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लॉकडाउन ने सिखाया संकट में संभावनाएं तलाशने का मौका

मोगा कोविड-19 के दौरान लगे लॉकडाउन ने हमें संकट में संभावनाएं तलाशने का मौका दिया है। चुनौतियां का सामना करने का संबल दिया है। होटल पार्टियों और ब्रांडेड चीजों के इस्तेमाल के बिना भी जीवन की गाड़ी चल सकती है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 10:38 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 10:38 PM (IST)
लॉकडाउन ने सिखाया संकट में संभावनाएं तलाशने का मौका
लॉकडाउन ने सिखाया संकट में संभावनाएं तलाशने का मौका

संवाद सहयोगी, मोगा

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कोविड-19 के दौरान लगे लॉकडाउन ने हमें संकट में संभावनाएं तलाशने का मौका दिया है। चुनौतियां का सामना करने का संबल दिया है। होटल, पार्टियों और ब्रांडेड चीजों के इस्तेमाल के बिना भी जीवन की गाड़ी चल सकती है। यह सीख हमें इन्हीं दिनों में मिली है। इन सबसे बड़ी सीख मिली है कि परिवार के साथ जब क्वालिटी टाइम बिताते हैं, तो जीवन उत्सव बन जाता है। परिवार संपूर्ण हो जाता है। द लर्निग फील्ड (टीएलएफ) ए ग्लोबल स्कूल के तत्वावधान में आयोजित तीसरी साप्ताहिक पैनल डिस्कशन में वक्ताओं के साथ चर्चा में यह बात सामने आई है। इसमें अभिभावकों के प्रतिनिधि के रूप में दीपक कौड़ा व रुबीना मंगला शामिल थे। एजुकेटर के रूप में प्रीति सूद मौजूद थीं। जबकि शिक्षा विशेषज्ञ के रूप में परमिदर तूर शामिल थीं।

शिक्षा विशेषज्ञ परमिदर तूर का कहना था कि कोविड-19 के दौरान जब दुनिया भर में वाहनों की आवाजाही थमी रही थी, तो वातावरण शुद्ध हुआ और सांसों के कई गंभीर मरीज बिना दवाओं के ठीक हुए। यह भविष्य के लिए एक बड़ा संकेत हैं कि अगर हमें शुद्ध हवा किे तो हम बीमारियों से दूर रह सकते हैं। कोविड-19 के दौरान जो सबक मिले हैं, अगर हम उसे लॉकडाउन खत्म होने के बाद जीवन का हिस्सा बना लें तो हम खुशहाल व तंदुरुस्त जीवन जी सकते हैं।

दीपक कौड़ा ने कहा कि लॉकडाउन के दिनों में जो समय उन्होंने परिवार के साथ बिताया। उससे एक बात तो बहुत स्पष्ट हुई कि बच्चे मां-बाप का प्यार चाहते हैं और उन्हें अपनी बात सुनाना चाहते हैं। अगर मां-बाप का समय बच्चों को पूरा मिले, तो बच्चे कभी भी दिशा भ्रमित नहीं हो सकते हैं। उन्हें पे काउंसलर की जरूरत नहीं होगी।

छात्र प्रतिनिधि के रूप में गुरु कमल कौर ने कहा कि कोविड-19 में ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से एक बड़ा संदेश यह भी गया है कि इस प्रकार की समस्याएं अगर आती हैं, तो ऑनलाइन एजुकेशन उसका बड़ा विकल्प है। हम दुनिया के किसी भी हिस्से में बैठकर अपने मनपसंद टीचर से शिक्षा ले सकते हैं। इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन इंजी. जनेश गर्ग, प्रिसिपल सुनीता बाबू ने इस सफल पैनल डिस्कशन के लिए अभिभावकों, स्टाफ व बच्चों का धन्यवाद किया।


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