किसानों ने पुतला फूंक केंद्र सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
किसानों ने रविवार को दशहरा पर्व के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला।
संवाद सहयोगी, मोगा : किसानों ने रविवार को दशहरा पर्व के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला। किसान केंद्र सरकार का पुतला बनाकर एक ट्रैक्टर से बांधकर मेन बाजार की ओर ले गए तथा जमकर नारेबाजी की। किसान एकता यूनियन व भारती किसान यूनियन व अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों में से किसान नेता सुखजिदर सिंह खोसा, सूरत सिंह धर्मकोट, बलवंत सिंह ब्रह्मके, परगट सिंह सफूवाला, कुलदीप भोला, निर्मल सिंह मनुके, सुखविदर ब्रह्मके, सुखजिदर मेहसारी ने कहा कि केंद्र सरकार रोजगार, व्यवसाय, कृषि को तबाह करने पर तुली हुई है। किसान को केंद्र सरकार ने खत्म करने का काम किया है। जब तक केंद्र सरकार पूरे देश में कृषि सुधार कानून को रद नहीं करती तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
रविवार सुबह विभिन्न संगठनों से किसान शहर में वाहनों में सवार होकर धरनास्थल नेचर पार्क व रेलवे स्टेशन पहुंचने शुरू हो गए। किसानों ने एक सभा के बाद रोष प्रदर्शन शुरू कर दिया और देखते ही देखते दोनों स्थानों पर किसान एकत्रित हो गए और मोदी का पुतला बनाकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद एक ट्रैक्टर से पुतले को बांध दिया और रेलवे रोड व मेन बाजार में घसीटते हुए ले गए और बाद में आग के हवाले कर दिया। वहीं किसानों के प्रदर्शन को लेकर जिला प्रशासन व रेलवे प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद रहा।
बाघापुराना में भी किसानों ने दशहरा पर्व के दौरान खुले मैदान में केंद्र सरकार का 20 फुट ऊंचा पुतला तैयार किया और रावण के दहन के दौरान इसको भी आग के हवाले किया। ये भी रहे मौजूद
इस अवसर पर निरंजन सिंह उमरियाणा, डा. बलदेव सिंह धूड़कोट, गुलजार सिंह, विक्की मेहसरी, मास्टर हजूरा सिंह, गुरजंत सिंह गागड़ा, हरदयाल सिंह गाली, कुलवंत सिंह सरपंच बडनी खुर्द, मेजर सिंह जलालाबाद, सुरिदर सिंह गाली राकिग व अन्य उपस्थित थे। दौलतपुरा, अमर सिंह सलीना, सुच्चा सिंह विर्क, जीत बाथ पाटो, महिदर सिंह धूड़कोट, गुरबचन सिंह चन्नुवाला, मास्टर रविदर सिंह धूड़कोट, लखविदर सिंह नंबरदार, दर्शन सिंह सरपंच, कक्का सिंह, जोगिदर सिंह, नाहर सिंह, उमरदीप सिंह उमराव बुग्गर सिंह, लखवीर कौर, रणजीत कौर, छिदो मनुके, हाकिम सिंह नंबरदार, बलविदर सिंह मनुके, लब सिंह मनुंके, महिदर सिंह चुगावान, सुमंदर सिंह धूरकोट, गुरमेल सिंह राजीवाला, जसपाल सिंह घरू, मुकंद सिंह आदि किसान उपस्थित रहे। अभी तक स्टेशन से निकले तीन रैक
जब से किसानों ने रेलवे स्टेशन पर कृषि सुधार कानूनों को लेकर रोष प्रदर्शन शुरू किया है, तब से रेल का चक्का जाम है। एक अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक 20 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। जबकि रेलवे को पिछले दो महीनों से मालगाड़ी के जरिये 32-32 करोड़ की आमदन हुई। वहीं किसानों ने जब से ट्रैक खाली किया है दो-तीन मालगाड़ी के ही रैक अभी तक निकल पाए हैं। एक रैक से मोगा रेलवे स्टेशन को करीब 65 लाख रुपये तक की आमदन होती है।