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कुंडी कनेक्शन पर चल रहे जिले के थाने

मोगा : पंजाब सरकार एक ओर सरकारी कार्यालयों में बिजली खपत कम से कम करने

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 07:42 PM (IST)Updated: Thu, 24 May 2018 07:42 PM (IST)
कुंडी कनेक्शन पर चल रहे जिले के थाने
कुंडी कनेक्शन पर चल रहे जिले के थाने

रोहित शर्मा, मोगा : पंजाब सरकार एक ओर सरकारी कार्यालयों में बिजली खपत कम से कम करने की दोहाई दे रही है और दूसरी ओर मोगा जिले के 13 थाने बिना किसी अनुमति के वातानकूल कर दिए गए हैं। बिना कोई खर्च किए मार्डन पुलि¨सग की सुविधा पा रहे सभी थाने के एसी कुंडी कनेक्शन के जरिए चल रहे हैं। दिलचस्प है कि इसकी जानकारी पावरकॉम के अधिकारियों व कर्मचारियों को है। यही नहीं अधिकतर पुलिस थाने पावरकॉम की डिफाल्टर सूची में शामिल हैं, लेकिन इसके बावजूद थाने का बिजली कनेक्शन काटने की हिम्मत पावरकॉम नहीं दिखा पाया है।

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आरटीआइ के जरिए मिली जानकारी के अनुसार जीओ रैंक से कम रैंक पर कार्यरत किसी अधिकारी को एसी की सुविधा नहीं है। अनुमति हासिल करने का भी कोई प्रावधान पुलिस विभाग में नहीं है। पुलिस एक्ट अनुसार जीओ रैंक डीएसपी के पद से शुरू होता है और उसके नीचे इंस्पेक्टर रैंक के पास ये सुविधा नहीं है। यही नहीं पुलिस विभाग ने साफ तौर पर आरटीआइ के जवाब में कहा है कि थाने में लगे किसी एसी का बिल विभाग की ओर से भरने का कोई प्रावधान नहीं है और न ही थानों के लिए कभी किसी एसी की खरीद की गई है। इसके बावजूद थानों में लगे चार-चार एसी कहां से आए इसका जवाब खुद पुलिस विभाग के पास नहीं है। माल मुकद्दमे के सामान का उड़ा रहे मजा

थानों में लगे एएसी कहां से आए इसका जवाब खुद थाने का रिकार्ड दे सकता है। दहेज उत्पीड़न के मामलों में जब्त किए गए सामान को तब तक थाने में रखा जाता है, जब तक केस का फैसला अदालत में नहीं आ जाता। दहेज के रूप में लड़की पक्ष की ओर से दिए गए एसी आदि को पुलिस लड़के वालों के घर से थाने में इसलिए लेकर आती है, ताकि फैसला आने पर जब्त किए सामान को लड़की पक्ष को दिया जा सके, लेकिन लड़की पक्ष को सामान देने से पहले ही पुलिस एसी आदि को थानों में लगाकर उसे कुंडी कनेक्शन के जरिए चला कर मजे उड़ाती है। थानों की नहीं की औचक जांच

पावरकॉम के एसडीओ सुधीर मेहता का कहना है कि बीते तीन सालों से उन्होंने कभी किसी थाने की औचक जांच नहीं की, क्योंकि थाने में औचक जांच की न तो आला अधिकारियों की ओर से कोई अनुमति दी जाती है और न ही कोई अधिकारी पुलिस थाने में जांच का जोखिम उठाने को तैयार है। उन्होंने बताया किएक एसी 24 घंटे में करीब 50 से अधिक यूनिट खर्च कर सकता है। यदि थाने में चार एसी लगे हैं तो करीब 200 यूनिट की चोरी एक थाना रोजाना कर रहा है। यदि ये आंकड़ा सही है तो 13 थाने रोजाना 26 सौ यूनिट का चूना पंजाब सरकार को लगा रहे हैं। यही नहीं थानों में खाना बनाने या रोटी आदि को गर्म करने के लिए प्रयोग किए जा रहे इंडक्शन कूकर भी दो हजार किलोवॉट की बिजली जला रहे हैं इन्हें भी थाने के मुंशी कुंडी कनेक्शन से ही चलवा रहे हैं। खुद कर रहे अपनी संभाल

शहर का ही एक ऐसा थाना है जो इस समय जर्जर हालत में है। थाने का स्टाफ यदि एसी की सुविधा अपनी जेब से भर रहा है तो वह अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए थाने की छत की मरम्मत क्यों नहीं करवा रहा। इसी थाने में थाना प्रभारी, जांच अधिकारी के कमरे, कंप्यूटर सेक्शन और मुंशी के कमरे में कुल चार एसी लगे हैं। जाहिर सी बात है कि जो थाना स्टाफ अपनी सुरक्षा के लिए थाने में एक सीमेंट की बोरी तक नहीं खरीद पाया वह चार एसी खरीदने और उनका बिल अपनी जेब से कैसे भर सकता है? पावरकॉम करे अपनी कार्रवाई : भांवरा

इस संबंध में एसडी एच प्रिथीपाल ¨सह ने कहा कि वह इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। इसके बाद जब एडीजीपी मार्डन लाइजेशन वीके भांवरा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जीओ रैंक से कम के मुलाजिमों को एसी की सुविधा देने को पुलिस विभाग बाध्य नहीं हैं। यदि कोई थाना प्रभारी निजी तौर पर ये सुविधा ले रहा है तो विभाग को उस पर कोई अपत्ति नहीं है। पावरकॉम यदि किसी थाने की औचक जांच करना चाहे तो पुलिस विभाग को उस पर कोई आपत्ति नहीं होगी।


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