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मछली मार्केट के दुकानदारों ने अस्पताल में की नारेबाजी

मोगा सिविल अस्पताल मोगा में मेडिकल के लिए लाए गए मछली कारोबारियों समेत 12 लोगों ने बुधवार को पुलिस प्रशासन समेत स्थानीय नेताओं व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना रोष जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन राजनीतिक दबाव को देखते हुए उन पर झूठा मामला दर्ज कर रही है। उक्त कारोबारियों का मेडिकल करवाकर उन्हें बाद में अदालत में पेश किया गया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में बरनाला जेल भेज दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 11:36 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 11:36 PM (IST)
मछली मार्केट के दुकानदारों ने अस्पताल में की नारेबाजी
मछली मार्केट के दुकानदारों ने अस्पताल में की नारेबाजी

संवाद सहयोगी, मोगा

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सिविल अस्पताल मोगा में मेडिकल के लिए लाए गए मछली कारोबारियों समेत 12 लोगों ने बुधवार को पुलिस प्रशासन समेत स्थानीय नेताओं व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना रोष जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन राजनीतिक दबाव को देखते हुए उन पर झूठा मामला दर्ज कर रही है। उक्त कारोबारियों का मेडिकल करवाकर उन्हें बाद में अदालत में पेश किया गया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में बरनाला जेल भेज दिया गया।

सिविल अस्पताल में नारेबाजी करते हुए निर्भय सिंह ढुडीके, कर्मजीत सिंह कोटकपूरा, मोहन सिंह औलख व हरप्रीत सिंह जीता ने कहा कि पिछले लंबे समय से मोगा के फिरोजपुर रोड पर स्थापित मछली मार्केट को स्थानीय नेताओं ने उजाड़ दिया था। जिसके बारे में मछली मार्केट के दुकानदारों द्वारा पिछले दिनों शांतिपूर्वक प्रतिदिन अपनी मांगों को पूरा करने के लिए धरना लगाया जा रहा था। इस दौरान 19 जून को स्थानीय नेताओं की शह पर पुलिस ने दुकानदारों को उठा कर अस्थायी तौर पर बनी इंडोर स्टेडियम की हवालात में बंद कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने 32 दुकानदारों को रिहा कर दिया और अन्य 12 के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उन्हें हवालात में बंद रखा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना सोचे समझे उन पर झूठे आरोप लगाते हुए राजनीतिक शह पर मामले दर्ज करके उनके साथ ज्यादती की है।

उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा जहां बेरोजगारों को रोजगार देने की बात कही जा रही है, वहीं लोगों के रोजगार छीन कर उनको बेरोजगार बनाया जा रहा है। जिसकी मिसाल पिछले 40 वर्षो से चल रही मछली मार्केट को उजाड़ने से मिलती है।

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संघर्ष रहेगा जारी

इस दौरान कर्मजीत सिंह व हरप्रीत सिंह मीता ने बताया कि भले ही पुलिस प्रशासन द्वारा राजनैतिक दबाव को लेकर उन पर मामले दर्ज कर दिए हैं। मगर, 29 जून को विभिन्न जत्थेबंदियों द्वारा रोष प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। इस रोष प्रदर्शन के दौरान किरती किसान यूनियन नौजवान सभा तूड़ी छिलका यूनियन समेत अन्य जत्थेबंदियों द्वारा डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय का घेराव किया जाएगा। अगर उनकी मांगों का समाधान करने को लेकर प्रशासन ने उन्हें रिहा न किया, तो आगामी आगामी दिनों में यह संघर्ष पंजाब स्तर पर भी शुरू किया जाएगा।

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पुलिस ने उड़ाई सरकारी आदेशों की धज्जियां

कर्मजीत सिंह व मोहन सिंह औलख ने कहा कि भले ही पंजाब सरकार व जिला पुलिस प्रशासन लोगों को कोरोना वायरस बचाव करने के बारे में जागरूक कर रही है । मगर, उन्हें गिरफ्तार करने के बाद जब इंडोर स्टेडियम में बनी अस्थायी हवालात में रखा गया, तो 44 लोगों को 25 गद्दे दिए गए। ऐसे में एक गद्दे पर लगभग तीन लोग बैठते व सोते थे। ऐसा करके पुलिस ने शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ाते हुए कोरोना वायरस की अनदेखी की है।

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खाने-पीने समेत रोटी का नहीं था प्रबंध

मेडिकल के लिए अस्पताल में लाए गए निर्मल सिह, कर्मजीत सिंह ,मोहन सिह, दर्शन सिंह, जगरूप सिंह, नानक चंद, हरप्रीत जीता, सुनील, प्रह्लाद, हंसराज, राजेंद्र सिंह व राधेश्याम का आरोप था कि 44 लोगों में से 32 लोगों को बिना शर्त पर रिहा कर दिया गया। वहीं 12 लोगों पर मामले दर्ज किए गए हैं। इस अवधि के दौरान उनको हवालात में बंद करने सहित इंडोर स्टेडियम में बनी आरजी हवालात में भी रखा गया। जहां न तो पीने का पानी स्वच्छ मिलता था और न ही रोटी के अलावा अन्य प्रबंध सुचारू थे। पुलिस प्रशासन ने कोरोना वायरस को नजरअंदाज करते हुए उनकी सेहत से खिलवाड़ किया है।

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इंडोर स्टेडियम में थे बेहतर प्रबंध

डीएसी (सिटी) में बरजिदर सिंह भुल्लर ने बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा आरजी तौर पर इंडोर स्टेडियम में बनाई हवालात में रखे गए मछली मार्केट के दुकानदारों के लिए पीने की लिए साफ-सुथरा पानी, अच्छा खाना तथा फल आदि उनकी अगुआई में भेजे जाते थे। इसके अलावा गर्मी के मौसम को देखते हुए पंखों का प्रबंध करते हुए वह सुबह-शाम खुद इंडोर स्टेडियम में चक्कर लगाकर आते थे। पुलिस प्रशासन पर मछली मार्केट के समर्थन में आए कुछ स्टूडेंट यूनियन के पदाधिकारियों व अन्य जत्थेबंदियों के नेताओं द्वारा झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में 32 लोगों पर धारा 188 के तहत कार्रवाई की गई है, जबकि 12 को बुधवार को 14 दिन की न्यायक हिरासत में बरनाला जेल में भी दिया गया है।


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