Move to Jagran APP

हर दिल ने किया ईश्वर का शुक्रिया, पायलट अभिनव को सेल्यूट

मुदकी रोड पर करीब छह किलोमीटर दूर गांव लंगेयाना खुर्द में वीरवार देर रात को तेज धमाके के साथ आंख खुली

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 May 2021 10:44 PM (IST)Updated: Fri, 21 May 2021 10:44 PM (IST)
हर दिल ने किया ईश्वर का शुक्रिया, पायलट अभिनव को सेल्यूट
हर दिल ने किया ईश्वर का शुक्रिया, पायलट अभिनव को सेल्यूट

सत्येन ओझा/मनि सिगला, मोगा :

loksabha election banner

बाघापुराना से मुदकी रोड पर करीब छह किलोमीटर दूर गांव लंगेयाना खुर्द में वीरवार देर रात को तेज धमाके के साथ आंख खुली, बाहर निकलकर देखा तो दूर खाली खेतों में आग की लपटें उठ रही थीं। लपटें एक स्थान पर केन्द्रित थी, जबकि छोटी-छोटी आग कई स्थानों पर लगी थी, लोग आग के करीब पहुंचे तो पता चला कि सेना का कोई फाइटर प्लेन क्रैश हुआ है।

आधी रात में इससे ज्यादा ग्रामीणों को कुछ समझ में नहीं आया, शुक्रवार सुबह जब सो कर उठते तो गांव लंगेयाना खुर्द, गांव लंगेयाना नवां के ग्रामीण अपनी व परिवार की जान बचने के लिए ईश्वर से दुआ कर रहे थे, साथ ही इस हादसे में प्राण गंवाने वाले एयरफोर्स के पायलट अभिनव चौधरी को सैल्यूट कर रहे थे, जिनकी वजह से उनकी जान बची।

घटनास्थल के तीन तरफ है आबादी

जिस जगह पर वायु सेना का विना दुर्घटनाग्रस्त हुआ वहां तीन तरफ से आबादी है। एक तरफ लंगेयाना खुर्द, दूसरी तरफ लंगेयाना नवां, तीसरी तरफ बराड़ हाउस के नाम से बड़ा फार्म हाउस व उसी के निकट एक शेलर भी है।

जान जोखिम में डाल प्लेन को आबादी से बाहर ले गया पायलट

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि जहाज तकनीकी रूप से हवा में ही खराब हो गया था, जिसकी जानकारी उसे उड़ाकर सूरतगढ़ एयरबेस की तरफ ले जा रहे पायलट को हो गई थी। मोगा जिले की सीमा में आबादी के बीच अचानक आई तकनीकी खराबी से पायलट अभिनव ने अपनी जान को खतरे में डालकर वे आबादी के बीच खाली पड़े स्थान तक ले गए, वहां पर जहाज को छोड़ा और खुद पैराशूट लेकर कूद गए।

जहाज के जमीन पर गिरते बना आठ फीट गहरा गड्ढा

जमीन पर गिरते ही तेज धमाके के साथ जहाज करीब सात से आठ फीट गहरा गड्ढा बनाकर उसमें धंस गया, उसमें से आग की लपटें काफी ऊंची उठने लगीं। जहाज के पुर्जे करीब आधा मीटर के घेरे में बिखर गए।

घटना स्थल से 500 फिट की दूरी पर पड़ा था पायलट का शव

सूचना मिलने के कुछ देर बाद ही पहले एसएसपी हरमनवीर सिंह गिल मय पुलिस बल के पहुंचे, बाद में सेना के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। उस समय तक क्रैश हुए जहाज के निकटवर्ती क्षेत्र में ग्रामीणों की भारी भीड़ एकत्रित थी, बाद में सेना ने पूरे क्षेत्र को सील कर वहां से ग्रामीणों को वापस भेजकर सबसे पहले पायलट की तलाश शुरू की। सुबह करीब साढ़े तीन बजे के करीब जहाज के मलबे से करीब 400-500 फीट की दूरी पर पायलट व पैराशूट पड़ा मिला। उस समय तक युवा पायलट अभिनव की धड़कनें बंद हो चुकी थीं। सेना के चिकित्सकों ने तत्काल पायलट अभिनव चौधरी के शव को एम्बुलेंस में लेकर चले गए।

सुबह होते लगी लोगों की भीड़

सुबह होते ही घटनास्थल के आसपास क्रैश हुए जहाज को देखने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। उधर सेना ने जहाज के मलबे में उन कारणों को तलाशना शुरू कर दिया, जिस कारण ये हादसा हुआ। दिन भर वहां सेना की जेसीबी एवं अन्य मशीनें जांच के लिए आती रहीं।

आदी के ऊपर गिरता प्लेन तो होता भयावह दृश्य

दो गांवों की तीन तरफ बिखरी आबादी के करीब साढ़े चार हजार की आबादी के लोग सिर्फ ईश्वर का धन्यवाद कर रहे थे, अगर जरा सी चूक से जहाज आबादी के ऊपर गिरता तो जो भयावह दृश्य होता उसकी कल्पना करना भी मुश्किल था, ईश्वर के साथ वे पायलट को भी सैल्यूट करते नजर आए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.