चितपूर्णी जयंती पर भक्तों ने घरों में पूजा की
लॉकडाउन से पहले माता चितपूर्णी जिन्हें छिनमस्तिका देवी भी कहा जाता है।
संस, मोगा : लॉकडाउन से पहले माता चितपूर्णी जिन्हें छिनमस्तिका देवी भी कहा जाता है के जयंती पर्व पर हर वर्ष भक्तों में बड़ा उत्साह होता था व भक्त मंदिरों में मां के दर्शन करने के लिए जाते थे। वहीं हजारों श्रद्धालु चितपूर्णी धाम में होने वाले हवन में भाग लेते थे। अलग-अलग संस्थाओं द्वारा अर्धरात्रि जागरण होता था। लेकिन कोरोना वायरस के चलते लगे कर्फ्यू के कारण वीरवार को इस पर्व की मंदिरों में खाली-खाली रहे। भक्तों ने घरो में हवन व पाठ कर कोरोना वायरस खत्म करने के लिए प्रार्थना की।
10 साल के बाद जागरण की जगह घर में आराधना
अनमोल वेलफयर क्लब के प्रधान राजेश अरोड़ा 10 वर्ष से माता चितपूर्णी के जयंती के अवसर पर विशाल अर्धरात्रि जागरण करवाते आ रहे हैं। वीरवार को उन्होंने निजी निवास स्टेडियम रोड पर परिवार के साथ हवन कर माता के चरणों में कोरोना वायरस को खत्म करने की प्रार्थना की। दिवाकर भारती की अगुवाई में सभी ने यज्ञ में आहुतिया डाल सभी के भले की कामना की। राजेश अरोड़ा ने कहा कि यज्ञ की अग्नि से निकला धुआं वातावरण में कोरोना जैसे दूषित कीटाणुओ का अंत करता है। इस अवसर पर राजेश अरोड़ा, मंजू अरोड़ा, मिस्टी, सुरेश, अजय मोंगा मौजूद रहे।
इस बार चौकी नहीं, ज्योति जगाकर पूजन
मां ज्वाला भजन मंडली के संस्थापक कपिल धीर ने कहा कि चार वर्ष से लाला लाल चंद धर्मशाला में माता की चौकी करते आ रहे हैं। लेकिन कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन के कारण प्रशासन के आदेशों की पालना करके वीरवार को घर गुरु नानक नगर में परिवार सहित मां के दरबार में ज्योति जगाकर पूजन किया। उन्होंने कहा कि माता चितपूर्णी हर तरह की इच्छा, मनोकामना पूर्ण करती है तथा चिताओं व कष्टों का निवारण करती है। इस समय देश में जो कोरोना महामारी का भारी कष्ट आया है उसे खत्म करने के लिए माता के चरणों में प्रार्थना की गई ताकि हम फिर से इस तरह के आयोजन कर सकें।
कोरोना को खत्म करने के लिए यज्ञ जरूरी
परवाना नगर स्थित विशाल धींगड़ा ने घर में माता चितपूर्णी जयंती पर यज्ञ कर कोरोना महामारी को खत्म करने की प्रार्थना की। इस दौरान उनकी दादी कैलाश वंती ने कहा कि कलयुग के इस दौर में जब इंसान मानवता को भूल जाता है तब इस तरह की महामारी आती है। कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए यज्ञ करना अनिवार्य है। लॉकडाउन के कारण हमें घरों में रहकर अधिक से अधिक प्रभु के नाम का सिमरन व माता चितपूर्णी की आराधना करनी चाहिए। इस दौरान नीरू धींगड़ा, समृद्धि, नेहल ने माता के दरबार में पूजन कर यज्ञ में घी सामग्री से आहुतियां डाली।
सालासर धाम में भी हुआ हवन
सालासर धाम में चितपूर्णी जयंती व बुद्ध पूर्णिमा पर पंडित जय नारायण की अगुवाई में पूजन किया। माता चितपूर्णी के चरणों में कोरोना वायरस को जल्द खत्म करने की प्रार्थना की। संस्थापक सुशील मिड्ढा, गगन गाबा, सौरभ, रविश ने यज्ञ में आहूतियां डाल माता के चरणों में कोरोना वायरस को दूर करने की प्रार्थना की।