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पाकिस्तान में बैठे केएलएफ चीफ ने रचा था षडयंत्र

1. हत्याओं को मास्टरमाइंड : केएलएफ चीफ हरमीत सिंह पीएचडी उर्फ डॉक्टर (पाकिस्तान) 2. ि

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Nov 2017 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 15 Nov 2017 03:01 AM (IST)
पाकिस्तान में बैठे केएलएफ चीफ ने रचा था षडयंत्र
पाकिस्तान में बैठे केएलएफ चीफ ने रचा था षडयंत्र

1. हत्याओं को मास्टरमाइंड : केएलएफ चीफ हरमीत सिंह पीएचडी उर्फ डॉक्टर (पाकिस्तान)

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2. किसने बनाई साजिश की रूपरेखा : परमजीत सिंह पम्मा उर्फ बाईजी (इंग्लैंड)

3. किसने पहनाया अमलीजामा : आतंकी हरमिंदर सिंह उर्फ मिंटू (भारत)

3. हथियारों सप्लायर : गैंगस्टर जिम्मी

4. फायनांसर : जगतार सिंह जौहल

5. किसने की हत्या : शार्प शूटर हरदीप शेरा और रमनदीप सिंह

6. हेल्पर : धर्मेद्र गुगनी

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- डेरा प्रेमी हत्या मामले में पकड़े जिम्मी के खुलासे ने पकड़वाए सभी गैंगस्टर

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विनय शौरी, मोगा

पंजाब में ¨हदू नेताओं की हत्याएं करवाने की साजिश रचने वाला मास्टरमाइंड एवं खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का चीफ हरमीत सिंह पीएचडी उर्फ डॉक्टर पाकिस्तान में छिपा बैठा है। केएलएफ में उसे डॉक्टर के नाम से जाना जाता है। पाकिस्तान में वह उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से संबंध बनाए हुए है और आइएसआइ के इशारे पर ही उसने पंजाब में ¨हदू नेताओं की हत्या की साजिश रची। डॉक्टर ने पाकिस्तान से हत्याओं का प्लान तैयार करने का जिम्मा इंग्लैंड में बैठे केएलएफ के सेकेंड मैन परमजीत सिंह पम्मा उर्फ बाईजी को दिया। पम्मा ने ¨हदू नेताओं की हत्याएं गैंगस्टर्स से करवाने की साजिश रची और भारत में हरमिंदर सिंह मिंटू को इस काम के लिए चुना जो नाभा जेल में बंद था। मिंटू ने नाभा जेल में बंद गैंगस्टर्स से नजदीकियां बढ़ाई और उनकी हर जरूरत पूरी करवाई। यहां तक कि गैंगस्टर्स को भगाने के लिए नाभा जेल ब्रेक भी करवाया।

जानें कैसे जुड़े तार :

बरगाड़ी में डेरा प्रेमी की हत्या ने जिम्मी तक पहुंचाया

वर्ष 2016 में बरगाड़ी में गुरुद्वारा सहिब के सामने दुकान करने वाले डेरा प्रेमी गुरदेव सिंह की हत्या कर दी गई थी। जांच के दौरान जालंधर के आइजी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी को काबू किया था। पुलिस ने गाव जफरवाल से एक पिस्तौल और एक रिवॉल्वर बरामद किया। हथियारों की जांच में सामने आया कि यह हथियार इंग्लैंड में बैठे जिम्मी नाम के व्यक्ति ने जम्मू से पठानकोट में किसी माइल स्टोन तक पहुंचाया था। पठानकोट से यह हथियार रिश्तेदार के जरिये गोपी तक पहुंचाए। गोपी ने इन हथियारों से डेरा प्रेमी गुरदेव सिंह की हत्या की थी। इस मामले में पुलिस को जिम्मी की तलाश थी। जिम्मी इंग्लैंड में रहता था इसलिए 2016 में ही उसका लुक आउट नोटिस जारी कर दिया गया था। 31 अक्टूबर को जैसे ही जिम्मी इंग्लैड से भारत आया तो पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट पर उसे काबू कर लिया।

जिम्मी ने पूछताछ में खोल दी साजिश की सारी परतें

डेरा प्रेमी हत्या मामले में जब पुलिस ने जिम्मी से पूछताछ की तो उसने धर्मद्र गुगनी, शार्प शूटर हरदीप शेरा, रमनजीत सिंह,और जगतार सिंह जौहल के नाम लिए। जिम्मी और जगतार सिंह को तो जानता था लेकिन शेरा और रमनदीप को नहीं जानता था। धर्मेद्र गुगनी जिम्मी का रिश्तेदार है। जौहल गैंगस्टर्स को पैसा उपलब्ध करवा रहा था जबकि गुगनी जिम्मी के बताए अनुसार गैंगस्टर्स तक हथियार पहुंचाया करता था। यह पूरा नेटवर्क नाभा जेल में बंद केएलएफ आतंकी हरमिंदर सिंह मिंटू, इंग्लैंड में बैठा पम्मा उर्फ बाईजी और पाकिस्तान में आइएसआइ की गोदी में बैठा हरमीत उर्फ डॉक्टर ऑपरेट कर कर रहे थे।

¨हदू नेताओं की हत्या के लिए मध्य प्रदेश से मंगवाए थे हथियार

हिंदू नेताओं की हत्याओं के लिए जिम्मी ने हथियार इस मध्य प्रदेश से मंगवाए। यह हथियार उसने लुधियाना के पास एक माइल स्टोन तक पहुंचाए। फिर इस माइल स्टोन की फोटो वहां से हथियार उठाने वालों को भेज दिए।

ध्यान भटकाने के लिए की थी पादरी की हत्या

सीआइए मोगा की पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि लुधियाना के जिस पादरी की हत्या गैंगस्टर्स ने की थी वह महज पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए की गई थी। आतंकी मिंटू ने माना है कि ¨हदू नेताओं की हत्याओं से पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए वह हत्या की गई थी।

पगड़ी या बाइक के रंग से एक-दूसरे को पहचानते थे शेरा व रमन

शार्प शूटर हरदीप शेरा और रमनदीप सिंह किसी भी हत्या से पहले एक-दूसरे को उनकी पगड़ी व बाइक के रंग से पहचानते थे और हत्या के तुरंत बाद एक-दूसरे से अलग हो जाते थे।


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