डीजे व साउंड के कारोबारी भी झेल रहे महामारी का दंश
कोविड-19 के कारण डीजे का धंधा भी चोपट हो गया है। लगभग छह महीनों से चल रही कोरोना महामारी के चलते जीजे के मालिक हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
तरलोक नरूला, मोगा : कोविड-19 के कारण डीजे का धंधा भी चोपट हो गया है। लगभग छह महीनों से चल रही कोरोना महामारी के चलते जीजे के मालिक हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। धार्मिक आयोजनों में भजनों के साथ डीजे का गूंजता स्वर श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर देता है है। सावन मेले के दौरान निकलती शोभा यात्राओं, शिव भोले की कथाओं, जन्माष्टमी पर लगे जगह जगह मेले तथा गणपति महोत्सव की शोभा यात्रा इनका मुख्य कारोबार है। अब पिछले कुछ महीने से सभी त्यौहार कोरोना महामारी की भेट चढ़ गए। गणपति जी की विसर्जन शोभा यात्रा पर आने वाला कारोबार भी धूमल हो गया है।
डीजे से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि वर्ष 2020 के दस्तक देते ही कोविड-19 ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया। मार्च महीने से समय समय पर लगे लॉकडाउन ने उनके इस कारोबार को झिझोड़ कर रख दिया है। अब गणपति महोत्सव पर उम्मीद थी कि काम निकलेगा, लेकिन एकाएक कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमित को देखते लगे लॉकडाउन में खत्म होता जा रहा है। लगता है कि बप्पा का आगमन और अब विदाई बिना कृपा के ही निकल जाएगी। धार्मिक समागम के लिए मिलता था ऑर्डर
लखी साउंड एंड डीजे के सतनाम सिंह का कहना है कि वह 35 वर्ष से इस कारोबार से जुड़े हैं। उनके पास ज्यादातर घरो में होने वाले सही सुखमनी साहिब के पाठ, कीर्तन, माता की चौंकी आदि के समागम लगातार चलते रहते है। जिसे उनका घर का गुजारा होता है। जबसे कोरोना महामारी के कारण मार्च में लॉकडाउन लगा है तब से कारोबार बंद पड़ा है। हर पर्व पर आस होती है कि कुछ आमदनी होगी लेकिन महामारी के कारण कोई बी जीडे बुक नहीं कर रहा है। उन्होंने सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।
आरके डीजे साउंड के उमेश यादव का कहना हैकि उनके पास ज्यादातर धार्मिक समागमो के ही आर्डर होते है।जिस तहत वह पिछले 15 वर्षो से इस कारोबार के साथ जुड़े है। उनके पास सनातम धर्म शिव मंदिर में सावन में शिव कथा, जन्माष्टमी कथा, भागवत कथा,गणेश महोत्सव के अलावा अन्य कई कार्यक्रमों पर साउंड का लगातार काम रहता है।वही संस्थाओ के आयोजनों के आर्डर भी मिलते है।इससे रोटी रोजी का झुगाड चलता है।लेकिन पिछले 6 महीनों से कोरोना महामारी के कारण कोई भी आर्डर नही मिला। अब गणपति महोत्सव भी खाली निकल गया।आगे भी कोई आस नजर नहीं आ रही।अब राम ही जाने क्या होगा हमारा हाल।
छह महीने से कोई ऑर्डर नहीं मिला
रोबी साउंड के जतिंदर सिंह उर्फ रोबी का कहना है कि उनका सारा कारोबार धार्मिक आयोजनों से ही जुड़ा है। उनके पास शहर के अलावा देहात से भी ऑर्डर आते हैं। हर महीने दोधर का ग्यारवी का मेला, बुग्गीपुरा में संतो की पुण्यतिथि जैसे समागम आते हैं। वही शहर में साईं धाम, लाल दयाल का समागम, खाटू वाले का समागम जैसे बुक रहते हैं। सावन की कावड़ यात्रा तीज मेले पर डीजे का काम भी होता है। पिछले छह महीनों से कोई ऑर्डर नहीं आया। बुक ऑर्डर भी हुए कैंसिल
जेएस साउंड के जसविदर सिंह का कहना है कि जब से लाकडाउन लगा है तब से कारोबार ठप है। अप्रैल मई के जो ऑर्डर बुक थे वो भी कैंसिल हो गए हैं। सभी कोरोना महामारी की भेट चढ़ गए। उनका कहना है कि लॉकडाउन के पहले जो पेमेंट थी वो भी नहीं मिल रही। ऐसे में और कोई काम भी नहीं कर सकते।
अब कमाए हुए पैसे भी खत्म हो गए मिटू डीजे एवं साउंड के मिटू का कहना है कि जबसे कोरोना काल का पहरा आरंभ हुआ है। रोज यही सोचते है कि आज कोई न कोई ऑर्ड मिल ही जाएगा, लेकिन पिछले पांच महीनों से कोई भी ऑर्डर नहीं मिला है। धीरे-धीरे जमा पूंजी भी खत्म हो गी है। इस गणेश उत्सव पर उम्मीद थी लेकिन बप्पा ने भी मेहर नहीं की।