'सियासत' की भेंट चढ़ा गांधी रोड, खुद गए गड्ढे, रोक दिया काम
शहर की खस्ताहाल सड़कों पर हर कदम पर गहरे गड्ढों से लोग पहले ही लहूलुहान हो रहे थे।
सत्येन ओझा, मोगा
शहर की खस्ताहाल सड़कों पर हर कदम पर गहरे गड्ढों से लोग पहले ही लहूलुहान हो रहे थे। बेहद खस्ताहाल गांधी रोड पर 10 साल बाद शुरू हुए इंटरलॉकिग टाइल्ट बिछाने का काम सियासी दंगल में रोककर नेताओं ने शहर को और ज्यादा घाव दे दिए हैं। निगम के अधिकारी भी इस सियासी दंगल का मोहरा बने हुए हैं। निगम के एसई नरिदर चोपड़ा से गांधी रोड का निर्माण रोके जाने पर उन्होंने बताया कि मटीरियल की जांच लैब में भेजी गई है, जांच रिपोर्ट आते ही काम शुरू करा दिया जाएगा।
जब उनसे पूछा गया कि शहर में कोई दूसरा ऐसा उदाहरण बताएं कि जहां विकास का काम शुरू होने के बाद मैटीरियल के सैंपल की जांच के लिए काम बीच में रोका गया हो। इस पर वे बोले के दो तीन दिन तो हर जगह काम रुकता है, जबकि खुद ने ही ये भी बताया कि लैब की सैंपल रिपोर्ट आने में आठ से दस दिन लग जाते हैं। क्या है राजनीति?
गांधी रोड पर निर्माण कार्य का शुभारंभ 20 दिसंबर को स्थानीय अकाली पार्षद कमलेश रानी गर्ग ने 92 लाख रुपये की लागत से होने वाले निर्माण कार्य का शुभारंभ किया था। उसी दिन तय हो गया था कि गांधी रोड पर निर्माण कार्य पूरा नहीं होने दिया जाएगा। इन चर्चाओं को सात जनवरी को उस समय विराम लगा जब विधानसभा कमेटी मोगा में आई थी।
शहर में इस समय लगभग 30 स्थानों पर काम चल रहे हैं, लेकिन कमेटी ने मटीरियल की जांच सिर्फ गांधी रोड पर की थी, उसके बाद से ही गांधी रोड पर निर्माण कार्य रोक दिया गया, जबकि कमेटी ने निर्माण कार्य नहीं रोका था। सियासी चाल के तहत अप्रत्यक्ष रूप से ये काम रोका गया था। क्या होने थे काम
गांधी रोड की दोनों साइडों पर इंटरलॉकिग टाइल्स के साथ ही लिक रोड पर सड़कों की मरम्मत का काम 92 लाख रुपये की लागत से होना था। 49 लाख रुपये की लागत से गांधी रोड रेलवे फाटक से लेकर हाईवे तक सड़क के दोनों साइड में इंटरलॉकिग टाइल्स बिछाने का काम किया जाएगा।
43 लाख रुपये की लागत से गांधी रोड की लिक सड़क मेखां वाली सड़क व दो अन्य सड़कों का निर्माण होना है। मुख्य सड़क के दोनों ओर आठ-आठ फीट इंटरलॉकिग टाइल्स बिछाने का काम किया जाना है। ये हैं प्रमुख संस्थान
गांधी रोड पर एसडी सीनियर सैकेंडरी स्कूल, एसडी मॉडल स्कूल, शहर का प्रमुख शमशान घाट, सेन्ट्रल जीएसटी ऑफिस, अस्पताल, पूरे देश के लिए रॉल मॉडल बनीं गोपाल गौशाला, गैस एजेंसी का ऑफिस होने के साथ ही रेलवे का ओपन प्लेंथ होने के कारण एफसीआई के ट्रक लोडिग-अनलोडिग के लिए यहीं से गुजरते हैं। क्या कहते हैं पार्षद
क्षेत्रीय पार्षद कमलेश रानी एवं नगर निगम वित्त एवं टेंडर कमेटी के सदस्य अकाली पार्षद गुरमिदर जीत सिंह बबलू ने बिना नाम लिए कांग्रेस के जनप्रतिनिधि पर सीधा हमला करते हुए कहा है कि सियासी रंजिश में कम से कम विकास के काम तो न रोकें, ये काम कोई पार्षद अपने हित के लिए नहीं करा रहा है, शहर के विकास के लिए हो रहे हैं। श्रेय लेना है तो ले लो, लेकिन कम के कम काम मत रुकवाओ।