नगर निगम के 65 ट्यूबवेल पर पीने के पानी में मिक्स होगी क्लोरीन
शहर की लगभग पौने दो लाख की आबादी के लिए लगे 65 ट्यूबवेल दूषित पानी की सप्लाई कर रहे हैं 50 प्रतिशत ट्यूबवेलों पर क्लोरीन डोजर तो हैं लेकिन बेहद खस्ताहाल देखने में ऐसा लगता है कि डोजर के माध्यम से पानी में क्लोरीन मिलाया जा रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने महीने के अंदर शहर के विभि
राजकुमार राजू, मोगा : शहर की लगभग पौने दो लाख की आबादी के लिए लगे 65 ट्यूबवेल दूषित पानी की सप्लाई कर रहे हैं। 50 प्रतिशत ट्यूबवेलों पर क्लोरीन डोजर तो हैं, लेकिन बेहद खस्ताहाल, देखने में ऐसा लगता है कि डोजर के माध्यम से पानी में क्लोरीन मिलाया जा रहा है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने महीने के अंदर शहर के विभिन्न क्षेत्रों से 19 सैंपल लिए थे, जिनमें से सभी सैंपल फेल पाए गए।
रिपोर्ट में बेक्टीरियल कंटेमिनेटेड की बात कही गई है, जिससे साबित होता है कि नगर निगम द्वारा सप्लाई किया जा रहा पानी पीने योग्य नहीं है। ऐसे में रविवार को शहर में लगे पीने के पानी के मोटर पंप पर लगे प्रोजेक्ट में क्लोरीन डाली शुरू कर दी गई। पीने के ट्यूबवेल पर पर पिछले लंबे समय से लोगों की सेहत से खिलवाड़ करके उनके जीवन को बिना क्लोरीन के पानी सप्लाई किया जा रहा था। जिसको लेकर दैनिक जागरण ने 25 फरवरी को बिना क्लोरीनेशन निगम कर रहा पेयजल की सप्लाई समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। उसे गंभीरता से लेते हुए निगम कमिश्नर की हिदायतों के अनुसार पूरे शहर के पंपों पर लगे प्रोजेक्टों में टविन ऑक्साइड नामक दवा को मिश्रित करना आरंभ कर दिया है। यह है स्थिति
नियमानुसार प्रतिदिन शहरवासियों को रोजाना करीब 150 लीटर पानी की जरूरत होती है। शहर की इस समय कुल आबादी करीब पौने दो लाख है। इस अनुसार शहर को रोजाना घरेलू और व्यवसायिक प्रयोग के लिए 265 करोड़ लीटर रोजाना पानी की जरूरत है। निगम के 65 ट्यूबवेल शहर को करीब 250 करोड़ लीटर पानी की सप्लाई तो रोजाना दे रहे हैं, लेकिन घरों में जो पानी पहुंच रहा है वह शुद्ध नहीं है। बता दे कि गत दिनों वार्ड नंबर 19 व 12 से सेहत विभाग द्वारा पीने के दूषित पानी की सप्लाई कोलेकर सैंपल लिए जाने पर सैंपल फेल आए थे ।
नगर निगम के रिकार्ड के अनुसार पांच मरले के मकान के लिए पानी का बिल माफ है, इस प्रकार शहर में कुल 68 हजार लोगों को पानी का बिल माफ हैं, जबकि 22 हजार 829 लोग ही पीने के पानी की बिल भरते हैं, रिकार्ड में निगम के पास इतने ही पानी के कनेक्शन हैं। बाकी कनेक्शन गैर कानूनी हैं।