प्रमुख बाजारों में अतिक्रमण पर खामोश है नगर निगम
शहर के प्रमुख बाजारों में दुकानें सड़कों पर आ जाने के कारण ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई है।
जागरण संवाददाता, मोगा : शहर के प्रमुख बाजारों में दुकानें सड़कों पर आ जाने के कारण ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई है। आए दिन लोगों को कई-कई घंटे बाजारों में जाम में फंसना पड़ता है। सिविल अस्पताल मेन बाजार में होने के कारण इमरजेंसी में कई बार एम्बुलेंस तक फंस जाती हैं। हैरानी की बात है कि नगर निगम को कभी सड़कों पर उतर आईं दुकानों को ख्याल नहीं आता है, लेकिन सारी ताकत अपनी खानापूर्ति करने के लिए चलते-फिरते रेहड़ी वालों को उजाड़ने में समय नहीं लगाते, ये स्थिति तब है जब केंद्र सरकार की योजना के तहत अब हर शहर में रेहड़ी वालों को जगह देने की जिम्मेदारी निकायों को सौंपी गई है। एक तरफ लोगों को रोजगार देने की बातें हो रही हैं, दूसरी तरफ कार्रवाई के नाम पर हर बार निशाना गरीब रेहड़ी वाले बनते हैं।
ये हैं बड़े अतिक्रमण वाले क्षेत्र
-कबाड़ी बाजार (तीस फीट की सड़क महज 15 फीट भी नहीं बची है। कबाड़ा सड़क पर होता है)
-मेन बाजार ज्यादातार दुकानें सड़क तक निकली होती हैं, उसके आगे व्हीकल खड़े होते हैं, दिन भर यहां जाम लगता है।
-रेलवे रोड पर दिन भर दुकानदारों की लोडिग-अनलोडिग के चलते सड़क के बड़े हिस्से पर टैंपो या भार ढोने वाले वाहन खड़े रहते हैं।
-कैंप बाजार में दुकानें काफी बाहर निकली हुई हैं।
-बागगली में तो दुकानें बाहर निकलने के साथ ही दुकानदारों ने दुकानों के आगे की जगह किराए पर दे रखी है।
-दो नंबर न्यू टाउन में दुकानें ही सड़कों पर सजी हुई हैं। प्रताप रोड पर भी दुकानों के आगे काफी ज्यादा अतिक्रमण होता है। यहां पर निगम कभी कभी कार्रवाई के लिए दिखती भी है तो पहले से दुकानदारों को सूचना मिल जाती है, सामान अंदर हो जाता है, उनके जाते ही फिर बाहर हो जाता है।