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गायनी वार्ड में जमावड़ा, शिशु व गर्भवतियों के लिए खतरा

मोगा सिविल अस्पताल मोगा के गायनी वार्ड में गर्भवती महिलाओं व उनके तामीरदारों का जमावड़ा होने लगा है। मगर वे कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक नजर नहीं आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 11:06 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 11:06 PM (IST)
गायनी वार्ड में जमावड़ा, शिशु व गर्भवतियों के लिए खतरा
गायनी वार्ड में जमावड़ा, शिशु व गर्भवतियों के लिए खतरा

संवाद सहयोगी, मोगा

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सिविल अस्पताल मोगा के गायनी वार्ड में गर्भवती महिलाओं व उनके तामीरदारों का जमावड़ा होने लगा है। मगर, वे कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में वे कोरोना संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। बता दें किे गत दिनों आई रिपोर्ट में एक गर्भवती महिला भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। वहीं बिना किसी सावधानी को बरते अस्पताल के गायनी वार्ड में गर्भवती महिलाएं व उनके तामीरदार सरकारी आदेशों को धत्ता बताते हुए बिना मास्क व फिजिकल डिस्टेंसिंग को भुलाकर शनिवार को बैठे देखे गए हैं। बता दें कि मोगा सिविल अस्पताल में रोजाना करीब 800 लोग ओपीडी में विभिन्न डॉक्टरों के पास उपचार करवाने के लिए पहुंचते हैं और इनमें से गायनी वार्ड में भी सौ से ज्यादा महिलाएं महिला रोग विशेषज्ञ के पास आती हैं। भले ही अस्पताल में डिलीवरी होने के ग्राफ में गत महीनों बढ़ोतरी हुई है, फिर भी संक्रमण को अनदेखा किए जाने वाले लोगों को जागरूक करने के लिए सेहत विभाग कोई प्रयास नहीं कर रहा है।

बता दें कि मोगा सिविल अस्पताल में हर महीने लगभग 400 महिलाएं प्रसव के लिए पहुंचती हैं। हालांकि पिछले दिनों संक्रमण को देखते हुए यह आंकड़ा कम हो गया था, लेकिन अब सरकार ने क‌र्फ्यू के बाद अनलॉक-1 क घोषणा जब से की है, तब से यहां मरीजों की आमद बढ़ रही है। उसी को देखते हुए गायनी वार्ड में भी रोजाना गर्भवती महिलाओं की गिनती बढ़ने लगी है।

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फर्श पर बैठी रहती हैं महिलाएं

शनिवार को दैनिक जागरण ने मौका-ए- मुआयना के दौरान पाया गया कि गायनी वार्ड के अंदर जहां महिलाओं की भीड़ बनी हुई है। वही उनके साथ आए पुरुष भी चाय-पानी आदि साथ-साथ ले रहे थे। इस दौरान जहां महिलाएं फर्श पर बैठी नजर आई, वहीं इनमें से बहुत सी महिलाएं बिना मास्क व शारीरिक दूरी को भुलाकर सरकारी आदेशों का उल्लंघन कर रही थीं। ऐसा होने से जहां किसी संक्रमित महिला या व्यक्ति किसी के लिए समस्या बन सकता है, वहीं दूसरी ओर गायनी वार्ड में इसके प्रति जागरूक करने के लिए सेहत विभाग का कोई सिक्योरिटी गार्ड या कर्मचारी दिखाई नहीं दिया। अगर ऐसी ही हालत रही, तो जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर गर्भवती महिलाओं में भी संक्रमण बढ़ने से इन्कार नहीं किया जा सकता।

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अब तक के आंकड़े

सिविल अस्पताल से मिले आंकड़ों के अनुसार पहले यहां हर महीने लगभग 400 डिलीवरी होती थी। मगर, गत तीन महीनों के दौरान यह आंकड़ा गिर गया था। जिसमें अब फिर इजाफा होने लगा है।

प्रसव हुआ

मई 269

जून 317

जुलाई (अभी तक) 337

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प्राथमिकता पर होगा समाधान

इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. अमरप्रीत कौर बाजवा ने कहा कि उक्त समस्या को पहल के आधार पर हल किया जाएगा, ताकि कोई संक्रमित न हो पाए।


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