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धधकने लगे पराली की आग में सरकारी नियम

मोगा मोगा से लेकर निहाल सिंह वाला के गांव रणसिंह कलां के बीच वीरवार को नौ स्थानों पर पराली खेतों में जलती देखी गई। धान की कटाई के साथ ही अब पराली में धधकती आग के चलते सरकारी नियम धुएं के गुबार बनकर उड़ते जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 08:01 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 06:30 AM (IST)
धधकने लगे पराली की आग में सरकारी नियम
धधकने लगे पराली की आग में सरकारी नियम

राज कुमार राजू, मोगा

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मोगा से लेकर निहाल सिंह वाला के गांव रणसिंह कलां के बीच वीरवार को नौ स्थानों पर पराली खेतों में जलती देखी गई। धान की कटाई के साथ ही अब पराली में धधकती आग के चलते सरकारी नियम धुएं के गुबार बनकर उड़ते जा रहे हैं। बता दें कि अभी तक जिले में पराली में आग लगने के 513 मामले प्रशासन के सामने आ चुके हैं, लेकिन केस 37 ही दर्ज हुए हैं। हर दिन पराली में आग लगने के मामले में बढ़ते जा रहे हैं, जिसका असर अब मौसम पर ही दिखने लगा है। इसके चलते वीरवार को दिन भर स्माग छाई रही।

हालांकि कि पराली न जलाने को लेकर किसानों में जागरूकता भी आ रही है। जिले की 329 ग्राम पंचायतों में से करीब 16 से ज्यादा पंचायतों ने पराली न जलाने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। इसके बावजूद पराली में आग के मामले में कम होते नजर नहीं आ रहे हैं। इस बार जिले के बड़े हिस्से में धान की फसल खेतों में अब पकी है। जिसके चलते इन दिनों कटाई तेजी से हो रही है। वहीं इसके साथ पराली में आग लगने की घटनाएं अब बढ़ने लगी हैं।

दैनिक जागरण की टीम ने वीरवार को गांव घोलियां कलां तक 42 किलोमीटर तक का सफर तय किया। इस दौरान पहले गांव झंडेयाना में पराली में लगाई गई आग के धुएं से गुबार से पूरा क्षेत्र भरा हुआ था। यहां तक कि इस सड़क से निकलने वाले लोगों को धीमी गति से निकलना पड़ा, क्योंकि धुएं में कुछ नहीं दिख रहा था। धुएं के कारण आंखों में जलन काफी देर तक असर दिखाती रही। इससे आगे बढ़ने पर चड़िक थाने से कुछ आगे जाकर पराली की लपटें दूर से ही दिख रही थीं। गांव राऊके कलां में दो स्थानों पर, जबकि लौटते समय बधनीकलां से पहले दो खेतों में धुएं के गुबार बता रहे थे कि सांसों में घुलते जहर के प्रति अभी भी किसान ज्यादा गंभीर नहीं है। हालांकि सरकार ने पराली न जलाने वाले किसानों को सहायता राशि देने का एलान किया था। मगर, अभी तक ये राशि न मिलने के कारण भी इस बार किसानों में काफी आक्रोश का माहौल है।

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बढ़ने लगे हैं सांस के मरीज

नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ एवं सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. राजेश अत्री का कहना है कि गले के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पहले की तुलना में पांच से छह प्रतिशत ज्यादा मरीज सिविल अस्पताल में पहुंचने शुरू हुए हैं। सरकारी सेवा से अवकाश ग्रहण करने वाले नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. राजेश पुरी बताते हैं कि आंखों की जलन की शिकायतें ही नहीं बढ़ रही हैं बल्कि उन्होंने खुद इन दिनों सुबह की सैर से परहेज करना शुरू कर दिया है, क्योंकि पार्क में भी जलन महसूस की जा रही है।


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