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नशा तस्करी में गवाही से बचने वाले तीनों पुलिस मुलाजिम सस्पेंड

नशा तस्करी मामले में गवाही के बच रहे तीनों पुलिस मुलाजिमों को एसएसपी अमरजीत सिंह बाजवा ने सस्पेंड कर दिया है लेकिन अभी तक पुलिस तीनों को गिरफ्तार करने में सफल नहीं हो सकी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 11:10 PM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 11:10 PM (IST)
नशा तस्करी में गवाही से बचने वाले तीनों पुलिस मुलाजिम सस्पेंड

जागरण संवाददाता, मोगा : नशा तस्करी मामले में गवाही के बच रहे तीनों पुलिस मुलाजिमों को एसएसपी अमरजीत सिंह बाजवा ने सस्पेंड कर दिया है, लेकिन अभी तक पुलिस तीनों को गिरफ्तार करने में सफल नहीं हो सकी है। हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश दिए थे कि गिरफ्तारी वारंट जारी होने के सात दिन के अंदर तीनों को गिरफ्तार कर तब तक जेल में रखा जाय तब तक कि गवाही पूरी नहीं हो जाती है। बताया जाता ही कि तीनों मुलाजिमों की गिरफ्तारी के लिए तीन अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं, वे लगातार दबिश दे रही हैं, लेकिन तीनों मुलाजिमों का कोई सुराग नहीं लग पा रहा है, उनके मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ आ रहे हैं।

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बता दें कि थाना कोट ईसे खां पुलिस ने दो अप्रैल 2016 को काका सिंह निवासी मोहल्ला अंगदपुरा को 260 ग्राम नशीले पाउडर समेत गिरफ्तार किया था। उसे बाद में अदालत से जमानत मिल गई थी। इस केस की सुनवाई स्थानीय एडीशनल जिला एवं सेशन जज सोनिया किन्नरा की अदालत में चल रही है। 12 सितंबर 2016 को आरोपित काका सिंह किसी कारण अदालत में से गैर हाजिर हो गया तो अदालत ने उसकी जमानत रद कर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए थे। बाद में काका सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दायर की थी। जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान पता चला कि एनडीपीएस जैसे संगीन मामले में गवाह हेड कांस्टेबल सरबन सिंह, रैंक प्रमोशन पाकर एएसआई बने सुखदेव सिंह व हेड कांस्टेबल कर्मजीत सिंह भलूर 16 बार सम्मन जारी होने के बाद भी गवाही के लिए नहीं पहुंचे थे, जिसका सीधा लाभ आरोपित को मिल रहा था। अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय अदालत को तीन दिन में गिरफ्टारी वारंट जारी करने के साथ ही एसएसपी को निर्देश दिए थे कि गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद सात दिनों के अंदर तीनों मुलाजिमों को गिरफ्तार कर उन्हें जब तक जेल में रखा जाये, तब तक कि गवाही पूरी नहीं हो जाती है। पुलिस की तीन टीमें दे रहीं दबिश

तीनों की गिरफ्तारी के लिए डीएसपी धर्मकोट यादविदर सिंह के नेतृत्व में एक अलग टीम बनी है। एक टीम एसएचओ धर्मकोट लखबिदर सिंह के नेतृत्व में बनाई गई है, तीसरी टीम सीआइए स्टाफ के नेतृत्व में बनाई गई है, तीनों ही टीमें लगातार दबिश दे रही हैं, लेकिन तीनों में से किसी का सुराग नहीं लग पा रहा है।


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