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25 घरों के लिए निगम ने खर्चे 12 लाख

फोटो-50 51 52 -सुपरिटेंडेंट इंजीनियर बोले रोड कटिग वाला हिस्सा छोड़कर बाकी में काम रुकवाया -मौके पर जारी है काम निगम कमिश्नर ने शुरू कराई जांच दोषियों को नहीं बख्शेंगे छह माह पहले प्रीमिक्स से बनी सड़क उखाड़कर लगवाई इंटरलॉकिंग टाइल्स निगम का सड़क घोटाला आया सामने एसई का दावा भी झूठा

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 10:19 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 10:19 PM (IST)
25 घरों के लिए निगम ने खर्चे 12 लाख
25 घरों के लिए निगम ने खर्चे 12 लाख

सत्येन ओझा, मोगा : महज 25 घरों के लिए छह महीने पहले बनी प्रीमिक्स की सड़क उखाड़कर वहां 12 लाख रुपये की लागत से इंटरलॉकिग टाइल्स की नई सड़क बनाने का काम धड़ल्ले से न्यू गीता कॉलोनी में चल रहा है। ये सड़क न्यू गीता कॉलोनी की अंतिम गली होने के कारण यहां से सिर्फ इन्हीं 25 परिवार के लोग गुजरते हैं, जबकि हर दिन औसतन 25 हजार से ज्यादा लोग जिस रेलवे रोड से गुजरते हैं वहां पर हर दो कदम पर गड्ढे ही गड्ढे हैं, जिसे बनवाने पर निगम का कोई ध्यान नहीं है। हैरानी की बात है कि सड़क निर्माण के नाम पर हो रही हेराफेरी का ये मामला सामने आने के बाद निगम के एसई राजिदर चोपड़ा ने दावा किया कि दो तीन स्थानों पर वाटर कनेक्शन के कारण रोड कटिग हुई थी, केवल उतने स्थान को छोड़कर बाकी हिस्से में उन्होंने खुद जाकर सड़क निर्माण कार्य रुकवा दिया है, जबकि दैनिक जागरण की टीम एसई के इस दावे के एक घंटे बाद दोपहर लगभग सवा एक बजे मौके पर पहुंची वहां निर्माण कार्य जारी थी।

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बता दें कि न्यू गीता कॉलोनी की सड़कें छह महीने पहले ही बनी हैं। कॉलोनी की हर गली पूरी तरह दुरुस्त हैं। गली में निगम के वाटर एंड सीवरेज डिपार्टमेंट के मुलाजिमों ने कथित रूप से निजी फायदे के लिए निगम के नियमों के खिलाफ जाकर वाटर कनेक्शन के लिए सड़क खुदाई के आदेश जारी कर दिए। नियमानुसार सड़क बनने के तीन साल तक रोड कटिग की अनुमति नहीं दी जा सकती है। हालांकि एसई राजिदर चोपड़ा ने तीन स्थानों पर रोड कटिग की बात स्वीकार की है। गड्ढों पर किसी का ध्यान नहीं

लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबी रेलवे रोड पर 150 से ज्यादा गड्ढे पैचवर्क के बाद फिर से उभर आए हैं, उसकी मरम्मत की तरफ किसी का ध्यान नहीं है। वह भी तब जब यहां हर रोड 25 हजार से ज्यादा लोग हर कदम पर बने गड्ढों में ठोकरें खाते हुए निकलते हैं। शहर की अन्य प्रमुख सड़कों का भी यही हाल है। गिल रोड पर भी यही स्थिति है। हर कदम पर गड्ढे वाली गिल रोड को छोड़कर पहले से दुरुस्त सड़कों पर प्रीमिक्स बिछा दी। ये हैं बड़े सवाल

नियमों के खिलाफ जिसने रोड कटिग की अनुमति दी, क्या उसके खिलाफ निगम के कोई कार्रवाई की?

निजी फायदे के लिए किसी मुलाजिम ने रोड कटिग की अनुमति दी तो उसके लिए निगम 12 लाख का दंड क्यों भुगते?

गली पर आवागमन सीमित होने के चलते रोड कटिग वाले हिस्से की मरम्मत की बजाय पूरी सड़क उखाड़कर दोबारा बनाने की जरूरत क्यों महसूस हुई? ।

मामले की होगी जांच : अनीता दर्शी

निगम कमिश्नर अनीता दर्शी का कहना है कि छह महीने पहले बनी सड़क को उखाड़कर वहां दोबारा सड़क नहीं बनाई जा सकती है, मामला उनके संज्ञान में नहीं है, अगर किसी ने ऐसा किया है तो ये गलत किया है, इसकी वे जांच करा रही हैं। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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