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राजनीति के मंच पर हरजोत के 'लक्ष्मण' बने 'राम' नहीं रहे

मार्केट कमेटी के चेयरमैन रामपाल धवन का दिल की बीमारी के बाद निधन हो गया। रामपाल धवन कांग्रेस विधायक डॉ. हरजोत कमल के बेहद करीबी थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 09:47 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 06:10 AM (IST)
राजनीति के मंच पर हरजोत के 'लक्ष्मण' बने 'राम' नहीं रहे
राजनीति के मंच पर हरजोत के 'लक्ष्मण' बने 'राम' नहीं रहे

जासं, मोगा : मार्केट कमेटी के चेयरमैन रामपाल धवन का दिल की बीमारी के बाद निधन हो गया। रामपाल धवन कांग्रेस विधायक डॉ. हरजोत कमल के बेहद करीबी थे।

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दो दशक तक रामलीला मंच के संचालक के रूप में अपनी छवि बनाने वाले रामपाल धवन को डॉ. हरजोत कमल विधानसभा चुनाव में सक्रिय राजनीति के मंच पर लेकर आए थे। राजनीति के मंच पर आने के बाद रामपाल का नाम भले ही राम था लेकिन उन्होंने डॉक्टर हरजोत के लिए लक्ष्मण की भूमिका निभाई। यही वजह थी कि बीमारी से जूझ रहे रामपाल धवन के पास अंतिम समय में डॉ. हरजोत कमल सब कुछ छोड़ छाड़ तक उनके साथ रहे।

शोकाकुल माहौल में रामपाल धवन का गांधी रोड स्थित स्वर्गआश्रम में अंतिम संस्कार किया गया। धवन की लोकप्रियता उनके जीते जी भले ही न दिखाई दी हो लेकिन जिस प्रकार से कोरोना संक्रमण काल में शहर भर के लोग उनकी अंतिम यात्रा में उमड़े उससे साफ संकेत था कि उनके जाने का दुख शहर के हर राजनीतिक दल के लोगों को है। बड़े समारोह में शपथ लेना चाहते थे रामपाल

रामपाल धवन की मार्केट कमेटी के चेयरमैन के रूप में नियुक्ति 18 मार्च को हुई थी कुछ दिनों बाद ही कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन हो गया उनके शपथ ग्रहण समारोह के लिए 50 से ज्यादा लोगों की अनुमति नहीं मिली थी लेकिन धवन बड़े समारोह में शपथ लेना चाहते थे। कोरोना का लंबा चलने के कारण हालांकि उन्होंने पद्भार संभाल लिया था लेकिन उनके एक भव्य समारोह में शपथ लेने का सपना अधूरा लेकर दुनिया से विदा हो गए। सुबह समाजसेवी बलवंत के निधन की सूचना से लगा एक और बड़ा झटका

मार्केट कमेटी के चेयरमैन रहे रामपाल धवन के निधन की सूचना से शहर के लोग संभल नहीं पाए थे। इससे पहले ही सुबह तड़के समाजसेवी बलवंत राय धवन के निधन की सूचना ने एक और बड़ा झटका दिया। धवन पैलेस के मालिक एवं शहर की कई धार्मिक संस्थाओं से जुड़े रहे बलवंत राय धवन धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे थे। हिमाचल के चामुंडा मंदिर के निकट बनी मोगा धाम धर्मशाला के अंतिम समय तक अध्यक्ष थे। उनका संस्कार भी दोपहर में गांधी रोड स्थित श्मशान घाट में शोकाकुल माहौल में किया गया।


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