बिजली के बढ़े दाम से मंदी में जाएगा कारोबार
राज्य में बिजली दरों में बढ़ोतरी के बाद लोगों में सरकार के खिलाफ रोष है। लोगों का कहना है कि कैप्टन सरकार ने चुनाव से पहले तो बहुत से वादे किए लेकिन किसी भी वादे को पूरा नहीं किया।
संवाद सहयोगी, मोगा : राज्य में बिजली दरों में बढ़ोतरी के बाद लोगों में सरकार के खिलाफ रोष है। लोगों का कहना है कि कैप्टन सरकार ने चुनाव से पहले तो बहुत से वादे किए, लेकिन किसी भी वादे को पूरा नहीं किया। वहीं बिजली दरों में बढ़ोतरी कर लोगों पर बोझ डाला है। लोगों का कहना है कि बिजली के रेट बढ़ने से
उनका कारोबार भी प्रभावित होगा। लोगों ने सरकार से दिल्ली की तर्ज पर बिजली सस्ती करने की मांग की है। बिजली दरें घटने से बढ़ेगा कारोबार
समाजसेवी व आईस फैक्टरी संचालक कुलदीप सेतिया ने कहा कि जब दिल्ली की केजरीवाल सरकार बिजली की दरें सस्ती कर सकती है, तो पंजाब में बिजली दरें सस्ती क्यों नहीं की जा सकतीं। गर सस्ती बिजली होती है तो पंजाब में कारोबार में छाया मंदी का दौर कई हद तक सुधर जाएगा। अपने थर्मल प्लांट फिर भी डाला बोझ
कपड़ा कारोबारी मोनू ने कहा कि दिल्ली सरकार लगभग सौ प्रतिशत निजी बिजली कंपनियों पर निर्भर होकर भी दिल्लीवासियों को देश भर से सबसे सस्ती बिजली दे रही है, जबकि पंजाब सरकार के पास अपने थर्मल और पनबिजली प्रोजेक्ट होने के बावजूद सबसे महंगी बिजली दी जा रही है। आटा चक्की संचालक पवन कुमार ने कहा कि बादलों ने प्राइवेट थर्मल प्लांटों के साथ महंगे और एकतरफा शर्त वाले समझौते करके पंजाब की 77 प्रतिशत बिजली खपत प्राइवेट कंपनियों पर निर्भर कर दी। बिजली इस्तेमाल न करने के बावजूद बिजली का प्रति वर्ष करोड़ो रुपये प्राइवेट थर्मल प्लांटों को दिया जा रहा है, जो सीधे तौर पर हर बिजली खपतकार की जेब पर बोझ है। बिजली खरीद समझौता रद करने के वादे से मुकरी सरकार
आम आदमी पार्टी के युवा नेता अमित पुरी ने कहा कि कैप्टन सरकार ने बिजली खरीद समझौता रद करने का वायदा किया था। पंजाब में बिजली सस्ती होने की बजाए लगातार महंगी की जा रही है। सरकार को बिजली खरीद समझौता रद करने का वादा पूरा करना चाहिए।