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पंजाब में भाजपा को एक और झटका, कृषि कानूनों के विरोध में किसान मोर्चा प्रभारी त्रिलोचन सिंह ने छोड़ी पार्टी

पंजाब में भाजपा के महासचिव और कोर ग्रुप के सदस्य मालविंदर सिंह कंग के इस्तीफे के बाद अब पंजाब किसान मोर्चा के प्रभारी सरदार त्रिलोचन सिंह गिल ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया है। उन्होंने इस्तीफा कृषि कानूनों के विरोध में दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 03:38 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 06:29 PM (IST)
पंजाब में भाजपा को एक और झटका, कृषि कानूनों के विरोध में किसान मोर्चा प्रभारी त्रिलोचन सिंह ने छोड़ी पार्टी
सरदार त्रिलोचन सिंह गिल अपने निवास के बाहर धरने पर बैठे किसानों को संबोधित करते हुए। जागरण

जेएनएन, मोगा। भारतीय जनता पार्टी को पंजाब में एक और झटका लगा है। केंद्र द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों के विरोध में पार्टी के पंजाब किसान मोर्चा के प्रभारी सरदार त्रिलोचन सिंह गिल ने आज भाजपा से इस्तीफा देने का ऐलान किया। इससे पहले गत सप्ताह पंजाब में पार्टी के महासचिव और कोर ग्रुप के सदस्य मालविंदर सिंह कंग ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। साथ ही उन्होंने पार्टी की प्राथमिकता सदस्यता भी छोड़ दी थी।

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मोगा में आज शनिवार को सरदार त्रिलोचन सिंह गिल ने कहा कि भाजपा में उनकी सुनवाई नहीं हो रही। उनके निवास के बाहर पिछले 12 दिनों से किसान संगठनों ने धरना लगाया हुआ था। उनका कहना है कि भाजपा में उनकी सुनवाई नहीं हो रही है धरने के कारण पिछले 12 दिनों से वे घर से बाहर नहीं निकल पा रहे थे। हालांकि इस्तीफा देने की घोषणा के ठीक एक दिन पहले वह सड़क हादसे में घायल कांग्रेस विधायक डॉक्टर हरजोत कमल का हालचाल जानने राजीव हॉस्पिटल पहुंचे थे।

सरदार त्रिलोचन सिंह गिल दो बार भाजपा के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वर्तमान में किसान मोर्चा पंजाब के प्रभारी थे। सरदार त्रिलोचन सिंह गिल ने कहा कि अभी उनकी किसी पार्टी में जाने की मंशा नहीं है। वह किसानों की लड़ाई लड़ेंगे, लेकिन भाजपा को उन्होंने अलविदा कह दिया है। 

इससे पूर्व गत सप्ताह मालविंदर सिंह कंग ने पार्टी छोड़ी थी। भाजपा प्रधान अश्वनी शर्मा को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा कि मैंने कई बार यह मांग पार्टी प्लेटफार्म पर उठाई। यहां तक कि इस मसले को लेकर हमारी पार्टी की दस बार कोर ग्रुप की मीटिंग हुई, केंद्रीय समिति के साथ भी मीटिंग हुई और मैंने कहा कि किसानों की आशंकाओं को दूर करने की जरूरत है, लेकिन उन्होंने मेरी बात ही नहीं सुनी और कहा कि किसान गुमराह होकर आंदोलन कर रहे हैं। कंग कहा था कि किसान सड़कों पर हैं, लेकिन पार्टी उनको नहीं सुन रही है। 


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