बच्चों ने हवा के दबाव के बारे में जाना
मोगा द लर्निग फील्ड (टीएलएफ) ए ग्लोबल स्कूल ने दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों को बेलून हैलीकाप्टर के माध्यम से हवा के विभिन्न रूपों की जानकारी दी। बचों को आनलाइन डिजिटल बोर्ड व छोटे-छोटे वीडियो के माध्यम से बड़े ही प्रभावशाली ढंग से बताया गया कि हवा कैसे चलती है व हवा के कारण वस्तुओं कैसे क्रिया करती हैं।
संवाद सहयोगी, मोगा
द लर्निग फील्ड (टीएलएफ) ए ग्लोबल स्कूल ने दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों को बेलून हैलीकाप्टर के माध्यम से हवा के विभिन्न रूपों की जानकारी दी। बच्चों को आनलाइन डिजिटल बोर्ड व छोटे-छोटे वीडियो के माध्यम से बड़े ही प्रभावशाली ढंग से बताया गया कि हवा कैसे चलती है व हवा के कारण वस्तुओं कैसे क्रिया करती हैं। इस दौरान बच्चों ने साइंस किट के माध्यम से पहले एयर बेलून तैयार किए और फिर इनमें हवा भरने के बाद उनके मुंह पर हैलीकाप्टर की तरह के पंखे लगाकर उन्हें हवा में छोड़ा। बच्चों को बताया गया कि कि बेलून (गुब्बारे) हवा भरने से पहले सिकुड़े थे, लेकिन जैसे-जैसे हवा भरना शुरू किया वे फूलते गए और उनका आकार बढ़ता गया। इससे साफ है कि हवा जगह घेरती है। इस बीच एक बच्चे द्वारा पूछे सवाल के जवाब में बताया गया कि हां हवा में भार होता है। यह बताने के लिए एक टायर को खाली तोला गया और बाद में उसमें हवा भरने के बाद तोला गया तो उसका वजन बढ़ा हुआ था।
इस दौरान कुछ बच्चों ने पूछा कि हवा चलती कैसे है। इस पर विज्ञान के अध्यापक ने बताया कि जब सूरज की किरणें धरती के किसी हिस्से पर सीधे पड़ती हैं, तो वहां की जमीन और हवा गर्म होने लगती है। तापमान बढ़ने से ऐसी जगहों पर हवा फैलने लगती है। और उसका घनत्व भी कम हो जाता है। गर्म हवा ठंडी हवा के मुकाबले हल्की होती है। इसलिए वह ऊपर की तरफ उठने लगती है। इस स्थिति में ऐसे स्थानों की हवा का दबाव कम हो जाता है। तापमान में आने वाले बदलाव के कारण ही हवा का आना-जाना लगा रहता है। जिसे हम हवा का चलना या बहना कहते हैं।
इस बारे में प्रिसिपल सुनीता बाबू ने बताया कि बच्चों को हर चीज का व्यवहारिक ज्ञान देने के लिए इस प्रकार के आयोजन समय-समय पर कराए जाते हैं, ताकि बच्चे हर बात को गहराई से समझ सकें।