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जिले में किसी विधायक की नजर में नहीं है कोई समस्या

जिले के चारों विधायकों की नजर में जिले में कोई समस्या नहीं है ग्रीवेंस कमेटी की बैठक नौ दिसंबर को जिले के प्रभारी मंत्री हाउसिग व शहरी विकास विभाग के सुखविदर सरकारिया की अध्यक्षता में होने जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 07:08 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 06:10 AM (IST)
जिले में किसी विधायक की नजर में नहीं है कोई समस्या
जिले में किसी विधायक की नजर में नहीं है कोई समस्या

सत्येन ओझा, मोगा : जिले के चारों विधायकों की नजर में जिले में कोई समस्या नहीं है, ग्रीवेंस कमेटी की बैठक नौ दिसंबर को जिले के प्रभारी मंत्री हाउसिग व शहरी विकास विभाग के सुखविदर सरकारिया की अध्यक्षता में होने जा रही है।

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ग्रीवेंस कमेटी का जो एजेंडा जारी किया गया है, उसमें 37 में सिर्फ नौ सदस्यों ने ही जिले से संबंधित 33 विभिन्न समस्याओं के समाधान के प्रस्ताव शामिल कराए हैं। सबसे ज्यादा प्रस्ताव आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष व निगम के पार्षद नसीब बावा एडवोकेट के हैं। कांग्रेस नेता कर्नल बाबूसिंह ने भी कई समस्याओं के प्रस्ताव दिए हैं। ज्यादातर सदस्य सिर्फ मंत्री के साथ चाय की चुस्कियां लेते नजर आएंगे। ग्रीवेंस कमेटी में अधूरे पड़े तलवंडी-लुधियाना हाईवे व बरनाला हाईवे की समस्याओं के प्रस्तावों को प्रमुखता से शामिल किया गया है।

पार्षद नसीब बावा ने मोगा को जिला बनने के 24 साल बाद भी मूल सुविधाएं न मिलने के मुद्दे को भी प्रमुखता से एजेंडे में शामिल कराया है। प्रस्ताव के अनुसार साल 1995 में बने मोगा जिले में अभी तक डिप्टी कमिश्नर, व एसएसपी को अपने आवास तक नहीं मिले हैं, न ही जिला जेल बन सकी है। न्यायिक अधिकारी तक किराये की कोठियों में रहने को मजबूर हैं। सरकार ने धर्मकोट को तहसील का दर्जा तो दे दिया, लेकिन तहसील की सुविधाएं देना भूल गई।

असुविधा सेंटर बनते जा रहे सुविधा सेंटरों के मामले को भी ग्रीवेंस कमेटी में प्रमुखता से शामिल किया गया है। कैप्टन सरकार के पूर्व कार्यकाल में ही साल 2005 में शुरू हुए सुविधा सेंटर लोगों को सरकारी दफ्तरों के कामकाज से संबंधित बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से खोले गए थे, लेकिन अब यही सुविधा सेंटर असुविधा सेंटर बन गए हैं, यहां आने वाले लोगों को की-कई दिन तो टोकन लेने में ही लग जाते हैं। सही मायने में निजी कंपनियों को सरकारी बिल्डिग अपना बिजनेस चलाने के लिए दे रखे हैं। यहां पर फोटोस्टेट 10 रुपये में होती है, बाजार में एक से लेकर दो रुपये में। फार्म भरने का निजी कंपनी को सरकार ने लिखित में 100 रुपये वसूलने का अधिकार दे रखा है, जबकि अनाधिकृत रूप से बैठे लोग भी फार्म भरने का 10 से बीस रुपये वसूलते हैं। 150 सफाई कर्मियों के पद सृजित करने का भी प्रस्ताव

इसके साथ ही एजेंडे में शहर में सफाई व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए नगर निगम मोगा क्षेत्र में 150 सफाई कर्मियों के पद और सृजित करने का प्रस्ताव भी शामिल किया गया है। साथ ही शहर में आए दिन हो रही लूटपाट व चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए शहर के हर गली मौहल्ले में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव भी शामिल किया गया है। ग्रीवेंस कमेटी से ये ज्वलंत मुद्दे गायब

-शहर में हाईकोर्ट के नियमों को ताक पर रखकर दौड़ रही स्कूल बसों का मामला

-शहर में आए दिन हो रहीं लूटपाट, छीना छपटी की घटनाओं में पुलिस एफआइआर तक दर्ज नहीं करती है, सीसीटीवी कैमरे की फुटेज तक लोग पुलिस के हाथों में स्पष्ट चेहरे वाली थमा देते हैं, फिर भी पुलिस कार्रवाई न कर अप्रत्यक्ष रूप से अपराधियों की मदद कर रही है।

18 नवंबर को एडवोकेट मनविदर सिंह सग्गू के बेटे की स्कूटी चक्कीवाली गली से दोपहर में उठा ली गई थी। एडवोकेट सग्गू ने उसी दिन थाना सिटी-1 पुलिस को सीसीटीवी फुटेज थमा दी थी, जिसमें स्कूटी लेकर जा रहे व्यक्ति का चेहरा स्पष्ट दिख रहा है।

तीन दिसंबर को नेचर पार्क से योग साधिका गीतिका ग्रोवर की स्कूटी चोरी हो गई थी। चार दिसंबर को इस मामले में लिखित शिकायत थाना सिटी-1 में दे दी गई थी, लेकिन एफआइआार दर्ज करने के मामले में पुलिस टालमटोल कर रही है, ऐसे कई मामलें जिनमें पीड़ितों ने सुबूत भी पुलिस को थमा दिए हैं, लेकिन पुलिस एफआइआर तक दर्ज नहीं कर रही है।


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