दुर्गाष्टमी पूजन कल, खरीदारी के लिए बाजारों में रौनक
मोगा अश्विन मास शुक्ल पक्ष के नव दुर्गा के नवरात्र के तहत 24 अक्टूबर को मां दुर्गा का अष्टमी पूजन होगा। इस दिन मंदिरों में जारी नव दुर्गा के पाठ की पूर्णाहुति भी होगी। वहीं घरों में मां की पावन ज्योति जला कर कंजक पूजन किया जाता है।
संवाद सहयोगी, मोगा
अश्विन मास शुक्ल पक्ष के नव दुर्गा के नवरात्र के तहत 24 अक्टूबर को मां दुर्गा का अष्टमी पूजन होगा। इस दिन मंदिरों में जारी नव दुर्गा के पाठ की पूर्णाहुति भी होगी। वहीं घरों में मां की पावन ज्योति जला कर कंजक पूजन किया जाता है। इसके लिए भक्तों में बड़ी श्रद्धा व उत्साह होता है। जिसके चलते परिवार के सभी सदस्य घर में भगवती का स्वरूप सजाकर सामूहिक रूप में मां की ज्योति का प्रकाश कर पूजन करते है। साथ ही नन्ही कंजकों को मां के रूप में पूजन कर उनसे आशीर्वाद लेते है। पंचांग के अनुसार इस बार अष्टमी, नवमी व दसवीं का विशेष सहयोग बन रहा है। वहीं कंजक पूजन को लेकर मां के भक्तों में पूजा की सामग्री व कंजको के सामान को खरीदने के लिए बाजारों का रुख किया गया है। इसके चलते बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है। लोग बड़ी संख्या में दुर्गाष्टमी के मद्देनजर खरीदारी कर रहे हैं। वहीं कंजकों को उपहार के रूप में देने के लिए अलग-अलग तरह का सामान भी खरीद रहे हैं। बता दें कि इस बार शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर से लेकर 25 अक्टूबर तक मनाया जा रहा है।
वहीं इस बारे में दुकान सत पाल प्रेम चंद के राकेश मित्तल ने बताया कि नवरात्र में कंजकों को देने के लिए चुनरी 10 और 20 रुपये में मिल रही है। कंजकों को प्लास्टिक बाक्स, प्लेट, बाल आदि भी 10 रुपये में मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि कंजक पूजन को लेकर भक्तों में उत्साह है और लोग पूरे बाजार में बड़े स्तर पर खरीदारी कर रहे हैं।
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दुर्गाष्टमी व्रत कल
नंदलाल आचार्य ने बताया कि अधिक मास समाप्त होने के साथ ही 17 अक्टूबर से नवरात्र शुरू हो गए थे। इस बार तिथियों में उतार-चढ़ाव होने की वजह से नवरात्रि का त्योहार नौ दिन से पहले ही संपूर्ण हो जाएगा। इसी के साथ 24 अक्टूबर को दुर्गाष्टमी मनाई जाएगी। इस वर्ष अष्टमी तिथि का प्रारंभ 23 अक्टूबर को सुबह 6.57 बजे हो रहा है, जो 24 अक्टूबर को सुबह 6.58 बजे तक है। सूर्योदय तिथि अष्टमी होने से इस वर्ष दुर्गाष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन महागौरी की पूजा की जाती है।
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दो दिन कन्या पूजन
पंडित अक्षय शर्मा ने बताया कि अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मां इन कन्याओं के माध्यम से ही अपना पूजन स्वीकार करती हैं। उन्होंने कहा कि 10 वर्ष की कम आयु की कन्या को दुर्गा स्वरूप माना जाता है। इसलिए अष्टमी व नवमी के दिन कन्या पूजन से मां प्रसन्न होती है। इस बार अष्टमी, नवमी तथा दसवीं का अदभुत मिलन हो रहा है।