पानी को लेकर पिछले लंबे समय से पी रहे थे।

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लोगों के बीमार पड़ने पर भी नहीं सुनते अधिकारी : स्नेहलता

सरदार नगर निवासी स्नेहलता मित्तल का कहना है कि जो लोग ऑफिसों में मिनरल वाटर की बोतल का पानी पीते हों, वे आम लोग कैसा पानी पी रहे हैं, कहां समझ सकते हैं, जब तक लोग बीमार न पड़ें सुनते भी नहीं, अधिकारियों का जमीर मर चुका है। काफी दिन से आ रहा था दह्लषित पानी

अहाता बदन सिंह निवासी वाणी धमीजा का कहना है कि काफी समय तक दूषित पानी आता रहा, बहुत शिकायतें करने के बाद अब कुछ दिन से देखने में तो पानी ठीक लगने लगा है, लेकिन बेक्टीरियल इंफेक्शन है या नहीं अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।

अधिकारियों को भी पिलाया जाए सप्लाई का पानी

मेन बाजार निवासी प्रोमिला मेनराय का कहना है कि शहर में शुद्ध पानी की समस्या का हल तब तक नहीं हो सकती, जब तक निगम के अधिकारियों को भी वही पानी पीने के लिए न मजबूर किया जाय, जो पानी वे शहर की जनता को पिला रहे हैं। बोतल का पानी पीने वाले तभी लोगों का दर्द समझ सकेंगे।


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